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NIA की सूची में नामजद परवेज का आरोप- 'PFI को बदनाम करने साजिश रच रही BJP'

फुलवारी के आतंकी गतिविधियों (Bihar PFI Connection) में जिन 26 लोगों को नामजद किया गया है, उसमें सारण जिले के जलालपुर के रुदलपुर निवासी मो. परवेज का भी नाम आया है. मो. परवेज मध्य विद्यालय हरपुर रामपुर के उर्दू शिक्षक मो. परवेज खुद को पीएफआई का जिला संयोजक बताता है. पढ़ें पूरी खबर..

परवेज आलम
परवेज आलम
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Published : Jul 17, 2022, 6:16 PM IST

छपरा (सारण): सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट पर फुलवारीशरीफ टेरर मॉड्यूल (Patna Terror Module) का खुलासा हुआ है. आतंकी ट्रेनिंग देने वाले ठिकानों पर पटना पुलिस की कार्रवाई में कई लोगों की बिहार और राज्य के बाहर से गिरफ्तार किया गया है. वहीं NIA की ओर से PFI में सक्रिय भूमिका निभाने वालों की सूची में 26 वें नंबर पर सारण जिले के जलालपुर प्रखण्ड के रुदलपुर निवासी परवेज आलम उर्फ अशरफ अली का भी है. परवेज आलम मढ़ौरा अंचल के हरपुर रामपुर मध्य विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्यरत है. इसके अलावा वे अपने आप को PFI का जिला कोऑर्डिनेटर बताता है. इस दौरान परवेज आलम ने पीएफआई को संवैधानिक संस्था बताते हुए कहा कि बीजीपी और आरएसएस जान बूझ कर पीएफआई को बदनाम कर रही (NIA listed Parvez Alam Statement On Action Against PFI) है.

पढ़ें-'PFI में RSS की तरह ट्रेनिंग दी जाती है..' ये क्या बोल गए पटना SSP

"पीएफआई को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. ऐसी ही साजिश 2020 में की गई थी. उसके बाद रामनवमी के समय भी जो दंगे हुए उसमें भी पीएफआई को घसीटा गया, लेकिन किसी में भी आरोप साबित नहीं हुआ है. यह संगठन दलित पिछड़े वर्गों के लिए काम करता है. विशेषकर मुस्लिम संप्रदाय के लिए और इसका नाम जानबूझकर घसीटा जाता है. जबकि किसी भी मामले में आरोप साबित नहीं हुआ है. फिर एक बार फुलवारी शरीफ में भी उनका नाम आया है, लेकिन इस बार भी आरोप साबित नहीं होगा."-परवेज आलम, PFI के जिला कोऑर्डिनेटर (NIA की लिस्ट में नामजद आरोपी)

RSS पर गलत नैरेटिव फैलाने का आरोप मढ़ाः परवेज ने BJP और RSS पर गलत नैरेटिव फैलाने का आरोप मढ़ दिया. परवेज ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर विफलता, देश की सम्पत्तियों को निजी हाथों में बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसी कार्रवाई साजिशन करवाई जा रही है. उसने देश की छवि अंतराष्ट्रीय स्तर पर खराब होने, देश की जनता का बीजेपी से मोहभंग होने का भी आरोप लगाया. ताकि लोगो का ध्यान भटकाया जा सके.

पीएफआई एक सामाजिक संगठन हैः परवेज ने पीएफआई के समर्थन में कहा कि यह एक सामाजिक संगठन है. इस समय गणतंत्र बचाओ कार्यक्रम चल रहा है, जो 26 जनवरी 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त 2022 तक चलेगा. 24 जुलाई को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल भवन में गणतंत्र बचाओ मुहिम के तहत एक कॉन्फ्रेंस रखा गया है. उसी कार्यक्रम की सफलता के लिए रिटायर्ड दारोगा जलालुद्दीन के घर मे 6-7 जुलाई को मीटिंग रखी गई थी. अतहर परवेज उस मकान में किराएदार है. जलालुद्दीन और अतहर परवेज पीएफआई के सदस्य भी नहीं है. PFI की राज्य कमिटी के लोगों ने जलालुद्दीन का घर मीटिंग के लिए बुक किया था. पीएफआई संगठन को हमेशा बदनाम किया जाता रहा है. यह संगठन अल्पसंख्यक, ओबीसी, गरीबों के उत्थान का काम करता है. सरकार हर दंगे फसाद में पीएफआई का नाम घसीटती है, लेकिन कहीं भी कुछ साबित नहीं हुआ है.

पढ़ें- IB इनपुट पर बिहार से संदिग्ध आतंकी अतहर और जलालुद्दीन गिरफ्तार, PM मोदी के पटना दौरे पर रची थी साजिश

छपरा (सारण): सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट पर फुलवारीशरीफ टेरर मॉड्यूल (Patna Terror Module) का खुलासा हुआ है. आतंकी ट्रेनिंग देने वाले ठिकानों पर पटना पुलिस की कार्रवाई में कई लोगों की बिहार और राज्य के बाहर से गिरफ्तार किया गया है. वहीं NIA की ओर से PFI में सक्रिय भूमिका निभाने वालों की सूची में 26 वें नंबर पर सारण जिले के जलालपुर प्रखण्ड के रुदलपुर निवासी परवेज आलम उर्फ अशरफ अली का भी है. परवेज आलम मढ़ौरा अंचल के हरपुर रामपुर मध्य विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्यरत है. इसके अलावा वे अपने आप को PFI का जिला कोऑर्डिनेटर बताता है. इस दौरान परवेज आलम ने पीएफआई को संवैधानिक संस्था बताते हुए कहा कि बीजीपी और आरएसएस जान बूझ कर पीएफआई को बदनाम कर रही (NIA listed Parvez Alam Statement On Action Against PFI) है.

पढ़ें-'PFI में RSS की तरह ट्रेनिंग दी जाती है..' ये क्या बोल गए पटना SSP

"पीएफआई को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. ऐसी ही साजिश 2020 में की गई थी. उसके बाद रामनवमी के समय भी जो दंगे हुए उसमें भी पीएफआई को घसीटा गया, लेकिन किसी में भी आरोप साबित नहीं हुआ है. यह संगठन दलित पिछड़े वर्गों के लिए काम करता है. विशेषकर मुस्लिम संप्रदाय के लिए और इसका नाम जानबूझकर घसीटा जाता है. जबकि किसी भी मामले में आरोप साबित नहीं हुआ है. फिर एक बार फुलवारी शरीफ में भी उनका नाम आया है, लेकिन इस बार भी आरोप साबित नहीं होगा."-परवेज आलम, PFI के जिला कोऑर्डिनेटर (NIA की लिस्ट में नामजद आरोपी)

RSS पर गलत नैरेटिव फैलाने का आरोप मढ़ाः परवेज ने BJP और RSS पर गलत नैरेटिव फैलाने का आरोप मढ़ दिया. परवेज ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर विफलता, देश की सम्पत्तियों को निजी हाथों में बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसी कार्रवाई साजिशन करवाई जा रही है. उसने देश की छवि अंतराष्ट्रीय स्तर पर खराब होने, देश की जनता का बीजेपी से मोहभंग होने का भी आरोप लगाया. ताकि लोगो का ध्यान भटकाया जा सके.

पीएफआई एक सामाजिक संगठन हैः परवेज ने पीएफआई के समर्थन में कहा कि यह एक सामाजिक संगठन है. इस समय गणतंत्र बचाओ कार्यक्रम चल रहा है, जो 26 जनवरी 2022 से शुरू होकर 15 अगस्त 2022 तक चलेगा. 24 जुलाई को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल भवन में गणतंत्र बचाओ मुहिम के तहत एक कॉन्फ्रेंस रखा गया है. उसी कार्यक्रम की सफलता के लिए रिटायर्ड दारोगा जलालुद्दीन के घर मे 6-7 जुलाई को मीटिंग रखी गई थी. अतहर परवेज उस मकान में किराएदार है. जलालुद्दीन और अतहर परवेज पीएफआई के सदस्य भी नहीं है. PFI की राज्य कमिटी के लोगों ने जलालुद्दीन का घर मीटिंग के लिए बुक किया था. पीएफआई संगठन को हमेशा बदनाम किया जाता रहा है. यह संगठन अल्पसंख्यक, ओबीसी, गरीबों के उत्थान का काम करता है. सरकार हर दंगे फसाद में पीएफआई का नाम घसीटती है, लेकिन कहीं भी कुछ साबित नहीं हुआ है.

पढ़ें- IB इनपुट पर बिहार से संदिग्ध आतंकी अतहर और जलालुद्दीन गिरफ्तार, PM मोदी के पटना दौरे पर रची थी साजिश

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