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छपरा: मछली व्यवसाईयों पर मंदी की मार, फीका हुआ त्योहार

छपरा में पहले बाढ़ ने मछली व्यवसाईयों को चिंता बढ़ा दी थी. अब त्योहारी मौसम में मछली की बिक्री न होने से व्यवसाईयों के चेहरे पर मायुसी छा गई है.

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Published : Nov 9, 2020, 3:35 AM IST

Updated : Nov 9, 2020, 11:42 AM IST

chapra
मछली व्यवसाय

सारण(छपरा): जिले के तरैया में महीनों तक तबाही के रूप में रहे बाढ़ की परेशानी से लोगों को धीरे-धीरे निजात मिलना शरु हो गई है, लेकिन खेतों में पानी अब तक नहीं सूखने कारण किसानों में चिंता देखी जा रही है. वहीं पानी घटते ही विभिन्न गड्ढों, नदी और तालाबों से मछली निकालकर अपना जीवनयापन करने वाले मछली व्यवसाईयों के चेहरे पर त्योहारों के कारण फीके पड़ने लगे हैं.

त्योहारी सीजन में मछली व्यवसाय ठप
पिछले दिनों दुर्गा पूजा के वजह से मछली की खपत कम होने के कारण सब्जियों की खपत बढ़ गई थी. तब सब्जियों के भाव आसमान छूने लगे थे, लेकिन दुर्गा पूजा बीतते ही मछली व्यवसायियों की चांदी हो चुकी थी और उनका जीवनयापन अच्छे से चल रहा था. लेकिन पुनः दीपावली और छठ पूजा का त्योहार नजदीक आते ही मछली व्यवसायियों का व्यवसाय मंदा होने लगा है. जिस कारण उनके चेहरे फिर से बुझे-बुझे हुए दिख रहे हैं. व्यवसायी नदियों और तालाबों से मछली निकाल कर औने-पौने दामों पर बाहर भेजने को मजबूर हो रहे हैं.

मछली व्यवसाईयों पर मंदी की मार

मछली व्यवसायइयों के चेहरे पर मायुशी
पचभिणडा निवासी बच्चा सहनी ने बताया कि आमतौर पर बाढ़ का पानी उतरने के बाद क्षेत्र के नदी, तालाबों और गड्ढों में मछलियां अधिक मात्रा में पाई जाती हैं. जिससे हमलोगों का जीवनयापन अच्छे से चल जाता है, लेकिन इस बार बाढ़ के पानी उतरने के तुरंत बाद ही त्योहारों के सीजन शुरू होने की वजह से मछली व्यवसाईयों में काफी निराशा हो गई है. अब तो व्यवसायी अन्य राज्यों में मछलियां भेजने को विवश हो रहे है. वही बिहार में कार्तिक माह , दीपावली और छठ जैसे महापर्व को लेकर भी लोगों में मछली के प्रति आकर्षण कम हुआ है.

सारण(छपरा): जिले के तरैया में महीनों तक तबाही के रूप में रहे बाढ़ की परेशानी से लोगों को धीरे-धीरे निजात मिलना शरु हो गई है, लेकिन खेतों में पानी अब तक नहीं सूखने कारण किसानों में चिंता देखी जा रही है. वहीं पानी घटते ही विभिन्न गड्ढों, नदी और तालाबों से मछली निकालकर अपना जीवनयापन करने वाले मछली व्यवसाईयों के चेहरे पर त्योहारों के कारण फीके पड़ने लगे हैं.

त्योहारी सीजन में मछली व्यवसाय ठप
पिछले दिनों दुर्गा पूजा के वजह से मछली की खपत कम होने के कारण सब्जियों की खपत बढ़ गई थी. तब सब्जियों के भाव आसमान छूने लगे थे, लेकिन दुर्गा पूजा बीतते ही मछली व्यवसायियों की चांदी हो चुकी थी और उनका जीवनयापन अच्छे से चल रहा था. लेकिन पुनः दीपावली और छठ पूजा का त्योहार नजदीक आते ही मछली व्यवसायियों का व्यवसाय मंदा होने लगा है. जिस कारण उनके चेहरे फिर से बुझे-बुझे हुए दिख रहे हैं. व्यवसायी नदियों और तालाबों से मछली निकाल कर औने-पौने दामों पर बाहर भेजने को मजबूर हो रहे हैं.

मछली व्यवसाईयों पर मंदी की मार

मछली व्यवसायइयों के चेहरे पर मायुशी
पचभिणडा निवासी बच्चा सहनी ने बताया कि आमतौर पर बाढ़ का पानी उतरने के बाद क्षेत्र के नदी, तालाबों और गड्ढों में मछलियां अधिक मात्रा में पाई जाती हैं. जिससे हमलोगों का जीवनयापन अच्छे से चल जाता है, लेकिन इस बार बाढ़ के पानी उतरने के तुरंत बाद ही त्योहारों के सीजन शुरू होने की वजह से मछली व्यवसाईयों में काफी निराशा हो गई है. अब तो व्यवसायी अन्य राज्यों में मछलियां भेजने को विवश हो रहे है. वही बिहार में कार्तिक माह , दीपावली और छठ जैसे महापर्व को लेकर भी लोगों में मछली के प्रति आकर्षण कम हुआ है.

Last Updated : Nov 9, 2020, 11:42 AM IST
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