सारण: एक मशहूर कहावत है 'अगर जिद और जज्बा हो, तो उम्र सफलता के आड़े नहीं आती और इसी कहावत को चरितार्थ कर रही सारण में रहने वाली 76 वर्षीया सिस्टर ज्योति. महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए सिस्टर ज्योति को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया है.
जिसको लेकर सिस्टर ज्योति बताती हैं कि वे मूल रूप से केरल की निवासी है. वे 21 साल पहले मध्यप्रदेश से सारण आई हुई थीं. उन्होंने अपना पूरा जीवन महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वाबलंबी बनाने के लिए खपा दिया है.
JSPL फाउंडेशन की ओर से किया गया सम्मानित
इस बाबत सिस्टर ज्योति बताती है कि उन्हें जेएसपीएल फाउंडेशन की ओर से फाउंडेशन की अध्यक्ष शालू जिंदल ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेहतर कार्य को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसिद्ध सम्मान से सम्मानित किया है. जिसमें उन्हें एक प्रशस्ति पत्र, मेमोंटो और एक लाख रुपये का चेक मिला है. वे बताती है कि पूरे भारत से 27 लोगों को अवार्ड दिया गया है, जिसमें बिहार से मात्र दो लोगों का चयन किया गया था.
'महिलाएं किसी की मोहताज नहीं'
ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए 76 वर्षीय सिस्टर ज्योति ने कहा कि मुझें इस बात की जिद थी कि महिलाएं किसी की मोहताज न हों और वे घर की चहारदीवारी से निकलकर खुद का रोजगार करें. उनके प्रयास के कारण क्षेत्र की 3 हजार से ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मिला चुका है कई पुरस्कार
मूल रूप से केरल की रहने वाली ज्योति 20 साल पहले सारण की धरती पर आई थी. उनको समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है.सिस्टर ज्योति के वजह से स्वयं सहायता समूहों ने मिलकर एक एकता सहकारी समिति बैंक बनाया है. जिसमें महिलाओं ने मिलकर करीब दो करोड़ की पूंजी जमा की है. जमा पूंजी से महिलाएं ऋण लेकर सर्फ, मोमबत्ती और कई अन्य काम करती हैं.