सारण: सरकारी उदासीनता के कारण गुरुवार को एक बार फिर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. जीआर की राशि नहीं मिलने से नाराज लोगों ने मशरक सीओ को कई घंटे तक उनके कार्यालय में ही बंधक बनाकर रखा. सीओ के काफी अनुरोध करने और जीआर की राशि का भुगतान जल्द करने का आश्वासन देने के बाद लोगों ने उन्हें कार्यालय से बाहर आने दिया.
सरकार के प्रति आक्रोश
बता दें कोविड संक्रमण और बाढ़ के कारण स्थानीय लोगों में सरकार के प्रति काफी आक्रोश है. क्योंकि सरकार ने आपदा काल में जो सुविधाएं मुहैया कराई है, वह काफी कम है और उसकी राशि का बड़ी संख्या में बंदरबांट किया गया है. इस कारण लोगों में खासा आक्रोश है.
अंचलाधिकारी का घेराव
कोविड संक्रमण और बाढ़ के समय सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि का कहीं ना कहीं बंदरबांट हुआ है. मशरक थाना क्षेत्र के 11 पंचायत के पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि पंचायत में जीआर की राशि नहीं भेजी गई है. इसी बात को लेकर गुरुवार को अंचलाधिकारी का घेराव किया गया.
सामूहिक रूप से आमरण अनशन
अंचलाधिकारी ललीत कुमार सिंह ने कहा कि अभी दूरभाष पर अनुमंडल पदाधिकारी से बात हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि 30 सितम्बर तक सभी के खाते में राशि चली जायेगी. इस पर मुखिया प्रतिनिधियों ने कहा कि 30 तक सितंबर तक राशि नहीं दी जाती है, तो हमलोग उसके बाद सामूहिक रूप से आमरण अनशन करेंगे.
कई मुखिया प्रतिनिधि रहे मौजूद
घेराव करने वालों में मशरक पूर्वी के मुखिया प्रतिनिधि अमर सिंह, बहरौली मुखिया अजीत सिंह, डुमरसन मुखिया प्रतिनिधि शिवजी शर्मा, बंगरा मुखिया प्रतिनिधि रामबाबू प्रसाद, दुरगौली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि उदय सिंह, भाजपा नेता अजय राय, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष सुनील सिंह सहित बाढ़ प्रभावित सभी पंचायत के पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे.