सारण: यूपी और बिहार की सीमा वाले क्षेत्र के सरयू नदी स्थित मांझी प्रखंड के राम घाट को विकास और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इस घाट को अब श्रीराम अटल घाट के नाम से जाना जाएगा. इस घाट को सुव्यवस्थित और सुंदर करने के लिए नमामि गंगे योजना के तहत लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च कर घाट का विकास किया जाएगा.
दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां महराजगंज से बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने इसी नदी में समर्पित किया था. इसके बाद से इस नदी का विकास और इसका जीर्णोधार की कवायद चल रही थी. नदी परिसर को सौंदर्यीकरण कर इसका नाम श्रीराम अटल घाट रखा जाएगा.
घाट के जीर्णोद्धार पर विमर्श
इसको लेकर कुछ दिनों पहले महाराजगंज के बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने बुडको के सहायक अभियंता आंनद मोहन सिंह, सेन एंड लाल कॉन्सल्टेंट्स के सीनियर आर्किटेक्ट अभिषेक कुमार और मांझी के अंचल पदाधिकारी दिलीप कुमार के साथ राम घाट का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान इस घाट का जीर्णोद्धार करने को लेकर सभी अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया गया.
सांसद ने दी जानकारी
इस संबंध में सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि बिहार और यूपी को जोड़ने वाली रेल पुल है. यह दो दिलों को जोड़ने वाली जयप्रभा सेतु के बीच नदी तल से ऊपर लगभग 20 मीटर चौड़ा और 400 मीटर लंबा वाला पक्के घाट का निर्माण कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि घाट के मध्य में पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की याद में एक अटल स्मृति भवन के साथ ही पार्क का निर्माण भी किया जाएगा. वहीं, यहां कपड़े बदलने के लिए घाट पर एक मल्टीपर्पस भवन का भी निर्माण होगा. जनार्दन सिग्रीवाल ने कहा कि घाट के ऊपर फुटपाथ, पेयजल और पार्किंग जोन का निर्माण बनाया जाएगा. साथ ही घाटों पर एक दर्जन से ज्यादा हाई मास्क लाइट भी लगाए जाएंगे.
20 फीट चौड़ाई वाले होंग संपर्क पथ
सांसद सिग्रीवाल ने कहा कि मांझी-छपरा मुख्य मार्ग पर स्थित मांझी चट्टी और जयप्रभा सेतु के ओवर ब्रीज से सेतु के समानांतर राम घाट तक जाने के लिए लगभग 20 फीट चौड़ाई वाले दो संपर्क पथों का भी निर्माण किया जाएगा. मांझी चट्टी पर एक अटल द्वार बनेगा. स्थान घाट के सीढ़ी पर पानी वाले भाग में स्थायी बैरिकेडिंग होगी.
परिसर में ये भी होंगे निर्माण
बता दें कि सबसे खास बात यह है कि देश के लगभग पांच दर्जन से ज्यादा घाटों में मांझी के सरयू नदी तट स्थित राम घाट को भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि विसर्जन के लिए केन्द्र सरकार की ओर से चयनित किया गया था. राम घाट और बहोरन सिंह टोला के समीप स्थित सैकड़ों वर्ष पुराने बरगद और पीपल के पेड़ को चबूतरा के माध्यम से संरक्षित किया जाएगा. इसके अलावा मांझी श्मशान घाट पर लगभग 100 फुट चौड़ा पक्का घाट बनेगा. उक्त घाट पर शेडयुक्त चार शवदाह गृह और दो शौचालय और मांझी प्रखंड मुख्यालय के पास से घाट तक 12 फुट चौड़ी पक्की सड़क और मोक्ष धाम प्रवेश द्वार का निर्माण और प्रकाश की बेहतर व्यवस्था की जाएगी.
बताया जाता है कि मांझी राम घाट और श्मशान घाट का डीपीआर दो माह के अंदर तैयार कर लिया जाएगा. डीपीआर बनने के बाद एनएमसीजी को भेजने की प्रक्रिया के साथ ही डीपीआर बनाने का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने की योजना हैं. इसके बाद टेंडर की प्रकिया पूरी होगी, क्योंकि मात्र दो वर्षों के अंदर ही श्रीराम अटल घाट और श्मशान घाट का निर्माण कार्य पूरा करना है.