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सारण: नंदलाल सिंह कॉलेज में संसाधनों की कमी के कारण छात्र परेशान, नहीं होती समुचित पढ़ाई

जयप्रकाश विश्विद्यालय से एफलिएटेड नंदलाल सिंह कॉलेज की स्थापना को 51 वर्ष हो गए हैं. लेकिन अबतक शिक्षक या छात्राओं के लिए एक कॉमन रूम की व्यवस्था नहीं है.

नंदलल सिंह कॉलेज
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Published : Sep 4, 2019, 11:03 PM IST

सारण: बिहार सरकार उच्च शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. वहीं, हाईटेक तरीके से पढ़ाई के लिए करोड़ों रूपयों का अनुदान भी दे रही है. जयप्रकाश विश्विद्यालय से एफलिएटेड नंदलाल सिंह कॉलेज में शिक्षक या छात्राओं के लिए एक कॉमन रूम की व्यवस्था तक नहीं है. कॉलेज की स्थापना को 51 वर्ष हो गए हैं. यह जिले का एकलौता कॉलेज है जहां दूर-दूर से छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं.

जयप्रकाश विश्विद्यालय से एफिलिएटेड नंदलल सिंह कॉलेज

पेयजल की भी व्यवस्था नहीं
कॉलेज की स्थिति यह है कि इंटर से लेकर स्नातक तक विद्यार्थियों के पढ़ाई के लिए मात्र पांच क्लास रुम हैं. हालत यह है कि विद्यार्थियों को भौतिकी और रसायन विज्ञान के लैब में पढ़ाया जाता हैं. महाविद्यालय प्रबंधन ने विश्वविद्यालय से लेकर राज्य सरकार तक को लिखित शिकायत की है. लेकिन आज तक किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई हैं. शिक्षक और छात्रों को सुविधाओं के कमी के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. नंदलाल सिंह कॉलेज की स्थापना के 51 वर्ष पूरे हो गए. लेकिन आज तक यहां पर शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है.

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नंदलाल सिंह कॉलेज

ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत
नंदलाल सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. केपी श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि कॉलेज में जो भी कमियां हैं. उसको पत्र के माध्यम से जेपीयू के कुलपति महोदय और राजभवन को भी लिखित सूचना कई बार दी गई है. लेकिन, आज तक संबंधित विभाग ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है. जबकि, इस कॉलेज में बेहतर शिक्षा की उम्मीद को लेकर लगभग 10 किलोमीटर दूर से छात्र साइकिल से पढ़ने आते हैं.

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पढ़ाई करते बच्चे

लैब की पढ़ाई से वंचित होने को मजबूर छात्र-छात्राएं
प्राचार्य का कहना है कि एक विभाग के लिए तीन कमरा और लैब के लिए दो कमरे होने चाहिए. लेकिन, यहां कुल पांच क्लासरुम ही है. वहीं, क्लास रूम की कमी के वजह से लैब में विद्यार्थियों को पढ़ाने को हम मजबूर हैं. पढ़ाने में छात्रों को दिक्कत तो होती ही है, साथ ही लैब की समुचित व्यवस्था होने के बावजूद लैब की पढ़ाई से छात्र वंचित रहते हैं. यहां शिक्षकों के कुल 34 पोस्ट हैं. जिसमें मात्र 14 शिक्षक कार्यरत हैं जबकि 20 शिक्षकों के पोस्ट खाली हैं. इसी तरह गैर शिक्षकों की बात करें तो 33 पद सृजित हैं. जिसमें पांच ही कार्यरत हैं. जबकि 28 पोस्ट वर्षो से खाली पड़े हुए हैं.

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नंदलाल सिंह कॉलेज का क्लास रूम

सारण: बिहार सरकार उच्च शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. वहीं, हाईटेक तरीके से पढ़ाई के लिए करोड़ों रूपयों का अनुदान भी दे रही है. जयप्रकाश विश्विद्यालय से एफलिएटेड नंदलाल सिंह कॉलेज में शिक्षक या छात्राओं के लिए एक कॉमन रूम की व्यवस्था तक नहीं है. कॉलेज की स्थापना को 51 वर्ष हो गए हैं. यह जिले का एकलौता कॉलेज है जहां दूर-दूर से छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं.

जयप्रकाश विश्विद्यालय से एफिलिएटेड नंदलल सिंह कॉलेज

पेयजल की भी व्यवस्था नहीं
कॉलेज की स्थिति यह है कि इंटर से लेकर स्नातक तक विद्यार्थियों के पढ़ाई के लिए मात्र पांच क्लास रुम हैं. हालत यह है कि विद्यार्थियों को भौतिकी और रसायन विज्ञान के लैब में पढ़ाया जाता हैं. महाविद्यालय प्रबंधन ने विश्वविद्यालय से लेकर राज्य सरकार तक को लिखित शिकायत की है. लेकिन आज तक किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई हैं. शिक्षक और छात्रों को सुविधाओं के कमी के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. नंदलाल सिंह कॉलेज की स्थापना के 51 वर्ष पूरे हो गए. लेकिन आज तक यहां पर शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है.

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नंदलाल सिंह कॉलेज

ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत
नंदलाल सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. केपी श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि कॉलेज में जो भी कमियां हैं. उसको पत्र के माध्यम से जेपीयू के कुलपति महोदय और राजभवन को भी लिखित सूचना कई बार दी गई है. लेकिन, आज तक संबंधित विभाग ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है. जबकि, इस कॉलेज में बेहतर शिक्षा की उम्मीद को लेकर लगभग 10 किलोमीटर दूर से छात्र साइकिल से पढ़ने आते हैं.

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पढ़ाई करते बच्चे

लैब की पढ़ाई से वंचित होने को मजबूर छात्र-छात्राएं
प्राचार्य का कहना है कि एक विभाग के लिए तीन कमरा और लैब के लिए दो कमरे होने चाहिए. लेकिन, यहां कुल पांच क्लासरुम ही है. वहीं, क्लास रूम की कमी के वजह से लैब में विद्यार्थियों को पढ़ाने को हम मजबूर हैं. पढ़ाने में छात्रों को दिक्कत तो होती ही है, साथ ही लैब की समुचित व्यवस्था होने के बावजूद लैब की पढ़ाई से छात्र वंचित रहते हैं. यहां शिक्षकों के कुल 34 पोस्ट हैं. जिसमें मात्र 14 शिक्षक कार्यरत हैं जबकि 20 शिक्षकों के पोस्ट खाली हैं. इसी तरह गैर शिक्षकों की बात करें तो 33 पद सृजित हैं. जिसमें पांच ही कार्यरत हैं. जबकि 28 पोस्ट वर्षो से खाली पड़े हुए हैं.

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नंदलाल सिंह कॉलेज का क्लास रूम
Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
SLUG:-SANSADHAN VIHIN COLLEGE
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:- यूजीसी व बिहार सरकार उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने व हाईटेक तरीके से पढ़ाई करने के लिए करोड़ो रूपये का अनुदान देने की घोषणा या दावा करती हैं लेकिन लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम पर स्थापित जयप्रकाश विश्विद्यालय की अंगीभूत इकाई नंदलाल सिंह कालेज की स्थापना को 51 वर्ष हो गए है लेकिन आज तक शिक्षक या छात्राओं के लिए एक कॉमन रूम की व्यवस्था नही है जबकि इस कॉलेज में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से छात्राओं का आना होता हैं.

वही इस महाविद्यालय में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने वाली घोषणाएं धरातल पर नजर नही आ रही हैं कॉलेज की स्थिति यह है कि इंटर से लेकर स्नातक तक छात्रों की पढ़ाई के लिए मात्र पांच कमरें ही उपलब्ध हैं वह भी भौतिकी व रसायन विज्ञान के लैब वाले रूम में किसी तरह छात्रों को पढ़ाया जाता हैं जिसको लेकर महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा विश्वविद्यालय से लेकर राज्य सरकार तक को लिखित शिकायत दिया गया हैं लेकिन आज तक किसी तरह की कोई व्यवस्था नही की गई हैं जिससे आये दिन शिक्षक व छात्रों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
Body:भगवान भरोसे कॉलेज को किसी तरह से संचालित किया जाता हैं यहां तक छात्राओं की भी अनदेखी की जाती है, यहां न तो कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद है ना ही कोई रात्रि प्रहरी, सबसे बड़ी विडंबना यह है कि इस कॉलेज की स्थापना के 51 वर्ष पूरे हो गए लेकिन आज तक यहां के छात्राओं के लिए एक कॉमन रूम तक की व्यवस्था नही हुई हैं इतना ही नही बल्कि शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था भी नही की गई हैं.

Byte:-नीतू कुमारी, छात्रा

नंदलाल सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ केपी श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में बताया कि कॉलेज में जो भी कमियां हैं उसको पत्र के माध्यम से जेपीयू के कुलपति महोदय व राजभवन को भी लिखित सूचना कई बार दी गई है लेकिन आज तक संबंधित विभाग द्वारा कोई भी ठोस कदम उठाया नही गया हैं, जबकि इस कॉलेज में बेहतर शिक्षा की उम्मीद को लेकर कॉलेज के आस पास से लेकर लगभग 10 किलोमीटर दूर तक के छात्र सायकिल से एक उम्मीद के साथ पढ़ने आते है लेकिन उम्मीदों पर खड़ा उतरने में असफ़ल साबित हो रहा है.

Byte:- वॉक थ्रू
डॉ केपी श्रीवास्तव, प्राचार्य, नंदलाल सिंह कॉलेज, जैतपुर, दाउदपुर, सारण
धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी, ईटीवी भारत, सारण




Conclusion:नियमानुसार देखा जाये तो एक विभाग के लिए तीन कमरा व दो लैब कमरें होने चाहिए लेकिन हैं नही जिस कारण लैब वाला रूम हो या फिर पढ़ने के लिए कमरें सभी के सभी एक ही हैं जिस कारण पढ़ाने में तो दिक्कतें होती ही हैं साथ ही लैब की समुचित व्यवस्था होने के बावजूद लैब की पढ़ाई से छात्र वंचित होने को मजबूर रहते है.

प्राध्यापकों की बात की जाये तो अंग्रेजी विषय को छोड़ दिया जाए तो बाकी के सभी विषयों में शिक्षकों की कमी हैं, शिक्षकों के 34 पोस्ट हैं जिसमें मात्र 14 शिक्षक ही कार्यरत है जबकि 20 शिक्षकों के पोस्ट खाली पड़े हुए है इसी तरह गैर शिक्षकों की बात करें तो 33 पद सृजित हैं जिसमें पांच ही कार्यरत है जबकि 28 पोस्ट वर्षो से खाली पड़े हुए है.


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