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सारण: जोरों पर दुर्गा पूजा की तैयारी, दक्षिण के स्वर्ण मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है पंडाल - Preparations for Durga Puja

आयोजकों ने बताया कि इसे बनाने में लगभग सात लाख रुपये खर्च आ रहे हैं. इससे पहले यहां लाल किला, केदारनाथ मंदिर और इंडिया गेट के आकार का पंडाल बनाया जा चुका है.

सारण
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Published : Sep 21, 2019, 1:28 PM IST

सारणः छपरा में दुर्गा पूजा को लेकर मूर्ति और पंडाल बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है. यहां के लगभग सभी चौक-चौराहों पर मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई जाती है. पंडालों को सजाया जाता है और लाइट भी लगाई जाती है. छपरा का मुख्य चौराहा गांधी चौक पर बनने वाले पंडाल को इस बार दक्षिण भारत के स्वर्ण मंदिर के तर्ज पर बनाया जा रहा है.

सारण
छपरा का निर्माणाधीन पंडाल

पंडाल निर्माण में लगेंगे 1500 बांस
इस पंडाल निर्माण के लिए बंगाल से विशेष कलाकार बुलाए गए हैं, जो कि पिछले एक महीने से काम कर रहे हैं. पंडाल बना रहे मिस्त्रियों ने बताया कि पंडाल को दक्षिण भारत के स्वर्ण मंदिर का रूप दिया जा है. इसमें लगभग 1500 बांस लगेंगे. उन्होंने कहा कि विजया दशमी शुरू होने से पहले इसे तैयार कर लिया जाएगा. वहीं, इस पंडाल में बैठाने के लिए तैयार की जा रही मुर्ति भी बंगाल के ही कलाकार बना रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

30 सालों से हो रही है पूजा
आयोजकों ने बताया कि इसे बनाने में लगभग सात लाख रुपये खर्च आ रहे हैं. इससे पहले यहां लाल किला, केदारनाथ मंदिर और इंडिया गेट के आकार का पंडाल बनाया जा चुका है. उन्होंने कहा कि 30 सालों से यहां पूजा की जा रही है. यह पूजा जन सहयोग से होता है. इसमें हर वर्ग और तबके की भागीदारी होती है.

सारणः छपरा में दुर्गा पूजा को लेकर मूर्ति और पंडाल बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है. यहां के लगभग सभी चौक-चौराहों पर मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई जाती है. पंडालों को सजाया जाता है और लाइट भी लगाई जाती है. छपरा का मुख्य चौराहा गांधी चौक पर बनने वाले पंडाल को इस बार दक्षिण भारत के स्वर्ण मंदिर के तर्ज पर बनाया जा रहा है.

सारण
छपरा का निर्माणाधीन पंडाल

पंडाल निर्माण में लगेंगे 1500 बांस
इस पंडाल निर्माण के लिए बंगाल से विशेष कलाकार बुलाए गए हैं, जो कि पिछले एक महीने से काम कर रहे हैं. पंडाल बना रहे मिस्त्रियों ने बताया कि पंडाल को दक्षिण भारत के स्वर्ण मंदिर का रूप दिया जा है. इसमें लगभग 1500 बांस लगेंगे. उन्होंने कहा कि विजया दशमी शुरू होने से पहले इसे तैयार कर लिया जाएगा. वहीं, इस पंडाल में बैठाने के लिए तैयार की जा रही मुर्ति भी बंगाल के ही कलाकार बना रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

30 सालों से हो रही है पूजा
आयोजकों ने बताया कि इसे बनाने में लगभग सात लाख रुपये खर्च आ रहे हैं. इससे पहले यहां लाल किला, केदारनाथ मंदिर और इंडिया गेट के आकार का पंडाल बनाया जा चुका है. उन्होंने कहा कि 30 सालों से यहां पूजा की जा रही है. यह पूजा जन सहयोग से होता है. इसमें हर वर्ग और तबके की भागीदारी होती है.

Intro:दक्षिण के स्वर्ण मंदिर मे विराजेगी मा दुर्गा। छ्परा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट । छ्परा।छ्परा मे इन दिनो मा दुर्गा जी की मुर्ति और भव्य पंडाल बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है।यू तो छ्परा के सभी चौंक चौराहे पर मा दुर्गा की एक से बढ़ कर एक प्रतिमा बनायी जाती है और रंग बिरंगी लाइटो से इसकी सजावट की जाती है।छ्परा शहर के ह्रदय स्थल नगरपालिका चौंक हो या गाधी चौक सभी जगहों पर महिनों से कलाकार भव्य मुर्ति और पंडाल का निर्माण कर रहे है।



Body:छ्परा के मुख्य चौराहे गांधी चौक पर पिछ्ले एक महिने से बंगाल से आये कारीगरों के द्वारा मुर्ति और पंडाल का निर्माण किया जा रहा है।बंगाल के नादिया जिले से आये हुये कलाकारों के द्वारा इस बार दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर बनाने का काम तेजी से चल रहा है।इस दक्षिण के स्वर्ण मंदिर मे मा दुर्गा बिराजेगी।वही आयोजकों ने बताया की इसके पहले लाल किला,केदारनाथ मंदिर और गेट वे आफ इण्डिया की आकृति बनायी जा चुकी है।


Conclusion:आयोजक सचिव गोविंद श्रीवास्तव और कोषाध्यक्ष बालेश्वर राय और शम्भुनाथ ने बताया की इस बात दक्षिण भारत के स्वर्ण मंदिर बनाने मे लगभग सात लाख रुपया का खर्च आया है और 1000 से ज्यादा बास का प्रयोग किया जा रहा है।इस प्रतिमा की खासियत यह है की यहा जो प्रतिमा का निर्मांण किया जा रहा वह विशुद्ध रूप से मिट्टी से बनायी जा रही है।यहा पर पूजा समिति के सदस्यों ने बताया की लगभग तीस सालों से यहा पर माता की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है। बाईट बंगाल से आये कारीगरों की बाईट बालेश्वर राय और शंभू नाथ आयोजक
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