सरन(छपरा): भारतीय रेल का जिस तेजी के साथ निजीकरण और इसकी सेवाओं का भी निजीकरण किया जा रहा है. इसको लेकर रेल कर्मचारियों में असंतोष तो है ही वहीं प्राइवेट ठेकेदारों द्वारा रखे गए व्यक्तियों के द्वारा भी समय से वेतन न मिलने और कम वेतन मिलने की बात पर काफी आक्रोश है. इस कड़ी में रविवार को छपरा जंक्शन स्थित मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में काम कर रहे वर्करों ने अपनी मांगों के समर्थन में जमकर हंगामा किया है और रेल प्रशासन और उक्त कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की भी है.
रेलवे वर्कर्स ने वेतन ना देने का लगाया आरोप
दरअसल, वर्करों का का आरोप है की यहां पर जितने भी कर्मचारी काम कर रहे हैं कंपनी उनको समय से वेतन नहीं दे रही है और जो वेतन दे रही है वह भी काफी कम दे रही है. जबकि, कर्मचारियों का वेतन एग्रीमेंट के हिसाब से काफी अधिक है. इसी के चलते कर्मचारियों में खासा आक्रोश है.
अधिकारियों ने बनाई कर्मचारियों से दूरी
वर्करों ने बताया कि आज कोई भी अधिकारी कर्मचारियों के उग्र रूप को देखकर कार्यालय में नही दिखाई दिया है और इस विषय पर बोलने के लिए कोई भी तैयार नहीं है वहीं, उन्होंने आरोप लगाया है कि रेलवे द्वारा एसी कोचों में तकिया, चादर, कंबल देने का काम प्राइवेट कोच अटेंडेंट के माध्यम से कराया जा रहा है और प्राइवेट कांट्रेक्टर के द्वारा ट्रेन में प्राइवेट रुप से कोच अटेंडेंट रखे गए हैं.
रेलवे के वर्करों ने ज्यादा काम कराने का लगाया आरोप
वर्करों ने आगे आरोप लगाते हुए बताया कि इनसे काफी काम कराया जाता है और उसके बदले में उनके वेतन में कटौती कर दी जाती है. इसके अलावा कंबल और चादर गायब होने पर भी उनका वेतन काट लिया जाता है. ऐसे में इतने कम वेतन में कार्य करने से और समय से वेतन न मिलने से कॉटेक्टरों के प्रति इन लोगों में काफी आक्रोश है.