सारण: बिहार के सारण (Saran) जिले में भी लगातार बारिश और बाढ़ से हालात खराब हैं लेकिन प्रशासन का काम विषम परिस्थितियों को सुगम बनाना होता है. सारण जिला के दिघवारा प्रखण्ड कार्यालय (Water Logging In Block Office) में पांच फीट पानी लगा हुआ है. वहीं इसी परिसर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी और चिकित्सक जुगाड़ टेक्नोलॉजी के सहारे अस्पताल भवन तक रोज पहुंचकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.
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झील बने प्रखंड कार्यालय में अपनी जान की परवाह किये बगैर सरकारी कर्मचारी और डॉक्टर जुगाड़ टेक्नोलॉजी के सहारे रोज पहुंच रहे हैं. अस्पताल के चिकित्सक डॉ. डी एन पंडित ने बताया कि अस्पताल में अभी ज्यादातर जानवरों के काटने से घायल लोग आ रहे हैं. वहीं, प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं का आना बंद है. इसकी वजह मुख्य सड़क से अस्पताल तक आने वाली सड़क और परिसर में 5 से 7 फीट तक पानी का जमा है.
अस्पताल के कर्मी जुगाड़ के तहत पोलियो वैक्सीन के डब्बों को बांस के दो टुकड़ों पर रस्सियों के सहारे बांधकर एक प्लेटफार्मनुमा नाव का बनाकर उसी के सहारे आवागमन करते हैं. जब तक बाढ़ का पानी निकलता और जमीन सूखती नहीं है, तब तक उन्हें जोखिम उठाते हुए इस जुगाड़ के नाव का ही सहारा लेना होगा.
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हालांकि जिला प्रशासन की तरफ से एक नाव मिली भी तो उसका अता पता नहीं रहता है. यही हालत बीडीओ कार्यालय परिसर का भी है. उस भवन में भी आने जाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.