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सारण: यूपी-बिहार को जोड़ने वाला जयप्रभा सेतु हुआ जर्जर, बड़े-बड़े गड्ढे दे रहे हादसों को दावत

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Published : Aug 6, 2019, 3:41 PM IST

पुल से बाहर निकले सरिये किसी बड़े हादसे का संकेत देते दिख रहे हैं. पुल के दोनों मुहाने की सड़क भी टूट चुकी है. लेकिन विभाग इससे अंजान बना बैठा है.

जर्जर सेतु

सारण: सम्पूर्ण क्रांति के नेता जयप्रकाश नारायण और उनकी पत्नी प्रभावती देवी के नाम पर स्थापित जयप्रभा सेतु दिनों-दिन जर्जर होता जा रहा है. बिहार और यूपी को जोड़ने वाले इस सेतु की हालत बद से बद्तर हो गयी है. गाजीपुर में हमीद सेतु पर भारी वाहनों के आने-जाने पर रोक लगने के बाद से इस पुल पर लोड बढ़ गया है. यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन जिला प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है.

सारण
बाहर दिखाई देती लोहे की रॉड

बिना लोकार्पण ही शुरू हुआ था परिचालन
यूपी और बिहार का राज्यांश होने के कारण जयप्रभा सेतु को बनने में तीस साल का समय लगा था. इसका मुख्य कारण धन का अभाव रहा. वहीं, 2005 में यह पुल बनकर तैयार हो गया. लेकिन बिना लोकार्पण किए ही वर्ष 2006 से वाहनों का परिचालन शुरू हो गया. मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो सेतु पर जगह-जगह बड़े गड्ढे बन गए हैं और पुल में लगी सरिया टूट कर इधर-उधर बिखरने लगी है.

सारण
गड्ढे ही गड्ढे

झांकते सरिये दे रहे हादसे का संकेत
सेतु निर्माण के समय डाले गए सरिये अब बाहर निकल गये हैं. पुल से बाहर निकले ये सरिये किसी बड़े हादसे को दावत दे रहे हैं. जगह-जगह बने गड्ढे से लोहे के बेशकीमती रॉड और प्लेट भी दिखाई देने लगी हैं. कई बार लोग इनमें फसकर हादसों का शिकार हो जाते हैं. पुल के दोनों मुहाने की सड़क भी टूट चुकी है. लेकिन विभाग का इधर ध्यान ही नहीं गया.

जयप्रभा सेतु हुआ जर्जर

आए दिन होती हैं दुर्घटनाएं
इस पुल से रोजाना हजारों की संख्या में छोटे बड़े वाहनों का परिचालन होता है. सरयू नदी पर बना सेतु शराब तस्करी, आत्महत्या और दुर्घटना जोन के रूप में काफी चर्चित है. सेतु की टूटी सड़कों के कारण यहां आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. रोजाना लोग गिरकर चुटहिल हो रहे हैं. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन या सम्बंधित विभाग कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा हैं.

सारण
जर्जर सेतु

विधायक ने लिया संज्ञान
वहीं, जयप्रभा सेतु के जर्जर स्थिती पर संज्ञान लेते हुए. छपरा से भाजपा विधायक डॉक्टर सीएन गुप्ता ने बिहार विधानसभा में इस मामले को उठाया है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान विधायक ने कहा कि सेतु के मामले को बलिया के सांसद वीरेन्द्र सिंह से मिल कर अवगत कराऊंगा. इसके साथ ही यूपी के मंत्री व मुख्यमंत्री से मिल कर जयप्रभा सेतु की मरम्मत कराने की मांग करूंगा.

सारण: सम्पूर्ण क्रांति के नेता जयप्रकाश नारायण और उनकी पत्नी प्रभावती देवी के नाम पर स्थापित जयप्रभा सेतु दिनों-दिन जर्जर होता जा रहा है. बिहार और यूपी को जोड़ने वाले इस सेतु की हालत बद से बद्तर हो गयी है. गाजीपुर में हमीद सेतु पर भारी वाहनों के आने-जाने पर रोक लगने के बाद से इस पुल पर लोड बढ़ गया है. यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन जिला प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है.

सारण
बाहर दिखाई देती लोहे की रॉड

बिना लोकार्पण ही शुरू हुआ था परिचालन
यूपी और बिहार का राज्यांश होने के कारण जयप्रभा सेतु को बनने में तीस साल का समय लगा था. इसका मुख्य कारण धन का अभाव रहा. वहीं, 2005 में यह पुल बनकर तैयार हो गया. लेकिन बिना लोकार्पण किए ही वर्ष 2006 से वाहनों का परिचालन शुरू हो गया. मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो सेतु पर जगह-जगह बड़े गड्ढे बन गए हैं और पुल में लगी सरिया टूट कर इधर-उधर बिखरने लगी है.

सारण
गड्ढे ही गड्ढे

झांकते सरिये दे रहे हादसे का संकेत
सेतु निर्माण के समय डाले गए सरिये अब बाहर निकल गये हैं. पुल से बाहर निकले ये सरिये किसी बड़े हादसे को दावत दे रहे हैं. जगह-जगह बने गड्ढे से लोहे के बेशकीमती रॉड और प्लेट भी दिखाई देने लगी हैं. कई बार लोग इनमें फसकर हादसों का शिकार हो जाते हैं. पुल के दोनों मुहाने की सड़क भी टूट चुकी है. लेकिन विभाग का इधर ध्यान ही नहीं गया.

जयप्रभा सेतु हुआ जर्जर

आए दिन होती हैं दुर्घटनाएं
इस पुल से रोजाना हजारों की संख्या में छोटे बड़े वाहनों का परिचालन होता है. सरयू नदी पर बना सेतु शराब तस्करी, आत्महत्या और दुर्घटना जोन के रूप में काफी चर्चित है. सेतु की टूटी सड़कों के कारण यहां आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. रोजाना लोग गिरकर चुटहिल हो रहे हैं. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन या सम्बंधित विभाग कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा हैं.

सारण
जर्जर सेतु

विधायक ने लिया संज्ञान
वहीं, जयप्रभा सेतु के जर्जर स्थिती पर संज्ञान लेते हुए. छपरा से भाजपा विधायक डॉक्टर सीएन गुप्ता ने बिहार विधानसभा में इस मामले को उठाया है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान विधायक ने कहा कि सेतु के मामले को बलिया के सांसद वीरेन्द्र सिंह से मिल कर अवगत कराऊंगा. इसके साथ ही यूपी के मंत्री व मुख्यमंत्री से मिल कर जयप्रभा सेतु की मरम्मत कराने की मांग करूंगा.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
SLUG:-JAYPRABHA SETU
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-सम्पूर्ण क्रांति के नेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण व इनकी पत्नी प्रभावती देवी के नाम पर स्थापित जयप्रभा सेतु जो बिहार व यूपी को जोड़ने के लिए लाइफ लाइन का काम करती हैं वह कभी भी ध्वस्त हो सकता है, क्योंकि पुल पर जगह-जगह बने गड्ढे में लोहे के बेशकीमती रॉड और प्लेट दिख रहा है इतना ही नही बालको पुल दोनों मुहाने पर एप्रोच सड़क की स्थिति भी कोई ठीक नही है जिस कारण कभी भी हादसे का गवाह बन सकता है.

बिहार के हाजीपुर व यूपी के गाजीपुर के बीच राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 19 के बीचों बीच बनी यह पुल आज से दो दशक पूर्व बना हुआ है लेकिन उद्धघाटन आज तक नही हुआ है चाहे कारण जो भी हो उद्घाटन की राह देखते-देखते अब कराहने भी लगा हैं.

Body:बिहार तथा यूपी को सड़क मार्ग से जोड़ने वाले एनएच 19 पर बना जयप्रभा सेतु जर्जर हो चुका है ध्वस्त सड़क की मरम्मत या सेतु पर आए दिन सड़क दुर्घटना की घटनाएं होती रहती हैं लेकिन इसे रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन या सम्बंधित विभाग कोई भी कारगर कदम उठाने में विफल ही हो रहा है.

दोनो मुहानों पर भीषण दुर्घटना की आशंका प्रबल होने के बावजूद भी ज़िला प्रशासन या एनएचएआई के कानों तक जूं नही रेंग रही हैं, विभाग द्वारा जल्द ही क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत नहीं कराई गई तो कभी भी आवागमन ठप हो सकता हैं वही दूसरी तऱफ सेतु के ऊपर ढलाई से बनी सड़क कई जगहों पर टूट चुका हैं जिस कारण आने जाने वाले लोगों के सामने डर बना रहता है, ढलाई में लगी तार की जाली टूट टूट कर बिखरी पड़ी हुई है और एप्रोच मार्ग की सुरक्षा के लिए की लगाई गई बोल्डर बारिश की वजह से नीचे गिरा हुआ है.

हालांकि जयप्रभा सेतु के जर्जर होने का मामला छपरा से भाजपा विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने बिहार विधानसभा में उठाया हैं और ईटीवी भारत से कहा बातचीत के दौरान भाजपा विधायक ने कहा कि सेतु के मामलें को बलिया के सांसद बीरेंद्र सिंह मस्त से मिल कर इन मुद्दे से अवगत कराने का काम करूंगा और यूपी के मंत्री व मुख्यमंत्री से मिल कर जयप्रभा सेतु का मरम्मत कराने के लिए मांग भी करूँगा.

Byte:-डॉ सीएन गुप्ता, भाजपा विधायक, छपरा


Conclusion:मालूम हो कि सम्पूर्ण क्रांति के महानायक जेपी के सपनों का सेतु का निर्माण कार्य पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के प्रयास से वर्ष 2000 में सम्पन्न हुआ था लेकिन इससे पहले वर्ष 1987 में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री बीर बहादुर सिंह ने 1160 मीटर लंबे उक्त सेतु का शिलान्यास किया था। तब सेतु के निर्माण का लागत खर्च 26 करोड़ आंकी गई थी। जबकि वर्ष 1979 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री चंद राम ने शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान सेतु निर्माण का लागत खर्च लगभग 11 करोड़ बताया था.

हालांकि सेतु के कार्य समाप्ति के समय इनकी लागत लगभग चालीस करोड़ हो गया था सबसे खास बात यह है कि देश का इकलौता जयप्रभा सेतु हैं जिसके उद्घाटन की औपचारिकता आज तक पूरी नहीं हुई हैं लेकिन सेतु के देखने से ऐसा लगता हैं कि यह पुल अब ज्यादा दिनों का मेहमान नही है क्योंकि अब तो फोरलेन के लिए प्रस्तावित नये पुल का निर्माण तथा उद्घाटन होना है.

उक्त सेतु से प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में छोटे बड़े वाहनों का परिचालन होता है लेकिन किसी बड़े नेता या पदाधिकारियों की नजर इसकी बदहाली की तरफ नहीं जाती हैं सरयू नदी पर बना यह जयप्रभा सेतु आजकल शराब तस्करी तथा आत्महत्या व दुर्घटना जोन के रूप में काफ़ी चर्चित होता दिख रहा हैं.

PTC:-धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी, ईटीवी भारत, सारण
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