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सारण के नीरज यूरोप में तलाशेंगे विकास के नए अवसर, खेल मंत्रालय को सौपेंगे रिपोर्ट - बिहार न्यूज

नीरज कुमार युवाओं का सामुदायिक विकास कैसे हो ?  इसके लिए एशिया के सभी देशों का भ्रमण करने के बाद, वह पूरे विश्व में युवाओं के सामुदायिक विकास को लेकर नए अवसर तलाशने का काम करने वाले हैं.

सारण
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Published : Feb 7, 2020, 11:49 AM IST

Updated : Feb 10, 2020, 12:38 PM IST

सारणः जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र पानापुर थाना क्षेत्र के पकड़ी नरोत्तम गांव निवासी नीरज कुमार एशिया महादेश के लगभग 8 देशों के युवाओं को प्रशिक्षित कर विश्व स्तर पर अपना परचम लहराने के लिए यूरोप जाने की तैयारी में हैं. सामुदायिक विकास के कार्यक्रमों को लेकर वह जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, फ्रांस और स्विट्जरलैंड जाने के लिए चयन हुआ है. यहां नीरज कुमार शासकीय प्रणाली के साथ जुड़ कर गुड गवर्नेंस पूरे विश्व में युवाओं के भविष्य को लेकर नए अवसर तलाशने का काम करेंगे.

राजीव गांधी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ यूथ डेवलपमेंट से की है पढ़ाई
बता दें कि नीरज अभी तमिलनाडु के राजीव गांधी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ यूथ डेवलपमेंट जैसी विश्व विख्यात संस्थान से जुड़ कर अपनी पढ़ाई के साथ-साथ युवाओं का सामुदायिक विकास कैसे हो ? इसके लिए एशिया के सभी देशों का भ्रमण करने के बाद, वह पूरे विश्व में युवाओं के सामुदायिक विकास को लेकर नए अवसर तलाशने का काम करने वाले हैं.

विशेष रिपोर्ट.

खेल मंत्रालय को सौंपेंगे रिपोर्ट
नीरज कुमार उन व्यवस्थाओं के विशेष पहलू को लेकर भारत वापस आएंगे. .यहां वह अपने संस्थान के माध्यम से भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे. जिसके आधार पर भारत में भी यूरोपियन देशों के बेहतर कार्यप्रणाली को लागू करने के प्रयास किया जाएगा.

'आर्थिक स्थिति बन रही बाधा'
नीरज का पारिवारिक पृष्ठभूमि कमजोर होने के बावजूद पिता एक छोटी सी पान की दुकान के बदौलत अपने बेटे के सपनों को साकार करने के लिए संघर्षरत है. हालांकि पहले नीरज खुद पान की दुकान भी चलाया करते थे. जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो सके, लेकिन बाद के दिनों में नेहरू युवा केंद्र से जुड़कर शिक्षा ली. बिना किसी सरकारी सहयोग के इतनी दूरी तक का सफर तय करने वाले नीरज ने बताया कि पढ़ाई तो किसी भी तरह से पूरी कर लिया हूं, लेकिन विदेशों का भ्रमण करने के लिए आर्थिक स्थिति की बाधा आ रही है.

सारणः जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र पानापुर थाना क्षेत्र के पकड़ी नरोत्तम गांव निवासी नीरज कुमार एशिया महादेश के लगभग 8 देशों के युवाओं को प्रशिक्षित कर विश्व स्तर पर अपना परचम लहराने के लिए यूरोप जाने की तैयारी में हैं. सामुदायिक विकास के कार्यक्रमों को लेकर वह जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, फ्रांस और स्विट्जरलैंड जाने के लिए चयन हुआ है. यहां नीरज कुमार शासकीय प्रणाली के साथ जुड़ कर गुड गवर्नेंस पूरे विश्व में युवाओं के भविष्य को लेकर नए अवसर तलाशने का काम करेंगे.

राजीव गांधी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ यूथ डेवलपमेंट से की है पढ़ाई
बता दें कि नीरज अभी तमिलनाडु के राजीव गांधी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ यूथ डेवलपमेंट जैसी विश्व विख्यात संस्थान से जुड़ कर अपनी पढ़ाई के साथ-साथ युवाओं का सामुदायिक विकास कैसे हो ? इसके लिए एशिया के सभी देशों का भ्रमण करने के बाद, वह पूरे विश्व में युवाओं के सामुदायिक विकास को लेकर नए अवसर तलाशने का काम करने वाले हैं.

विशेष रिपोर्ट.

खेल मंत्रालय को सौंपेंगे रिपोर्ट
नीरज कुमार उन व्यवस्थाओं के विशेष पहलू को लेकर भारत वापस आएंगे. .यहां वह अपने संस्थान के माध्यम से भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे. जिसके आधार पर भारत में भी यूरोपियन देशों के बेहतर कार्यप्रणाली को लागू करने के प्रयास किया जाएगा.

'आर्थिक स्थिति बन रही बाधा'
नीरज का पारिवारिक पृष्ठभूमि कमजोर होने के बावजूद पिता एक छोटी सी पान की दुकान के बदौलत अपने बेटे के सपनों को साकार करने के लिए संघर्षरत है. हालांकि पहले नीरज खुद पान की दुकान भी चलाया करते थे. जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो सके, लेकिन बाद के दिनों में नेहरू युवा केंद्र से जुड़कर शिक्षा ली. बिना किसी सरकारी सहयोग के इतनी दूरी तक का सफर तय करने वाले नीरज ने बताया कि पढ़ाई तो किसी भी तरह से पूरी कर लिया हूं, लेकिन विदेशों का भ्रमण करने के लिए आर्थिक स्थिति की बाधा आ रही है.

Intro:Anchor:- युवाओं के सामुदायिक विकास के कार्यक्रमों को लेकर सारण के युवा देश ही नहीं बल्कि एशिया महादेश के लगभग 8 देशों के युवाओं को प्रशिक्षित कर विश्व स्तर पर अपना परचम लहराने के लिए यूरोप जाने की तैयारी में है.


सारण के नीरज अभी तमिलनाडु के राजीव गांधी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ यूथ डेवलपमेंट जैसी विश्व विख्यात संस्थान से जुड़ कर अपनी पढ़ाई के साथ-साथ युवाओं का सामुदायिक कैसे हो इसके लिए एशिया के सभी देशों का भ्रमण करने के बाद अब पूरे विश्व में युवाओं के भविष्य को लेकर नए अवसर तलाशने का काम करने वाले है.


Body:सारण जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र पानापुर थाना क्षेत्र के पकड़ी नरोत्तम गांव निवासी प्रमोद सिंह के 27 वर्षीय पुत्र नीरज कुमार सिंह ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान बताया कि जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, फ्रांस एवं स्विट्जरलैंड जाने के लिए चयन हुआ है, जहां की शासकीय प्रणाली के साथ जुड़ कर गुड गवर्नेंस के नए अवसर तलाश करेंगे.

साथ ही उन व्यवस्थाओं के विशेष पहलू को लेकर भारत वापस आएंगे और अपने संस्थान के माध्यम से भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे, जिसके आधार पर भारत में भी यूरोपियन देशों के बेहतर कार्यप्रणाली को लागू करने के प्रयास किए जाएंगे.

byte:-नीरज कुमार सिंह, युवाओं के आइकॉन


Conclusion:नीरज का पारिवारिक पृष्ठभूमि बहुत ही कमजोर होने के बावजूद पिता एक छोटी सी पान की दुकान के बदौलत अपने बेटे के सपनों को साकार करने के लिए संघर्षरत है. हालांकि पहले भी नीरज खुद पान की दुकान भी चलाया करते थे जिससे अपने परिवार का भरण पोषण हो सके लेकिन बाद के दिनों में नेहरू युवा केन्द्र से जुड़कर नक्सल प्रभावित व गंडकी नदी के कटाव साथ ही बेहद ग़रीबी से अपनी जीवन यापन करने वालों के बीच जाकर शिक्षा, स्वास्थ्य व सामाजिक कुरीतियों जैसी अन्य गतिविधियों को गति देने का काम कर चुके हैं.

वगैर किसी सरकारी सहयोग के इतनी दूरी तक का सफऱ तय करने वाले नीरज ने बताया कि पढ़ाई तो किसी भी तरह से पूरी कर लिया हूं लेकिन विदेशों का भ्रमण करने के लिए आर्थिक स्थिति बाधा आ रही हैं.

Last Updated : Feb 10, 2020, 12:38 PM IST
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