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गंभीर श्वसन रोग एवं इन्फ्लुएंजा की होगी निगरानी, निजी अस्पतालों से सहयोग की अपील

कोरोना के संक्रमण के रोकथाम के लिए गंभीर श्वसन रोगियों एवं इन्फ्लुएंजा जैसे रोगों से पीड़ित लोगों की निगरानी की जाएगी. इस काम में निजी अस्पतालों से भी सहयोग की अपील की गई है. आईएलआई एवं एसएआरआई की अस्पतालों में निगरानी होगी. इस के लिए जिले में डीएम के नेतृत्त्व में नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं.

chapra
प्रधान सचिव ने पत्र लिखकर दिया निर्देश
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Published : Apr 10, 2020, 9:53 PM IST

छपरा: कोरोना को मात देने के लिए राज्य में कई कदम उठाये जा रहे हैं. राज्य में अधिक से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ संदिग्धों को आईसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. इसी कड़ी में सरकार ने एक और अहम फैसला लिया गया है. अब राज्य भर में गंभीर श्वसन रोगियों एवं इन्फ्लुएंजा जैसे रोगों से पीड़ित लोगों की निगरानी की जाएगी.

इस कार्य में निजी अस्पतालों को भी सहयोग करने की अपील की गयी है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखकर विस्तार से दिशा निर्देश दिया है. प्रधान सचिव संजय कुमार के मुताबिक केंद्र सरकार के साथ मिलकर से राज्य में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए कई स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं.

chapra
प्रधान सचिव ने पत्र लिखकर दिया निर्देश

कोविड-19 के प्रसार को रोकने में होगा सहायक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (नईदिल्ली), केयर, यूनिसेफ एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे संस्थाओं के विशेषज्ञों द्वारा जारी किये गए सलाह को साझा किया जा रहा है. इसके लिए कोरोना के संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए गंभीर श्वसन रोगियों एवं इन्फ्लुएंजा जैसे रोगों से पीड़ित लोगों की निगरानी की जरूरत है.

आईएलआई एवं एसएआरआई की अस्पतालों में होगी निगरानी
आईएलआई( इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस) एवं एसआरएआई( सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस) की स्क्रीनिंग और निगरानी अस्पतालों में होगी. क्योंकि अस्पतालों में इन रोगों को बहुत सारे मरीज भर्ती होते हैं. आईएलआई सर्विलांस सभी फ्लू क्लिनिक में होनी है. इसका निर्माण सभी सरकारी अस्पतालों में एवं निजी अस्पतालों के ओपीडी में किया गया है. वहीं, सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, निजी अस्पताल, आईएलआई एवं एसआरएआई सर्विलांस के लिए प्रहरी साईट की तरह कार्य करेंगे.

chapra
प्रधान सचिव द्ववारा जारी किया गया पत्र

सर्विलांस के बेहतर क्रियान्वयन के लिए ये एक्शन होंगे महत्वपूर्ण:
• सभी आईएलाई एवं एसआरएआई केसेज की जिले में होगी लाइन लिस्टिंग( सरकारी एवं निजी अस्पतालों में)
• संदिग्ध कोरोना मरीजों के सैंपल होंगे एकत्रित.
• टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार आईसोलेशन की सुविधा एवं कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना मरीज का ईलाज.

जिलाधिकारी के नेतृत्त्व में नोडल अदाधिकारी नामित
सर्विलांस के लिए जिलाधिकारी के नेतृत्त्व में नोडल अधिकारी नामित किये गए हैं. इसमें डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस यूनिट-इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. राज्य के सर्विलांस अधिकारी जिले के सर्विलांस अधिकारी को दिशा-निर्देश भेजेंगे.

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गंभीर श्वसन रोग

इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस को जानें:
गंभीर श्वसन संक्रमण के साथ:
• 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक शारीरिक तापमान
• खांसी
• पिछले 10 दिनों से लक्षण का आना

सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस को जानें:
गंभीर श्वसन संक्रमण के साथ:
• 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक शारीरिक तापमान की हिस्ट्री.
• खांसी
• पिछले 10 दिनों से लक्षण का आना.
• अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत हो.

छपरा: कोरोना को मात देने के लिए राज्य में कई कदम उठाये जा रहे हैं. राज्य में अधिक से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ संदिग्धों को आईसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. इसी कड़ी में सरकार ने एक और अहम फैसला लिया गया है. अब राज्य भर में गंभीर श्वसन रोगियों एवं इन्फ्लुएंजा जैसे रोगों से पीड़ित लोगों की निगरानी की जाएगी.

इस कार्य में निजी अस्पतालों को भी सहयोग करने की अपील की गयी है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखकर विस्तार से दिशा निर्देश दिया है. प्रधान सचिव संजय कुमार के मुताबिक केंद्र सरकार के साथ मिलकर से राज्य में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए कई स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं.

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प्रधान सचिव ने पत्र लिखकर दिया निर्देश

कोविड-19 के प्रसार को रोकने में होगा सहायक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (नईदिल्ली), केयर, यूनिसेफ एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे संस्थाओं के विशेषज्ञों द्वारा जारी किये गए सलाह को साझा किया जा रहा है. इसके लिए कोरोना के संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए गंभीर श्वसन रोगियों एवं इन्फ्लुएंजा जैसे रोगों से पीड़ित लोगों की निगरानी की जरूरत है.

आईएलआई एवं एसएआरआई की अस्पतालों में होगी निगरानी
आईएलआई( इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस) एवं एसआरएआई( सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस) की स्क्रीनिंग और निगरानी अस्पतालों में होगी. क्योंकि अस्पतालों में इन रोगों को बहुत सारे मरीज भर्ती होते हैं. आईएलआई सर्विलांस सभी फ्लू क्लिनिक में होनी है. इसका निर्माण सभी सरकारी अस्पतालों में एवं निजी अस्पतालों के ओपीडी में किया गया है. वहीं, सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, निजी अस्पताल, आईएलआई एवं एसआरएआई सर्विलांस के लिए प्रहरी साईट की तरह कार्य करेंगे.

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प्रधान सचिव द्ववारा जारी किया गया पत्र

सर्विलांस के बेहतर क्रियान्वयन के लिए ये एक्शन होंगे महत्वपूर्ण:
• सभी आईएलाई एवं एसआरएआई केसेज की जिले में होगी लाइन लिस्टिंग( सरकारी एवं निजी अस्पतालों में)
• संदिग्ध कोरोना मरीजों के सैंपल होंगे एकत्रित.
• टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार आईसोलेशन की सुविधा एवं कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना मरीज का ईलाज.

जिलाधिकारी के नेतृत्त्व में नोडल अदाधिकारी नामित
सर्विलांस के लिए जिलाधिकारी के नेतृत्त्व में नोडल अधिकारी नामित किये गए हैं. इसमें डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस यूनिट-इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. राज्य के सर्विलांस अधिकारी जिले के सर्विलांस अधिकारी को दिशा-निर्देश भेजेंगे.

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गंभीर श्वसन रोग

इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस को जानें:
गंभीर श्वसन संक्रमण के साथ:
• 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक शारीरिक तापमान
• खांसी
• पिछले 10 दिनों से लक्षण का आना

सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस को जानें:
गंभीर श्वसन संक्रमण के साथ:
• 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक शारीरिक तापमान की हिस्ट्री.
• खांसी
• पिछले 10 दिनों से लक्षण का आना.
• अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत हो.

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