सारण. जन वितरण प्रणाली (PDS) दुकानदार अनिल मांझी के घर बधाई देने वालों का तांता लगा है. बात ही कुछ ऐसी है. अनिल की बेटी शोभा कुमारी ने वह कामयाबी पाई है जो उनके गांव की लड़कियों के लिए किसी सपने से कम नहीं. शोभा अपनी लगन और मेहनत के बल पर दारोगा बनीं हैं. वह अभी सिपाही के रूप में कार्यरत हैं.
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शोभा सारण जिले के मशरक नगर पंचायत क्षेत्र के हनुमानगंज गांव की रहने वालीं हैं. जब बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की परीक्षा का रिजल्ट आया तो उसके घर और गांव में खुशियों की लहर फैल गई. रिजल्ट का इंतजार कर रहीं शोभा के चेहरे पर सफल उम्मीदवारों की लिस्ट में अपना नाम देख चमक आ गई. उन्होंने अपनी कामयाबी की खबर परिवार के लोगों को दी तो सभी के आंखों में खुशी के आंसू आ गए.
माता-पिता को दिया कामयाबी का श्रेय
गांव में जैसे ही बात फैली कि शोभा दारोगा बन गईं हैं. बधाई देने के लिए उसके घर पर लोगों का तांता लग गया. फोन कर रिश्तेदार और जानने वाले बधाई देने लगे. शोभा वर्तमान में नवादा जिला में महिला पुलिस बल में कार्यरत हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हनुमानगंज उत्क्रमित मध्य विद्यालय से ली है. उन्होंने 10+2 की पढ़ाई शांति रमन उच्च विद्यालय सढवरा से की और ग्रेजुएशन जेपी यूनिवर्सिटी छपरा से किया. बिहार पुलिस में दारोगा बनने का श्रेय शोभा ने अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है.
2062 कैंडिडेट बने हैं दारोगा
गौरतलब है कि बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने दारोगा, सार्जेंट और सहायक जिला अधीक्षक की बहाली के लिए हुई परीक्षा का रिजल्ट जारी किया है. 2062 कैंडिडेट दारोगा, 215 कैंडिडेट्स सार्जेंट और 125 कैंडिडेट्स सहायक जेल अधीक्षक के पद पर उत्तीर्ण हुए हैं. दारोगा, सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक के 2446 पदों पर बहाली होनी है. भूतपूर्व सैनिक कोटे से सहायक जेल अधीक्षक के 32 पद पर चयन की प्रक्रिया पहले से पूरी हो चुकी है.
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