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छपरा: जेल में संदिग्ध परिस्थिति में हुई कैदी की मौत, जेल प्रशासन पर आरोप

जिले के मंडल कारा में संदिग्ध परिस्थिति में कैदी की मौत हो गई. जिसके बाद मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि जेल प्रशासन ने ठीक ढंग से उनका (कैदी) इलाज नहीं करवाया. जिससे उनकी मृत्यु हो गई.

जेल में संदिग्ध स्थितियों में हुई कैदी की मौत
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Published : Sep 21, 2019, 6:59 AM IST

छपरा: दस साल पहले जिले के रसूलपुर में हुए तिहरे हत्याकांड के सजायाफ्ता कैदी इशनाथ यादव की मंडल कारा में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. शुक्रवार की सुबह परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां पर इशनाथ यादव की मौत की खबर मिली. परिजन इस पूरे मामले को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं. उन्होंने इस घटना के लिए जेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि जेल में हुए इस मौत के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं

छपरा
शव के सामने विलाप करते परिजन

'अस्पताल आने के पहले ही हो गई थी मौत'
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राकेश कुमार राय का कहना है कि जेल से एक कैदी को लाया गया था. जब उस कैदी की जांच की गई तो पता चला कि उसकी मौत पहले ही हो चुकी है. लेकिन जेल प्रशासन ने कहा कि कुछ देर के लिए इसका इलाज कीजिए. डॉ. राय ने कहा कि मृत आदमी का इलाज कैसे हो सकता है. वहीं, मृतक कैदी के अधिवक्ता ने बताया कि जेल प्रशासन की लापरवाही के वजह से इशनाथ यादव की मौत हुई हैं. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इलाज कराया गया होता तो उनकी मौत नहीं होती.

छपरा
मृतक के बारे में जानकारी देते डॉक्टर राकेश कुमार राय, सदर अस्पताल

'ठीक से नहीं हो रहा था इलाज'
मृतक कैदी के पुत्र मुकेश कुमार ने बताया कि उसके पिता को पिछले तीन महीनों से मंडल कारा में थे. कुछ दिन पहले उनसे मिलने पर उन्होंने अपनी तबीयत खराब बताई थी. इस दौरान मुकेश ने बताया कि उसके पिता ने उससे कहा था कि जेल प्रशासन ठीक से इलाज नहीं करवा रहा है. साथ ही इलाज के लिए बाहर भी नहीं ले जा रहा है.

जेल में संदिग्ध परिस्थिति में कैदी की मौत हुई

'जेल प्रशासन मौत का जिम्मेदार'
मुकेश ने कहा कि पिता की तबीयत खराब होने के बाद भी जेल प्रशासन उन्हें बेहतर इलाज नहीं दे रहा था. जेल प्रशासन की संवेदनहीनता और लापरवाही के कारण मेंरे पिता की मौत हो गई. बता दें कि शुक्रवार को मृतक इशनाथ का भतीजा उन्हें खाना देने आया था. उसने वहां अपने चाचा के स्ट्रेचर पर जाते देखा, जिसके बाद उसने परिजनों को इसकी सूचना दी.

छपरा
मृतक का पुत्र मुकेश राय

छपरा: दस साल पहले जिले के रसूलपुर में हुए तिहरे हत्याकांड के सजायाफ्ता कैदी इशनाथ यादव की मंडल कारा में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. शुक्रवार की सुबह परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां पर इशनाथ यादव की मौत की खबर मिली. परिजन इस पूरे मामले को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं. उन्होंने इस घटना के लिए जेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि जेल में हुए इस मौत के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं

छपरा
शव के सामने विलाप करते परिजन

'अस्पताल आने के पहले ही हो गई थी मौत'
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राकेश कुमार राय का कहना है कि जेल से एक कैदी को लाया गया था. जब उस कैदी की जांच की गई तो पता चला कि उसकी मौत पहले ही हो चुकी है. लेकिन जेल प्रशासन ने कहा कि कुछ देर के लिए इसका इलाज कीजिए. डॉ. राय ने कहा कि मृत आदमी का इलाज कैसे हो सकता है. वहीं, मृतक कैदी के अधिवक्ता ने बताया कि जेल प्रशासन की लापरवाही के वजह से इशनाथ यादव की मौत हुई हैं. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इलाज कराया गया होता तो उनकी मौत नहीं होती.

छपरा
मृतक के बारे में जानकारी देते डॉक्टर राकेश कुमार राय, सदर अस्पताल

'ठीक से नहीं हो रहा था इलाज'
मृतक कैदी के पुत्र मुकेश कुमार ने बताया कि उसके पिता को पिछले तीन महीनों से मंडल कारा में थे. कुछ दिन पहले उनसे मिलने पर उन्होंने अपनी तबीयत खराब बताई थी. इस दौरान मुकेश ने बताया कि उसके पिता ने उससे कहा था कि जेल प्रशासन ठीक से इलाज नहीं करवा रहा है. साथ ही इलाज के लिए बाहर भी नहीं ले जा रहा है.

जेल में संदिग्ध परिस्थिति में कैदी की मौत हुई

'जेल प्रशासन मौत का जिम्मेदार'
मुकेश ने कहा कि पिता की तबीयत खराब होने के बाद भी जेल प्रशासन उन्हें बेहतर इलाज नहीं दे रहा था. जेल प्रशासन की संवेदनहीनता और लापरवाही के कारण मेंरे पिता की मौत हो गई. बता दें कि शुक्रवार को मृतक इशनाथ का भतीजा उन्हें खाना देने आया था. उसने वहां अपने चाचा के स्ट्रेचर पर जाते देखा, जिसके बाद उसने परिजनों को इसकी सूचना दी.

छपरा
मृतक का पुत्र मुकेश राय
Intro:SLUG:-JAIL ME KAIDI KI MAUT
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-मंडल कारा छपरा में तिहरे हत्याकांड के एक सजायाप्ता कैदी की मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया हैं और कहा है कि जेल प्रशासन ने समय रहते ईलाज नही कराया हैं जिस कारण रसूलपुर थाना क्षेत्र के असहनी गांव निवासी बुनीलाल यादव के 65 वर्षीय पुत्र व अतरसन पंचायत के पूर्व मुखिया सह निवर्तमान मुखिया कुसुम देवी के पति इशनाथ राय की मौत हो गई हैं.

मृतक कैदी के अधिवक्ता ने बताया कि जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण ही इशनाथ यादव की मौत बीमारी के कारण हुई हैं अगर समय रहते जेल के बाहर ईलाज कराया गया रहता तो इनकी मौत नही होती.

Byte:-बृजेश कुमार चौबे, अधिवक्ता




Body:मृतक कैदी के पुत्र मुकेश कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि मेरे पिता जी विगत तीन वर्षों से मंडल कारा में सजायाप्ता कैदी के रूप में रह रहे थे जिनसे मिलने के लिए कुछ दिन पूर्व जेल में आये थे उसी समय बताये थे की मेरी तबियत खराब चल रही हैं लेकिन जेल प्रशासन जेल में ही ईलाज कराने के लिए तैयार हैं जबकि जेल के चिकित्सकों ने बेहतर ईलाज के लिए जेल से बाहर भेजने की बात कह रही थी लेकिन जेल प्रशासन तैयार नही हो रहा था जिस कारण मेरे पिता जी की मृत्यु आज जेल में हो गई हैं. मुकेश ने बताया कि आज मेरा चचेरा भाई खाना लेकर पापा को देने आया था लेकिन जब वह जेल गेट पर था तभी देखा कि अंदर से स्ट्रेचर पर एक शव आ रहा है जो चाचा इशनाथ यादव का हैं शव देखते ही रोने लगा और बाहर आकर घर कॉल कर के सूचना दिया उसके बाद हमलोगे घर से सदर अस्पताल आये हुए हैं.

Byte:-मुकेश राय, मृतक कैदी का पुत्र





Conclusion:वही सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ राकेश कुमार राय का कहना है कि जेल से एक कैदी को लाया गया था और कहा जा रहा था कि कुछ देर के लिए इसका ईलाज कीजिये लेकिन वह मृत स्थिति में लाया गया था तो फिर ईलाज क्या होगा.

Byte:-डॉ राकेश कुमार राय, चिकित्सक, सदर अस्पताल, छपरा

मृतक कैदी के परिजनों का आरोप हैं कि जेल प्रशासन की लापरवाही से पूर्व मुखिया इशनाथ यादव की मौत जेल के अंदर हुई हैं लेकिन जेल प्रशासन इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रही हैं. मालूम हो कि असहनी गांव में ही वर्ष 2009 में होली के दिन छोटे बच्चों द्वारा धूल फेंक देने के कारण उपजे विवाद में तीन लोंगो की गोली मारकर हत्या कर दिये जाने के मामले में मृतक कैदी इशनाथ यादव सहित सात अन्य आरोपित को व्यवहार न्यायालय छपरा ने दोषी करार दिया था ज्ञात हो कि 2001 से लेकर 2005 तक इशनाथ यादव स्थानीय पंचायत का प्रतिनिधित्व कर चुके है जबकि उनकी पत्नी कुसुम देवी 2005 से लेकर 2015 तक रह चुकी हैं.





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