सारणः जिले के कई प्रखंड बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. जिसमें मुख्य रूप से मसरख तरैया, अमनौर, मकेर और परसा प्रखंड के दर्जनों गांव शामिल हैं. गोपालगंज में सारण तटबंध टूटने से और नेपाल की तरफ से पानी छोड़े जाने से सारण की सभी नदियां ऊफान पर हैं. गंगा, गंडक, सरयू और छोटे-छोटे नहरों ने भी विकराल रूप ले लिया है.
बाधित हुआ सड़क मार्ग
बाढ़ की आपदा ने जहां कई लोगों को बेघर कर दिया वहीं, कई लोगों को अपनी जिंदगी तक गंवानी पड़ी. बाढ़ का पानी मशरख, तरैया, अमनौर, मकेर और परसा प्रखंडों को नदी में तब्दील करते हुए आगे बढ़ता जा रहा है. जिससे अमनौर-तरैया मार्ग पूरी तरह बाधित हो गई है.
सड़क के ऊपर से बह रहा पानी
छपरा मुजफ्फरपुर मार्ग पर भेल्दी थाने के पास और मकेर बाजार से फुलवरिया बाजार तक रोड के ऊपर से पानी का बहाव हो रहा है. इस रास्ते से फोर व्हीलर तो निकल जा रहा है, लेकिन बाईक निकलना मुश्किल हो गया है. साथ ही लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है. परसा हाइस्कूल के पास से अंजनी बाजार तक सड़क के ऊपर से पानी बह रहा है. अगर पानी का बहाव ऐसे ही होता रहा तो इन मार्गों पर भी आवागमन बाधित हो जाएगा.
कम्युनिटी किचन की व्यवस्था
बाढ़ से लोगों की जिंदगी बेपटरी हो गई है. बाढ़ प्रभावित इलाके में घर के साथ लोगों के राशन भी डूब गए जिससे वे दाने दाने को मोहताज हो गए हैं. लेकिन उनतक कोई सरकारी सहायता नहीं पहुंची है. साथ ही आने जाने के लिए नाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है. कम्युनिटी किचन की व्यवस्था इतनी दूर की गई है कि लोग वहां पहुंच नहीं पा रहे हैं.
नहीं मिल रही सहायता
स्थानीय संजय कुमार ने सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस आपदा की घड़ी में वे देखने तक नहीं आए. उन्होंने कहा कि सरकार सारी तैयारी पूरी होने का दावा कर रही है, लेकिन हमलोगों को किसी तरह की सहायता नहीं मिल रही है.
पैसों का बंदरबांट
संजय कुमार ने कहा कि पिछली बार बाढ़ के समय जब सांसद यहां आए थे तो बिना हमारा हालचाल लिए अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए. वहीं, ललन प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार तटबंध की मरम्मती की तैयारी तो हर साल करती है, लेकिन पैसों के बंदरबाट के कारण काम अच्छे से नहीं हो पाता है. उन्होंने कहा कि अगर सही से तटबंध की मरम्मती कराई जाती तो आज इनती समस्या नहीं झेलनी पड़ती.