ETV Bharat / state

बिहार में संक्रमित बांट रहे कोरोना! ना दवाई...ना कड़ाई... कैसे हो लड़ाई

कोरोना का खतरा छपरा पर गहराने लगा है. क्योंकि छपरा सदर अस्पताल से कोरोना संक्रिमतों को बाहर भेजा जा रहा है. कहा जा रहा है, बाहर से कुछ दवा ले लें. ऐसे में कोरोना संक्रमित आम आवागमन के साधन से दवा दुकान पहुंच रहे हैं. दवा लेकर फिर घर की ओर जा रहे हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ने लगा है. लेकिन सिविल सर्जन इस बात को मानने को तैयार नहीं कि अस्पताल प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती गई है.

बाजार में कोरोना संक्रमित
बाजार में कोरोना संक्रमित
author img

By

Published : Apr 16, 2021, 9:54 AM IST

छपराः बिहार में अब माहौल बदल चुका है. अस्पताल में काफी कम बेड बचे हैं. कोरोना संक्रमितों के मौत की दर बढ़ रही है. इसी बीच डराने वाली एक खबर छपरा से आयी है. जहां कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों को बाहर से दवा लेने को छपरा सदर अस्पताल द्वारा बोला जा रहा है. क्योंकि वे जो किट दे रहे हैं, उसमें पर्याप्त दवा नहीं है. वहीं संक्रमित व्यक्ति बी सड़कों पर निकल रहे हैं और दवा दुकान जाकर दवा भी खरीद रहे हैं. जरा सोचिए, क्या ऐसे कोरोना पर काबू पाया जाएगा!

यह भी पढ़ें- बिहार में लगेगा लॉकडाउन? CM नीतीश कुमार बोले- हर विकल्‍प पर होगा विचार

दवा दुकान गए कोरोना संक्रमित
दरअसल, छपरा सदर अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराने पहुंचे दिलीप भारती मांझी का टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आया. उसके बाद उन्हें एक किट दी गई. किट में कुछ दवाइयां थीं. लेकिन एक महत्वपूर्ण दवा एजिथ्रोमाइसीन सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी. इसलिए अस्पताल के ही स्वास्थ्यकर्मियों ने दिलीप कुमार मांझी को बाहर से दवा लेने को कह दिया. साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें होम आइसोलेट होने को भी कहा. वे वहां से निकले तो सबसे पहले दवा दुकान पहुंचे और दवा की खरीद की. तब घर गए. इतने देर में वे सड़कों पर घूमे, दवा दुकान पर गए. कईयों के संपर्क में आए होंगे.

छपरा में बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले
कोरोना पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयत्न कर रहा है. लेकिन जनसंख्या घनत्व अधिक है. इस कारण अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामले कम नहीं हो पा रहे हैं. उसके बेहतर प्रबंधन के लिए अभी भी स्वास्थ विभाग पूरी तरह से कार्य नहीं कर पा रहा है. उदाहरण के तौर पर छपरा के सदर अस्पताल में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन बहुत ज्यादा मरीजों के प्रति उत्तर दायित्व नहीं है.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- जंक्शन पर जांच में बरती जा रही कोताही, पटना में कोरोना विस्फोट का खतरा

सिविल सर्जन मानने को तैयार नहीं
'अस्पताल से कोई लापरवाही नहीं हुई है. कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मरीज को होम आइसोलेट किया जा रहा है. वे बाहर कैसे निकलेंगे. अस्पताल से ही सारी दवाइयां दी जा रही हैं.' -जनार्दन प्रसाद सुकुमार, सिविल सर्जन

दवा नहीं हैं मौजूद
छपरा सदर अस्पताल में बढ़ते हुए कोरोना पॉजिटिव के मामले में मरीजों को जरूरी दवाइयों के किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. लेकिन इसमें बहुत सारी दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं. जिससे कोरोना पॉजिटिव मरीज इन दवाइयों को लेने दवा की दुकान पर सीधे चले जा रहे हैं. इससे आम नागरिकों के साथ दवा के दुकानदार भी काफी डरे हुए हैं कि अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं होने के कारण कोरोना पॉजिटिव मरीज दवा दुकान पर तो जा ही रहे हैं, इसके साथ ही आम आवागमन के साधन का भी प्रयोग कर रहे हैं. जो कि अपने आप में काफी खतरनाक हो रहा है. इस खबर से हर किसी में भय है.

यह भी पढ़ें- ये रहा पटना का 'फुल कोरोना रिपोर्ट', जानिए सरकार की पूरी तैयारी

यह भी पढ़ें- पटना में बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर त्राहिमाम, निजी अस्पतालों ने खड़े किए हाथ

यह भी पढ़ें- बिहटा ESIC में जल्द खुलेगा 500 बेड वाला कोविड डेडिकेटेड अस्पताल, गृह मंत्री ने दी मंजूरी

छपराः बिहार में अब माहौल बदल चुका है. अस्पताल में काफी कम बेड बचे हैं. कोरोना संक्रमितों के मौत की दर बढ़ रही है. इसी बीच डराने वाली एक खबर छपरा से आयी है. जहां कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों को बाहर से दवा लेने को छपरा सदर अस्पताल द्वारा बोला जा रहा है. क्योंकि वे जो किट दे रहे हैं, उसमें पर्याप्त दवा नहीं है. वहीं संक्रमित व्यक्ति बी सड़कों पर निकल रहे हैं और दवा दुकान जाकर दवा भी खरीद रहे हैं. जरा सोचिए, क्या ऐसे कोरोना पर काबू पाया जाएगा!

यह भी पढ़ें- बिहार में लगेगा लॉकडाउन? CM नीतीश कुमार बोले- हर विकल्‍प पर होगा विचार

दवा दुकान गए कोरोना संक्रमित
दरअसल, छपरा सदर अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराने पहुंचे दिलीप भारती मांझी का टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आया. उसके बाद उन्हें एक किट दी गई. किट में कुछ दवाइयां थीं. लेकिन एक महत्वपूर्ण दवा एजिथ्रोमाइसीन सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी. इसलिए अस्पताल के ही स्वास्थ्यकर्मियों ने दिलीप कुमार मांझी को बाहर से दवा लेने को कह दिया. साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें होम आइसोलेट होने को भी कहा. वे वहां से निकले तो सबसे पहले दवा दुकान पहुंचे और दवा की खरीद की. तब घर गए. इतने देर में वे सड़कों पर घूमे, दवा दुकान पर गए. कईयों के संपर्क में आए होंगे.

छपरा में बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले
कोरोना पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयत्न कर रहा है. लेकिन जनसंख्या घनत्व अधिक है. इस कारण अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामले कम नहीं हो पा रहे हैं. उसके बेहतर प्रबंधन के लिए अभी भी स्वास्थ विभाग पूरी तरह से कार्य नहीं कर पा रहा है. उदाहरण के तौर पर छपरा के सदर अस्पताल में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन बहुत ज्यादा मरीजों के प्रति उत्तर दायित्व नहीं है.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- जंक्शन पर जांच में बरती जा रही कोताही, पटना में कोरोना विस्फोट का खतरा

सिविल सर्जन मानने को तैयार नहीं
'अस्पताल से कोई लापरवाही नहीं हुई है. कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मरीज को होम आइसोलेट किया जा रहा है. वे बाहर कैसे निकलेंगे. अस्पताल से ही सारी दवाइयां दी जा रही हैं.' -जनार्दन प्रसाद सुकुमार, सिविल सर्जन

दवा नहीं हैं मौजूद
छपरा सदर अस्पताल में बढ़ते हुए कोरोना पॉजिटिव के मामले में मरीजों को जरूरी दवाइयों के किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. लेकिन इसमें बहुत सारी दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं. जिससे कोरोना पॉजिटिव मरीज इन दवाइयों को लेने दवा की दुकान पर सीधे चले जा रहे हैं. इससे आम नागरिकों के साथ दवा के दुकानदार भी काफी डरे हुए हैं कि अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं होने के कारण कोरोना पॉजिटिव मरीज दवा दुकान पर तो जा ही रहे हैं, इसके साथ ही आम आवागमन के साधन का भी प्रयोग कर रहे हैं. जो कि अपने आप में काफी खतरनाक हो रहा है. इस खबर से हर किसी में भय है.

यह भी पढ़ें- ये रहा पटना का 'फुल कोरोना रिपोर्ट', जानिए सरकार की पूरी तैयारी

यह भी पढ़ें- पटना में बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर त्राहिमाम, निजी अस्पतालों ने खड़े किए हाथ

यह भी पढ़ें- बिहटा ESIC में जल्द खुलेगा 500 बेड वाला कोविड डेडिकेटेड अस्पताल, गृह मंत्री ने दी मंजूरी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.