छपरा: विगत दिनों सारण क्षेत्र में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों और सीएसपीओ पर अपराधियों द्वारा हथियार के बल पर राशि लूटे जाने के कई मामले सामने आए थे. जिसमें पुलिस अभी तक कई कांडों का उद्भेदन नहीं कर पाई है. इस बात को लेकर अब सारण पुलिस पर भी सवाल उठने लगे हैं.
इस समय सारण प्रक्षेत्र मे सीनियर आईपीएस अधिकारी मनु महाराज डीआईजी के पद पर पदस्थापित हैं और वहीं तेजतर्रार माने जाने वाले एसपी संतोष कुमार भी सारण में ही पुलिस कप्तान हैं. जिले में दो-दो तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी होने के बाद इस तरह लूट की घटनाएं होना कहीं ना कहीं सारण पुलिस की विफलताओं की कहानी बयां कर रही है.
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सिर्फ 2 मामलों का खुलासा
इससे लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास घटता जा रहा है. साथ ही साथ इन दोनों आईपीएस अधिकारी की जिले में उपस्थिति भी कुछ खास नहीं कर पा रही है. वैसे भी बेखौफ अपराधियों के निशाने पर सीएसपी ज्यादा रहे हैं. क्योंकि यहां पर अच्छी खासी रकम लूट में मिल जाती है.
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अपराधियों के निशाने पर सीएसपीओ
2 और 3 मई को एकमा स्थित कूरियर कंपनी में नाटकीय ढंग से 18 लाख रुपए की लूट हुई थी. जिसमें से इस घटना में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि दूसरी घटना 10 मई को जिले के दिघवारा के उत्कृष्ट फाइनेंस कंपनी में हुई थी. जिसमें 9 लाख 30हजार रुपये की लूट की गई थी. इसमे पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है. 12 मई को छपरा के यूनीमनी वित्तीय संस्थान में 11 लाख रुपये की लूट हुई थी. जिसमे अभी तक अपराधी पकड़े नहीं गए हैं.
26 मई को बंधन बैंक कर्मी से पिस्तौल की नोक पर दाउदपुर में 90 हजार रुपये की लूट हुई थी. 27 मई को एकमा में सोनाटा माइक्रोफाइनेंस के मैनेजर को लूटपाट के क्रम में गोली मारकर घायल कर दिया गया था. और यहां से मात्र 2000 रुपये ही लुटेरों के हाथ लगे थे. इसी के साथ 3 जून को तरैया के सीएसपी से दो लाख की लूट हुई. और उसके चंद घंटे के अंदर पानापुर में बंधन बैंक के सीएसपी से 1.85 लाख रुपये की लूट हुई.
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पुलिस पर उठ रहे हैं सवाल
जबकि लॉकडाउन के दौरान पुलिस की सक्रियता काफी बढ़ रही है. उसके बावजूद भी लूट की घटनाओं को अंजाम देना बेखौफ अपराधियों को एक तरह से सारण पुलिस को चुनौती देना है. जिस जिले में दो-दो वरीय आईपीएस अधिकारी होने के बाद भी अपराधी लगातार लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस अंधेरे में तीर मार रही है.