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Bihar Hooch Tragedy: IHRC की टीम ने की मसरख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जांच - ETV Bharat News

इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल (आईएचआरसी) की टीम ने मशरख पहुंचकर मंगलवार को जहरीली शराब से मौत मामले में जांच (IHRC team investigates Chapra Hooch tragedy case) पड़ताल की. साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर जानकारी ली. पढ़ें पूरी..

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Published : Dec 27, 2022, 9:26 PM IST

आईएचआरसी की टीम ने की छपरा शराब मामले की जांच

छपराः बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत मामले की जांच के लिए इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल (आईएचआरसी) पटना की टीम (International Human Rights Council team in Chapra) मंगलवार को मशरख पहुंची. मशरक थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में जहरीली शराब से मौत मामले में आईएचआरसी की टीम ने मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और मशरख थाना परिसर पहुंचकर जांच की. टीम के पदाधिकारी मनीष कुमार तिवारी सहित 9 सदस्यी टीम ने कई सारी जानकारियां ली.

ये भी पढ़ेंः छपरा में शराब से मौत के बाद पुलिस सख्त, 24 घंटे चलाई जा रही छापेमारी, 721 गिरफ्तार

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जांच कीः जांच टीम के पदाधिकारी प्रिंस कुमार ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा स्टॉक रूम से लेकर ओपीडी, जांच कक्ष की मुख्य रूप से जांच की गई. जहरीली शराब के कारण इलाज के लिए पहुंचे मरीजों की विस्तृत जानकारी ली गई. कितने मरीज को स्वास्थ्य केंद्र से सदर अस्पताल रेफर किया गया, उसकी क्या जांच पड़ताल की गई आदि बिंदूओं की जानकारी ली गई.

आईएचआरसी ने शराब उपलब्ध होने पर उठाया सवालः जांच टीम के पदाधिकारियों ने कहा कि जांच की मुख्य बिंदु यह थी कि जहरीली शराब बिहार में पहुंची तो कैसे पहुंची. जबकि इसको लेकर जिला के हर बॉर्डर को सील कर दिया गया है. टीम ने यह भी सवाल उठाया कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद प्रशासन चुप कैसे है? अगर बिहार में लोग शराब नहीं पीते तो बीमार नहीं होते. प्रिंस कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ प्रभारी से बात कर स्वास्थ विभाग से संबंधित स्वास्थ सामग्री की जानकारी ली गई है.

"यहां के पुलिस पदधिकारी शराब बरामदगी, गिरफ्तारी और अन्य कार्रवाई को लेकर कुछ नहीं बता रहे हैं. इसके साथ ही यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा स्टॉक रूम से लेकर ओपीडी, जांच कक्ष की मुख्य रूप से जांच पड़ताल की. जहरीली शराब के कारण इलाज के लिए पहुंचे मरीजों की विस्तृत जानकारी ली" - प्रिंस कुमार, पदाधिकारी, आईएचआरसी

पीएम कार्यालय भी भेजा गया है ज्ञापनः प्रिंस ने बताया कि इस मामले में प्राप्त जानकारी का ज्ञापन माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय और सारण जिलाधिकारी को सौंपा जा चुका है. जांच संबंधीत बातों को लेकर स्वास्थ्य प्रभारी डॉक्टर गोपाल कृष्ण ने बताया कि जांच टीम के द्वारा जिस जिस बात की जानकारी दी गई, उन सभी बातों की जानकारी दे दी गई. वहीं मनीष तिवारी ने बताया कि यहां थाने में कोई पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

"हमारी टीम यहां 20 मिनट से हैं, लेकिन हमें कोई थाना इंचार्ज या पुलिस कर्मी मिले. यहां कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. कितनी गिरफ्तारी हुई, क्या कार्रवाई हुई. कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है" - मनीष कुमार तिवारी, पदाधिकारी, आईएचआरसी

आईएचआरसी की टीम ने की छपरा शराब मामले की जांच

छपराः बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत मामले की जांच के लिए इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल (आईएचआरसी) पटना की टीम (International Human Rights Council team in Chapra) मंगलवार को मशरख पहुंची. मशरक थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में जहरीली शराब से मौत मामले में आईएचआरसी की टीम ने मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और मशरख थाना परिसर पहुंचकर जांच की. टीम के पदाधिकारी मनीष कुमार तिवारी सहित 9 सदस्यी टीम ने कई सारी जानकारियां ली.

ये भी पढ़ेंः छपरा में शराब से मौत के बाद पुलिस सख्त, 24 घंटे चलाई जा रही छापेमारी, 721 गिरफ्तार

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जांच कीः जांच टीम के पदाधिकारी प्रिंस कुमार ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा स्टॉक रूम से लेकर ओपीडी, जांच कक्ष की मुख्य रूप से जांच की गई. जहरीली शराब के कारण इलाज के लिए पहुंचे मरीजों की विस्तृत जानकारी ली गई. कितने मरीज को स्वास्थ्य केंद्र से सदर अस्पताल रेफर किया गया, उसकी क्या जांच पड़ताल की गई आदि बिंदूओं की जानकारी ली गई.

आईएचआरसी ने शराब उपलब्ध होने पर उठाया सवालः जांच टीम के पदाधिकारियों ने कहा कि जांच की मुख्य बिंदु यह थी कि जहरीली शराब बिहार में पहुंची तो कैसे पहुंची. जबकि इसको लेकर जिला के हर बॉर्डर को सील कर दिया गया है. टीम ने यह भी सवाल उठाया कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद प्रशासन चुप कैसे है? अगर बिहार में लोग शराब नहीं पीते तो बीमार नहीं होते. प्रिंस कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ प्रभारी से बात कर स्वास्थ विभाग से संबंधित स्वास्थ सामग्री की जानकारी ली गई है.

"यहां के पुलिस पदधिकारी शराब बरामदगी, गिरफ्तारी और अन्य कार्रवाई को लेकर कुछ नहीं बता रहे हैं. इसके साथ ही यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा स्टॉक रूम से लेकर ओपीडी, जांच कक्ष की मुख्य रूप से जांच पड़ताल की. जहरीली शराब के कारण इलाज के लिए पहुंचे मरीजों की विस्तृत जानकारी ली" - प्रिंस कुमार, पदाधिकारी, आईएचआरसी

पीएम कार्यालय भी भेजा गया है ज्ञापनः प्रिंस ने बताया कि इस मामले में प्राप्त जानकारी का ज्ञापन माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय और सारण जिलाधिकारी को सौंपा जा चुका है. जांच संबंधीत बातों को लेकर स्वास्थ्य प्रभारी डॉक्टर गोपाल कृष्ण ने बताया कि जांच टीम के द्वारा जिस जिस बात की जानकारी दी गई, उन सभी बातों की जानकारी दे दी गई. वहीं मनीष तिवारी ने बताया कि यहां थाने में कोई पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

"हमारी टीम यहां 20 मिनट से हैं, लेकिन हमें कोई थाना इंचार्ज या पुलिस कर्मी मिले. यहां कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. कितनी गिरफ्तारी हुई, क्या कार्रवाई हुई. कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है" - मनीष कुमार तिवारी, पदाधिकारी, आईएचआरसी

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