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गीत गा रौनक ने बिहारी अंदाज में की शिकायत- 'बंगाल जाने से क्यों लजाते हो कोरोना..'

सारण का रहने वाला रौनक इन दिनों सोशल मीडिया पर अपने गानों को लेकर खूब वायरल हो रहा है. रौनक ने कोरोना केकारण बंद हुए स्कूलों और बंगाल में चुनाव को लेकर एक व्यंग्य गीत गाया है. बता दें कि रौनक के पिता ने इस गाने को तब लिखा, जब रौनक और वे स्कूल बंद किए जाने के बारे में बातें कर रहे थे.

स्कूल क्यों आते हो कोरोना
स्कूल क्यों आते हो कोरोना
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Published : Apr 19, 2021, 11:47 AM IST

Updated : Apr 19, 2021, 2:45 PM IST

पटनाः 'हमको लगता है तुम केवल डरते हो चुनाव से. जाता हूं स्कूल तुम भी आ जाते हो चाव से. मेरे सरजी का दिल तुम दुखाते हो कोरोना. खुलते मेरा स्कूल तुम आ जाते हो कोरोना. हिम्मत है तो आज अभी बंगाल जा के देखो. नेतागण वहीं हैं तुम तत्काल जा के देखो. वहां जाने से तुम क्यों लजाते हो कोरोना. खुलते मेरा स्कूल तुम आ जाते हो कोरोना... यह गाना किसी पार्टी दल ने नहीं गाया. ना ही किसी शिक्षक ने गाया है. यह गाना तो अपने स्कूल से प्रेम करनेवाले एक बच्चे ने गाया है. जो कोरोना के कारण बंद स्कूल से परेशान है. बच्चे का यह वीडियो रातोंरात वायरल हो गया है. बच्चा सारण का रहनेवाला रौनक कुमार है.

देखें रौनक की पूरी गीत

यह भी पढ़ें- चित्रकार अनिल कुमार ने 450 मीटर की पेंटिंग में अंग की धरोहर को दर्शाया, बिना ब्रश से बनाई पेंटिंग

तीसरी कक्षा के छात्र
कई बार सोशल मीडिया पर अपलोड हुए फोटो और वीडियो इतने वायरल हो जाते हैं कि लोग रातों-रात स्टार बन जाते हैं. ऐसा ही कुछ सारण के रौनक नामक युवक के साथ हुआ है. यह नन्हा सा बच्चा बिहार के सारण जिले का रहने वाला है. एकमा बाजार स्थित तुरियम मिशन स्कूल में तीसरे वर्ग का छात्र है. कोरोना महामारी को लेकर विद्यालयों में ताला जड़ जाने को लेकर नेताओं पर कटाक्ष करते हुए इस होनहार बच्चे ने अपनी गायिकी के माध्यम से एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

परिवार के साथ रौनक
परिवार के साथ रौनक

वायरल हो गया है वीडियो
रौनक अपने पिता के लिखे गीत को गाकर सुर्खियों में आ गया है. दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का गीत इतना फेमस हुआ है कि कई लोगों ने रौनक को अपने जिले व राज्य का बता वाहवाही बटोर लिया है. जबकि सच्चाई कुछ और ही है. सोशल मीडिया पर रातों रात लाखों लोगों की पसंद बने रौनक कोई और नहीं बल्कि बिहार के सारण जिलान्तर्गत मांझी थाना क्षेत्र के ताजपुर फुलवारियां गांव निवासी हैं. पिता रत्नेश रतन और माता सुष्मिता सिंह का 10 वर्षीय पुत्र है. जो गांव में ही रहकर एकमा के तुरियम मिशन स्कूल में तृतीय वर्ग में पढ़ाई करता है.

रौनक
रौनक

अचानक ही लिखा चला गया गाना
पिछले दिनों यह बालक अपने पिता के साथ बैठा था. वे दोनों कोरोना संक्रमण के कारण बंद हुए अपने विद्यालय और गिरती शिक्षा वयवस्था पर चर्चा कर रहे थे. रौनक के पिता लोकगायक व गीतकार भी हैं. उन्होंने बालक की व्यथा को अपने गीतों में ढाल दिया. फिर रौनक ने भी अपना काम कर दिया. इस नन्हे फनकार ने जो कोरोना महामारी को लेकर बड़ा सवाल देश के नीति निर्धारकों के समक्ष खड़ा किया है. उस गीत को पिता ने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया.

पिता रत्नेश रतन के साथ रियाज करता रौनक
पिता रत्नेश रतन के साथ रियाज करता रौनक

कई चैनलों पर भी छाया वीडियो
सरकारी व्यवस्था पर तंज कसता यह वीडियो रातों-रात इतना वायरल हो गया कि वीडियो को एक रात में लाखों लोगों के लाइक्स औऱ व्यूज मिले. सोशल मीडिया के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के कई टीवी चैनलों ने भी बालक के इस वीडियो को न्यूज बनाकर चलाया. जहां किसी ने बालक को बिहार के शिवहर का तो किसी ने मध्यप्रदेश का बताया.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- चित्रकार अनिल कुमार ने 450 मीटर की पेंटिंग में अंग की धरोहर को दर्शाया, बिना ब्रश से बनाई पेंटिंग

RAW

'सोशल मीडिया पर वायरल गीत "खुलते मेरे स्कूल क्यों आ जाते हो कोरोना... नेताजी की रैली में क्यों नहीं जाते हो कोरोना'' मेरा लिखा गाना है. गाना पूरे देश के छात्रों की आवाज बन गया है. कोरोना के कारण एक साल से पढ़ाई की व्यवस्था दयनीय है. पिछले साल सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए. जारी नई गाइडलाइन के अनुसार संक्रमण फैलने की डर से शिक्षा विभाग को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. जबकि दूसरी तरफ चुनाव, बैठक, रैली अन्य कर्यालयों में कामकाज चल रहा है. सरकार को शिक्षा विभाग के प्रति उदासीन रवैया समझ से परे है. जो कहीं ना कहीं सरकार के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. हमने बच्चों के दर्द को एक गीत बना कर सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया है.' -रत्नेश रतन, रौनक के पिता

पढ़ाई करने जाता रौनक
पढ़ाई करने जाता रौनक

परिचितों ने भेजा वीडियो
वायरल वीडियो के बाद इनके परिवार में काफी खुशी का माहौल है. परिवार में किसी को अंदाजा भी नहीं था कि ग्रामीण क्षेत्र में रहकर पढ़ाई करने वाला बालक रातों-रात इस कदर फेमस हो जाएगा. मीडिया में जब खबर चली तो परिचितों ने परिजनों को वायरल वीडियो भेजकर पूछा कि यह माजरा क्या है? अपने घर के लाल को कहीं और का क्यों बताया जा रहा है.

सुष्मिता सेन, रौनक की मां
सुष्मिता सेन, रौनक की मां

'ऑनलाइन वर्ग संचालन उतना कारगर नहीं है, जितना वर्ग में बैठकर पढ़ना. बच्चो के मानसिक स्थिति को देखते हुए जैसे चुनाव, रैली, सरकारी कार्यालय में, बाजार चौक, चौराहों पर व्यवस्था की जा रही है. वैसे स्कूल कॉलेज को भी संचालित किया जाना चाहिए.' -सुष्मिता सिंह, रौनक की माता

मां के साथ रौनक
मां के साथ रौनक

दादा भी हैं गायक
बताते चलें कि रौनक के पिता रत्नेश रतन भी एक गायक हैं और दादा उमेश सिंह अवकाश प्राप्त शिक्षक हैं. दादा उच्च विद्यालय ताजपुर के प्रधानाचार्य रह चुके हैं. यहीं नहीं वे एक ख्यातिप्राप्त कलाकार भी हैं. उन्होंने बताया कि वे दूरदर्शन और आकाशवाणी के माध्यम से प्रस्तुत किए जाने वाले काफी लोकगीतों में अपनी आवाज दी है. उनकी संगीत विरासत को रौनक रतन आगे बढ़ाए, ये शुभकामना है.

हारमोनियम बजाता रौनक
हारमोनियम बजाता रौनक

यह भी पढ़ें- टैटू के जरिए खामियों को छिपाकर रूप निखारते हैं पटना के महिपाल

यह भी पढ़ें- लाचार हैं बिहार के कलाकार, सरकार की योजनाओं का नहीं मिल रहा फायदा

यह भी पढ़ें- बिहार की संस्कृति को बचाने के लिए 25 साल से 'लौंडा नाच' कर रहे उदय दाने-दाने को मोहताज

पटनाः 'हमको लगता है तुम केवल डरते हो चुनाव से. जाता हूं स्कूल तुम भी आ जाते हो चाव से. मेरे सरजी का दिल तुम दुखाते हो कोरोना. खुलते मेरा स्कूल तुम आ जाते हो कोरोना. हिम्मत है तो आज अभी बंगाल जा के देखो. नेतागण वहीं हैं तुम तत्काल जा के देखो. वहां जाने से तुम क्यों लजाते हो कोरोना. खुलते मेरा स्कूल तुम आ जाते हो कोरोना... यह गाना किसी पार्टी दल ने नहीं गाया. ना ही किसी शिक्षक ने गाया है. यह गाना तो अपने स्कूल से प्रेम करनेवाले एक बच्चे ने गाया है. जो कोरोना के कारण बंद स्कूल से परेशान है. बच्चे का यह वीडियो रातोंरात वायरल हो गया है. बच्चा सारण का रहनेवाला रौनक कुमार है.

देखें रौनक की पूरी गीत

यह भी पढ़ें- चित्रकार अनिल कुमार ने 450 मीटर की पेंटिंग में अंग की धरोहर को दर्शाया, बिना ब्रश से बनाई पेंटिंग

तीसरी कक्षा के छात्र
कई बार सोशल मीडिया पर अपलोड हुए फोटो और वीडियो इतने वायरल हो जाते हैं कि लोग रातों-रात स्टार बन जाते हैं. ऐसा ही कुछ सारण के रौनक नामक युवक के साथ हुआ है. यह नन्हा सा बच्चा बिहार के सारण जिले का रहने वाला है. एकमा बाजार स्थित तुरियम मिशन स्कूल में तीसरे वर्ग का छात्र है. कोरोना महामारी को लेकर विद्यालयों में ताला जड़ जाने को लेकर नेताओं पर कटाक्ष करते हुए इस होनहार बच्चे ने अपनी गायिकी के माध्यम से एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

परिवार के साथ रौनक
परिवार के साथ रौनक

वायरल हो गया है वीडियो
रौनक अपने पिता के लिखे गीत को गाकर सुर्खियों में आ गया है. दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का गीत इतना फेमस हुआ है कि कई लोगों ने रौनक को अपने जिले व राज्य का बता वाहवाही बटोर लिया है. जबकि सच्चाई कुछ और ही है. सोशल मीडिया पर रातों रात लाखों लोगों की पसंद बने रौनक कोई और नहीं बल्कि बिहार के सारण जिलान्तर्गत मांझी थाना क्षेत्र के ताजपुर फुलवारियां गांव निवासी हैं. पिता रत्नेश रतन और माता सुष्मिता सिंह का 10 वर्षीय पुत्र है. जो गांव में ही रहकर एकमा के तुरियम मिशन स्कूल में तृतीय वर्ग में पढ़ाई करता है.

रौनक
रौनक

अचानक ही लिखा चला गया गाना
पिछले दिनों यह बालक अपने पिता के साथ बैठा था. वे दोनों कोरोना संक्रमण के कारण बंद हुए अपने विद्यालय और गिरती शिक्षा वयवस्था पर चर्चा कर रहे थे. रौनक के पिता लोकगायक व गीतकार भी हैं. उन्होंने बालक की व्यथा को अपने गीतों में ढाल दिया. फिर रौनक ने भी अपना काम कर दिया. इस नन्हे फनकार ने जो कोरोना महामारी को लेकर बड़ा सवाल देश के नीति निर्धारकों के समक्ष खड़ा किया है. उस गीत को पिता ने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया.

पिता रत्नेश रतन के साथ रियाज करता रौनक
पिता रत्नेश रतन के साथ रियाज करता रौनक

कई चैनलों पर भी छाया वीडियो
सरकारी व्यवस्था पर तंज कसता यह वीडियो रातों-रात इतना वायरल हो गया कि वीडियो को एक रात में लाखों लोगों के लाइक्स औऱ व्यूज मिले. सोशल मीडिया के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के कई टीवी चैनलों ने भी बालक के इस वीडियो को न्यूज बनाकर चलाया. जहां किसी ने बालक को बिहार के शिवहर का तो किसी ने मध्यप्रदेश का बताया.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- चित्रकार अनिल कुमार ने 450 मीटर की पेंटिंग में अंग की धरोहर को दर्शाया, बिना ब्रश से बनाई पेंटिंग

RAW

'सोशल मीडिया पर वायरल गीत "खुलते मेरे स्कूल क्यों आ जाते हो कोरोना... नेताजी की रैली में क्यों नहीं जाते हो कोरोना'' मेरा लिखा गाना है. गाना पूरे देश के छात्रों की आवाज बन गया है. कोरोना के कारण एक साल से पढ़ाई की व्यवस्था दयनीय है. पिछले साल सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए. जारी नई गाइडलाइन के अनुसार संक्रमण फैलने की डर से शिक्षा विभाग को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. जबकि दूसरी तरफ चुनाव, बैठक, रैली अन्य कर्यालयों में कामकाज चल रहा है. सरकार को शिक्षा विभाग के प्रति उदासीन रवैया समझ से परे है. जो कहीं ना कहीं सरकार के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. हमने बच्चों के दर्द को एक गीत बना कर सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया है.' -रत्नेश रतन, रौनक के पिता

पढ़ाई करने जाता रौनक
पढ़ाई करने जाता रौनक

परिचितों ने भेजा वीडियो
वायरल वीडियो के बाद इनके परिवार में काफी खुशी का माहौल है. परिवार में किसी को अंदाजा भी नहीं था कि ग्रामीण क्षेत्र में रहकर पढ़ाई करने वाला बालक रातों-रात इस कदर फेमस हो जाएगा. मीडिया में जब खबर चली तो परिचितों ने परिजनों को वायरल वीडियो भेजकर पूछा कि यह माजरा क्या है? अपने घर के लाल को कहीं और का क्यों बताया जा रहा है.

सुष्मिता सेन, रौनक की मां
सुष्मिता सेन, रौनक की मां

'ऑनलाइन वर्ग संचालन उतना कारगर नहीं है, जितना वर्ग में बैठकर पढ़ना. बच्चो के मानसिक स्थिति को देखते हुए जैसे चुनाव, रैली, सरकारी कार्यालय में, बाजार चौक, चौराहों पर व्यवस्था की जा रही है. वैसे स्कूल कॉलेज को भी संचालित किया जाना चाहिए.' -सुष्मिता सिंह, रौनक की माता

मां के साथ रौनक
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दादा भी हैं गायक
बताते चलें कि रौनक के पिता रत्नेश रतन भी एक गायक हैं और दादा उमेश सिंह अवकाश प्राप्त शिक्षक हैं. दादा उच्च विद्यालय ताजपुर के प्रधानाचार्य रह चुके हैं. यहीं नहीं वे एक ख्यातिप्राप्त कलाकार भी हैं. उन्होंने बताया कि वे दूरदर्शन और आकाशवाणी के माध्यम से प्रस्तुत किए जाने वाले काफी लोकगीतों में अपनी आवाज दी है. उनकी संगीत विरासत को रौनक रतन आगे बढ़ाए, ये शुभकामना है.

हारमोनियम बजाता रौनक
हारमोनियम बजाता रौनक

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Last Updated : Apr 19, 2021, 2:45 PM IST
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