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बाढ़ से सारण के 107 गांव प्रभावित, पशुओं के चारे का जुगाड़ करना भी मुश्किल

सारण जिले के 5 प्रखंडों के 107 गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर मवेशियों के चारे को लेकर काफी दिक्कतें हो रही है. जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है.

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Published : Jul 29, 2020, 1:34 PM IST

सारणः जिले के 5 प्रखंडों पानापुर, तरैया, परसा, मकेर और मथुरा के कुल 30 पंचायतों के 107 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. प्रभावित गांव में 73 गांव चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हैं. इस बात की जानकारी जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने दी. इसके पहले उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. डीएम ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है. कुल 11 मोटर बोट लगाए गए हैं. एनडीआरएफ की टीम भी लोगों का सहयोग कर रही है.

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घरों में घुसा बाढ़ का पानी

107 गांव बाढ़ से प्रभावित
डीएम ने बताया कि 54 स्थानों पर सामुदायिक रसोई की व्यवस्था कराई गई है. जहां पर 30900 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि बाढ़ प्रभावित से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और तरैया प्रखंड में चलाए जा रहे हैं कई राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई का भी निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

नावों का परिचालन कराने का निर्देश
डीएम ने कहा पीड़ितों को पॉलिथीन शीट्स तुरंत उपलब्ध कराने का तथा पर्याप्त संख्या में नावों का परिचालन कराने का निर्देश दिया गया है. एनडीआरएफ की टीम को पंचायत स्तर पर लगाया जाएगा तथा इस टीम के साथ मेडिकल टीम भी रखा जाएगा. जिससे महिलाओं एवं बच्चों का रेस्क्यू सावधानी से किया जाएगा. आपको बताते चलें कि इतना कुछ डीएम की ओर से किया जा रहा है. मगर तरैया प्रखंड अरदेवा में सबसे ज्यादा पशुपालक है, जो बाढ़ की स्थिति के कारण पशुओं को चारा नहीं दे पा रहे हैं. जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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बाढ़ के पानी से डूबा नल

पशुओं को हो रही परेशानी
पशु पालक बताते हैं कि सरकार के तरफ से सब चीज की व्यवस्था की जा रही है, पर पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था सरकार करने में नाकाम नजर आ रही है. गाय, भैंस 2 दिन 3 दिन से सड़ा हुआ भूसा खा रहे हैं. सरकार को जल्द से जल्द पशुओं के चारा के लिए भी व्यवस्था करना चाहिए. ग्रामीणों ने बताया कि मवेशियों की हालत बहुत खराब हो गई है.

सारणः जिले के 5 प्रखंडों पानापुर, तरैया, परसा, मकेर और मथुरा के कुल 30 पंचायतों के 107 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. प्रभावित गांव में 73 गांव चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हैं. इस बात की जानकारी जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने दी. इसके पहले उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. डीएम ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है. कुल 11 मोटर बोट लगाए गए हैं. एनडीआरएफ की टीम भी लोगों का सहयोग कर रही है.

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घरों में घुसा बाढ़ का पानी

107 गांव बाढ़ से प्रभावित
डीएम ने बताया कि 54 स्थानों पर सामुदायिक रसोई की व्यवस्था कराई गई है. जहां पर 30900 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि बाढ़ प्रभावित से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और तरैया प्रखंड में चलाए जा रहे हैं कई राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई का भी निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

नावों का परिचालन कराने का निर्देश
डीएम ने कहा पीड़ितों को पॉलिथीन शीट्स तुरंत उपलब्ध कराने का तथा पर्याप्त संख्या में नावों का परिचालन कराने का निर्देश दिया गया है. एनडीआरएफ की टीम को पंचायत स्तर पर लगाया जाएगा तथा इस टीम के साथ मेडिकल टीम भी रखा जाएगा. जिससे महिलाओं एवं बच्चों का रेस्क्यू सावधानी से किया जाएगा. आपको बताते चलें कि इतना कुछ डीएम की ओर से किया जा रहा है. मगर तरैया प्रखंड अरदेवा में सबसे ज्यादा पशुपालक है, जो बाढ़ की स्थिति के कारण पशुओं को चारा नहीं दे पा रहे हैं. जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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बाढ़ के पानी से डूबा नल

पशुओं को हो रही परेशानी
पशु पालक बताते हैं कि सरकार के तरफ से सब चीज की व्यवस्था की जा रही है, पर पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था सरकार करने में नाकाम नजर आ रही है. गाय, भैंस 2 दिन 3 दिन से सड़ा हुआ भूसा खा रहे हैं. सरकार को जल्द से जल्द पशुओं के चारा के लिए भी व्यवस्था करना चाहिए. ग्रामीणों ने बताया कि मवेशियों की हालत बहुत खराब हो गई है.

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