सारण: बिहार में शराबबंदी ( Bihar Liquor Ban) को सफल बनाने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है. ड्रोन से माफियाओं की हरकतों और शराब का पता लगाने को लेकर नजर रखी जा रही है. इन सबके बीच शराब माफिया भी तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. ऐसा ही एक मामला दियारा इलाके से सामने आया है. यहां ड्रोन की नजर से बचने के लिए शराब माफियाओं ने देसी शराब प्लास्टिक की पन्नी में डालकर गंगा नदी (Liquor kept in Ganga river) में छुपाया था. तट पर गाद में छुपे इन प्लास्टिक की पन्नियों पर ड्रोन की नजर न पड़े इसलिए यह तरीका अपनाया गया था.
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नदी के बीचों बीच छिपायी गयी थी शराब: वहीं नदी के बीचों बीच भी शराब को छुपाने का अनोखा तरीका अपनाया गया था. प्लास्टिक में शराब को अच्छे से पैक किया गया था ताकि इसमें पानी न घुसे. नदी के बीच में जगह-जगह शराब छुपायी गयी थी. शराब छुपाने के लिए नदी का सहारा इसलिए लिया जा रहा है ताकि ड्रोन को पता न चल सके कि पानी में शराब है लेकिन ड्रोन की नजर से यह छुप नहीं पाया. उत्पाद विभाग (Excise department action against liquor in Saran) ने कार्रवाई करते हुए शराब बनाने की भट्ठी और नदी में छुपाए गए देसी शराब को नष्ट कर दिया.
शराब की भट्ठियां ध्वस्त: सारण उत्पाद विभाग के द्वारा दियारा इलाके में ड्रोन कैमरे की मदद से लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है और टीम को सफलता भी मिल रही है. बड़ी मात्रा में शराब बनाने के उपकरण और शराब को भी नष्ट किया गया है. सारण उत्पाद विभाग के द्वारा बताया गया है कि डोरीगंज दियारा इलाके में सरयू और गंगा नदी के बीच दियारा इलाके में छापामारी का विशेष अभियान चलाया गया. इस दौरान अवैध शराब कारोबारी वहां से भाग खड़े हुए लेकिन उत्पाद विभाग की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी. लगभग दो दर्जन से ज्यादा अवैध शराब की भट्ठियों को उत्पाद विभाग की टीम ने ध्वस्त किया. छापेमारी के दौरान 600 लीटर चुलाई की शराब बरामद की गई है. नौसादर 50 किलो और 20 शराब बनाने के उपकरण भी बरामद किए गए हैं.
लोगों की जान से खिलवाड़: देसी शराब बनाकर प्लास्टिक की पन्नी में रखकर उसे तट के गाद (कीचड़) में छिपाकर रखी गई थी. गंगा में शराब पकड़े जाने के बाद से तस्कर अलर्ट हो गए हैं. उन्होंने अपना स्थान बदल दिया है. अब तस्कर वैसे नालों में शराब बनाकर छिपा रहे हैं जहां किसी की नजर ना पहुंचे. ऐसे स्थान पर रहना तो दूर कुछ मिनट रुककर कोई सांस भी नहीं ले सकता. ऐसी ही जगहों को तस्करों ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है. सड़ते पानी में शराब बनाकर गाड़ी जाती है. सोचिए अगर ये शराब किसी के गले की नीचे उतर जाए तो क्या होगा? लेकिन, नशे की लत लग चुकी नशेड़ियों के लिए ये सब जरूरी नहीं. आए दिन जहरीली शराब से मौत की खबरें आतीं हैं लेकिन उन्हें इससे कोई सबक लेना नहीं सीखा.
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