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दारोगा-सिपाही हत्याकांड में सफलता, पुलिस से छीनी गई एके-47, पिस्टल और 58 कारतूस बरामद

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Published : Jan 10, 2021, 1:05 PM IST

दारोगा सिपाही दोहरे हत्याकांड को अपराधियों ने 20 अगस्त 2019 को मढ़ौरा में अंजाम दिया गया था. अपराधियों ने पुलिस वाहन पर तबाड़तोड़ फायरिंग की थी.

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सारणः जिले में बहुचर्चित एसआइटी दारोगा-सिपाही हत्या कांड मामले में पुलिस ने सफलता हासिल की है. पुलिस से छीनी गई एके 47, हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्टल और 58 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है. मामले में सारण एसपी संतोष कुमार ने बताया कि सिपाही-दारोगा हत्या कांड में जेल में बंद विवेक कुमार सिंह और रोहित कुमार सिंह को रिमांड पर लिया गया था. उनसे पूछताछ के आधार पर यह कार्रवाई की गई है.

नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी
एसपी संतोष कुमार ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद रोहित के घर तरैया थाना क्षेत्र के गलिमापुर गांव में छापेमारी की गई. यहां पुलिस को बरामद एके-47 के तीस कारतूस, पिस्टल के 10 कारतूस और थ्री नट थ्री के 18 कारतूस शामिल हैं. मामले में पुलिस नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद अभी तक लूटी गई एके-47 को बरामद नहीं कर पाई थी.

दारोगा और सिपाही की मौत
बता दें कि दारोगा-सिपाही दोहरे हत्याकांड के इस मामले को 17 महीने पहले 20 अगस्त 2019 को मढ़ौरा में अंजाम दिया गया था. एसआइटी दारोगा मिथलेश कुमार और सिपाही फारुख 20 अगस्त की देर शाम मढ़ौरा किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए गए थे. तभी एलआइसी चौक के पास अपराधियों ने उनके वाहन को ओवरटेक करके दोनों तरफ से घेर लिया और पुलिस वाहन पर तबाड़तोड़ फायरिंग कर दी. इसमें दारोगा और सिपाही की मौत हो गई. वहीं एक सिपाही घायल हो गया था.

सारणः जिले में बहुचर्चित एसआइटी दारोगा-सिपाही हत्या कांड मामले में पुलिस ने सफलता हासिल की है. पुलिस से छीनी गई एके 47, हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्टल और 58 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है. मामले में सारण एसपी संतोष कुमार ने बताया कि सिपाही-दारोगा हत्या कांड में जेल में बंद विवेक कुमार सिंह और रोहित कुमार सिंह को रिमांड पर लिया गया था. उनसे पूछताछ के आधार पर यह कार्रवाई की गई है.

नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी
एसपी संतोष कुमार ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद रोहित के घर तरैया थाना क्षेत्र के गलिमापुर गांव में छापेमारी की गई. यहां पुलिस को बरामद एके-47 के तीस कारतूस, पिस्टल के 10 कारतूस और थ्री नट थ्री के 18 कारतूस शामिल हैं. मामले में पुलिस नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद अभी तक लूटी गई एके-47 को बरामद नहीं कर पाई थी.

दारोगा और सिपाही की मौत
बता दें कि दारोगा-सिपाही दोहरे हत्याकांड के इस मामले को 17 महीने पहले 20 अगस्त 2019 को मढ़ौरा में अंजाम दिया गया था. एसआइटी दारोगा मिथलेश कुमार और सिपाही फारुख 20 अगस्त की देर शाम मढ़ौरा किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए गए थे. तभी एलआइसी चौक के पास अपराधियों ने उनके वाहन को ओवरटेक करके दोनों तरफ से घेर लिया और पुलिस वाहन पर तबाड़तोड़ फायरिंग कर दी. इसमें दारोगा और सिपाही की मौत हो गई. वहीं एक सिपाही घायल हो गया था.

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