सारण: जिले की पुलिस ने असम से अगवा करके बिहार लाए गए 11 लोगों को सारण से मुक्त कराया है. सारण पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए उन्हें मशरख थाना क्षेत्र के बनसोहीं बाजार से बरामद किया है. इस मामले में सारण के साधना ऑर्केस्ट्रा संचालक को गिरफ्तार किया गया है. यह लोग बीते 3 अगस्त को सारण लाए गए थे.
जानकारी के मुताबिक यह लोग असम में एक ऑर्केस्ट्रा ग्रुप चलाते हैं. इन्हें बिहार के किसी कार्यक्रम में परफॉर्म करने के लिए लाया गया था. बताया जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय के दिशा-निर्देश पर मशरक के थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा ने कार्रवाई की.
छापेमारी कर की गई बरामदगी
पुलिस ने सितलपुर-सिवान स्टेट हाइवे-73 के बनसोही ग्रामीण बैक के पास पूर्व मुखिया के मकान में छापेमारी की. जहां असम के इस ग्रुप को जबरन बंधक बनाकर रखा गया था. मकान मालिक भी फिलहाल फरार है.
ऑर्केस्ट्रा संचालक हिरासत में
पुलिस ने इस मामले में जिले के साधना ऑर्केस्ट्रा संचालक को आरोपी बताया है. आरोपी मोतिहारी जिले के बंजरिया थाना क्षेत्र स्थित चईलहा गांव का निवासी है. उसका नाम राजू पटेल बताया जा रहा है. पुलिस ने इसे भी गिरफ्तार कर लिया है. बरामद किए गए 11 लोगों में 9 युवतियां और 2 युवक हैं.
प्रोग्राम के लिए लाई गई थी लड़कियां
मामले का खुलासा करते हुए एसपी ने कहा कि इन लोगों को ऑर्केस्ट्रा संचालक ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का हवाला देकर असम से लाया था. उन्हें पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी प्रोग्राम के लिए लाया गया था. फिर उसके बाद वहां से बिहार में बीस दिनों का प्रोग्राम तय था. इन्हें सारण जिले के एक मकान में रखा गया था.
अश्लील गानों पर नाचने को कहा जाता था
हरकिशोर राय ने बताया कि ऑर्केस्ट्रा संचालक इन सभी लोगों को जबरन भोजपुरी के अश्लील गानों पर नाचने को कहता था. साथ ही उनपर अश्लील और गंदे काम करने का दबाव भी बनाया जाता था. विरोध करने पर मारपीट की जाती थी.
लड़कियों को मोबाइल भी छीना
ऑर्केस्ट्रा संचालक ने सभी लोगों से उनका मोबाइल भी वापस ले लिया था. ताकि यह लोग अपने घरवालों से संपर्क ना कर पाएं. हालांकि, ग्रुप की लड़कियों ने किसी तरह फोन और व्हाट्सएप के जरिए घरवालों को घटना की सूचना दी. जिसके बाद घरवालों ने गुवाहाटी महिला कोषांग में मामला दर्ज कराया.
असम डीजीपी ने बिहार डीजीपी को दी सूचना
बता दें कि सुरक्षा की गुहार लगाते हुए बिहार सरकार से बातचीत भी की गई. फिर असम के डीजीपी ने बिहार सरकार के डीजीपी को मामले की जानकारी दी. इससे पुलिसिया विभाग हरकत में आया और इन लोगों की सकुशल बरामदगी हो पाई.