छपरा: सारण (Saran) में बालू का अवैध खनन और पर्यावरण (Environment) पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के सदस्यों की टीम ने गुरुवार को जिले के विभिन्न बालू घाटों की जांच की. जिले के डोरीगंज (Doriganj) से लेकर सोनपुर (Sonpur) तक बालू घाटों की जांच की गयी.
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एनजीटी की ओर से पारित आदेश के आलोक में जांच टीम में खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशक, सारण डीएम डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे और एसपी संतोष कुमार शामिल रहे. इसके साथ ही भारत सरकार के वन पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अपर निदेशक, सदर एसडीओ अरुण कुमार सिंह, सोनपुर एसडीओ सुनील कुमार सिंह, खनन के सहायक निदेशक व खान निरीक्षक शामिल थे.
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टीम ने बालू घाटों पर बालू के अवैध खनन व पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने को लेकर गहनता से जांच की. जांच के बाद भूतत्व विभाग के निदेशक ने बालू दर निर्धारण के संबंध में शीघ्र बैठक कराने और बालू घाट का कलस्टर निर्धारित करने का निर्देश खनन विभाग के पदाधिकारी को दिया. साथ ही अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई करने के लिए भी निर्देशित किया.
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आपको बदा दें कि बालू घाट के नये बंदोबस्तधारी की शर्त में यह उल्लेखित कराने का निर्देश दिया गया है कि बालू घाट पर पिलर गड़वाया जाए ताकि मानक के अनुसार बालू खुदाई का पता चल सके. बता दें कि गंगा नदी में बालू का अवैध खनन लागातार जारी है. प्रशासन की ओर से अवैध खनन को लेकर लगातार कार्रवाई की जाती है लेकिन इसके बाद भी बालू माफियाओं का खेल जारी है.