छपरा: दस साल पहले जिले के रसूलपुर में हुए तिहरे हत्याकांड के सजायाफ्ता कैदी इशनाथ यादव की मंडल कारा में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. शुक्रवार की सुबह परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां पर इशनाथ यादव की मौत की खबर मिली. परिजन इस पूरे मामले को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं. उन्होंने इस घटना के लिए जेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि जेल में हुए इस मौत के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं
'अस्पताल आने के पहले ही हो गई थी मौत'
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राकेश कुमार राय का कहना है कि जेल से एक कैदी को लाया गया था. जब उस कैदी की जांच की गई तो पता चला कि उसकी मौत पहले ही हो चुकी है. लेकिन जेल प्रशासन ने कहा कि कुछ देर के लिए इसका इलाज कीजिए. डॉ. राय ने कहा कि मृत आदमी का इलाज कैसे हो सकता है. वहीं, मृतक कैदी के अधिवक्ता ने बताया कि जेल प्रशासन की लापरवाही के वजह से इशनाथ यादव की मौत हुई हैं. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इलाज कराया गया होता तो उनकी मौत नहीं होती.
'ठीक से नहीं हो रहा था इलाज'
मृतक कैदी के पुत्र मुकेश कुमार ने बताया कि उसके पिता को पिछले तीन महीनों से मंडल कारा में थे. कुछ दिन पहले उनसे मिलने पर उन्होंने अपनी तबीयत खराब बताई थी. इस दौरान मुकेश ने बताया कि उसके पिता ने उससे कहा था कि जेल प्रशासन ठीक से इलाज नहीं करवा रहा है. साथ ही इलाज के लिए बाहर भी नहीं ले जा रहा है.
'जेल प्रशासन मौत का जिम्मेदार'
मुकेश ने कहा कि पिता की तबीयत खराब होने के बाद भी जेल प्रशासन उन्हें बेहतर इलाज नहीं दे रहा था. जेल प्रशासन की संवेदनहीनता और लापरवाही के कारण मेंरे पिता की मौत हो गई. बता दें कि शुक्रवार को मृतक इशनाथ का भतीजा उन्हें खाना देने आया था. उसने वहां अपने चाचा के स्ट्रेचर पर जाते देखा, जिसके बाद उसने परिजनों को इसकी सूचना दी.