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सारणः नियोजित शिक्षकों ने किया बैठक का आयोजन, नौकरी छोड़ चुनाव में कूदे शिक्षक

सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में नियोजित शिक्षकों ने एक बार फिर आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. साथ ही सरकार के विरूद्ध बिगुल भी फूंक दिया है.

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Published : Jan 11, 2020, 7:17 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 7:31 PM IST

सारणः राज्य सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नियोजित शिक्षकों ने बिहार विधान परिषद में सरकार के समक्ष अपना प्रतिनिधि बैठाने का निर्णय लिया है. जिसकी शंखनाद करते हुए सारण जिले के दर्जनों शिक्षक प्रतिनिधियों ने जिला मुख्यालय स्थित जनक यादव पुस्तकालय में एक बैठक आयोजित की.

शिक्षक प्रतिनिधियों ने बैठक का किया आयोजन
जिले के नियोजित शिक्षक अवधेश प्रसाद जो वर्तमान में सारण जिले के सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थापित हैं. साथ ही अनुमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ मढ़ौरा के सचिव भी है, उनके नाम पर सभी नियोजित शिक्षकों ने अपनी सहमति जताई है. वहीं, अवधेश प्रसाद ने भी शिक्षक पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: कैमूरः कुदरा नदी पर बने पुल का मरम्मत कार्य शुरू

नियोजित शिक्षकों ने सरकार के विरूद्ध फूंका बिगुल
सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में नियोजित शिक्षकों ने एक बार फिर आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. साथ ही सरकार के विरूद्ध बिगुल भी फूंक दिया है. शिक्षक प्रतिनिधि के नाम की घोषणा करते हुए शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान कहा कि हमलोगों की मांगों को सरकार हर बार ठुकरा देता है. साथ ही सामान कार्य सामान वेतन की बात करने पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से हमारी आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है. लेकिन हम सभी की समस्याओं को सुनने वाला कोई जनप्रतिनिधि नहीं है. जबतक कोई शिक्षक प्रतिनिधि विधान परिषद में नहीं होगा तब तक उनकी बात नहीं सुनी जायेगी.

सारणः राज्य सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नियोजित शिक्षकों ने बिहार विधान परिषद में सरकार के समक्ष अपना प्रतिनिधि बैठाने का निर्णय लिया है. जिसकी शंखनाद करते हुए सारण जिले के दर्जनों शिक्षक प्रतिनिधियों ने जिला मुख्यालय स्थित जनक यादव पुस्तकालय में एक बैठक आयोजित की.

शिक्षक प्रतिनिधियों ने बैठक का किया आयोजन
जिले के नियोजित शिक्षक अवधेश प्रसाद जो वर्तमान में सारण जिले के सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थापित हैं. साथ ही अनुमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ मढ़ौरा के सचिव भी है, उनके नाम पर सभी नियोजित शिक्षकों ने अपनी सहमति जताई है. वहीं, अवधेश प्रसाद ने भी शिक्षक पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

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नियोजित शिक्षकों ने सरकार के विरूद्ध फूंका बिगुल
सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में नियोजित शिक्षकों ने एक बार फिर आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. साथ ही सरकार के विरूद्ध बिगुल भी फूंक दिया है. शिक्षक प्रतिनिधि के नाम की घोषणा करते हुए शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान कहा कि हमलोगों की मांगों को सरकार हर बार ठुकरा देता है. साथ ही सामान कार्य सामान वेतन की बात करने पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से हमारी आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है. लेकिन हम सभी की समस्याओं को सुनने वाला कोई जनप्रतिनिधि नहीं है. जबतक कोई शिक्षक प्रतिनिधि विधान परिषद में नहीं होगा तब तक उनकी बात नहीं सुनी जायेगी.

Intro:Anchor:- राज्य सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नियोजित शिक्षकों ने बिहार विधान परिषद में सरकार के समक्ष अपना प्रतिनिधि बैठाने का निर्णय लिया है. जिसकी शंखनाद करते हुए सारण जिले के दर्जनों शिक्षक प्रतिनिधियों ने जिला मुख्यालय स्थित जनक यादव पुस्तकालय में एक बैठक आयोजित कर इस आशय की विधिवत घोषणा की है.

ज़िले के नियोजित शिक्षक अवधेश प्रसाद जो वर्तमान में सारण जिले के मढ़ौरा प्रखंड अंतर्गत डॉ रामबिहारी सिंह उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय विशुनपुर गौरा में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थापित हैं साथ ही अनुमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ मढ़ौरा के सचिव भी है के नाम पर सभी नियोजित शिक्षकों ने अपनी सहमति जताई है वही अवधेश प्रसाद ने भी शिक्षक पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.


Body:सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में एक बार फिर आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बनाये नियोजित शिक्षकों ने सरकार के विरूद्ध बिगुल फूंक दिया है, शिक्षक प्रतिनिधि के नाम की घोषणा करते हुए परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान कहा कि हमलोगों की मांगों को सरकार द्वारा हर बार ठुकरा दिया जाता है साथ ही सामान कार्य सामान वेतन की बात करने पर केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा हमारी आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता रहा है लेकिन हम सभी की समस्याओ को सुनने वाला कोई जनप्रतिनिधि नही है. जबतक कोई शिक्षक प्रतिनिधि विधान परिषद में नही होगा तब तक उनकी बात नहीं सुनी जायेगी.

byte:-समरेंद्र बहादुर सिंह, जिलाध्यक्ष, सारण जिला परिवर्तन शिक्षक संघ, सारण
अवधेश प्रसाद, घोषित प्रत्याशी (माला पहने हुए)


Conclusion:राज्य सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों की मांगों को बार-बार ठुकराया जाता रहा है वही नियोजित शिक्षक भी सरकार के खिलाफ बार-बार विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं अब तो शिक्षक नेताओं ने सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए होने वाले विधान परिषद चुनाव 2020 में शिक्षक उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है क्योंकि एक शिक्षक की समस्या, उसका दुख दर्द एक शिक्षक ही समझ सकता है कोई अन्य जनप्रतिनिधि नही.

अब देखना यह है कि नियोजित शिक्षक का सरकारी नौकरी छोड़ सरकार के विरूद्ध चुनाव लड़ना कितना सार्थक साबित होता है साथ ही जिन नियोजित शिक्षकों के बल पर चुनावी मैदान में कूदे है उनका सहयोग कितना मिल पाता है.
Last Updated : Jan 11, 2020, 7:31 PM IST
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