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Chaiti Chhath Puja 2023: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व संपन्न, व्रतियों ने ग्रहण किया महाप्रसाद

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा समाप्त हो गई है. आज उदयीमान भगवान भास्कर को अर्ध्य देने के साथ ही व्रतधारियों ने अपना निर्जला व्रत का समापण किया. व्रत समापण के बाद व्रतधारियों ने खुद भी प्रसाद ग्रहण किया और लोगों को भी प्रसाद ग्रहण करने के लिए दिया. पढ़ें पूरी खबर...

छठ महापर्व संपन्न
छठ महापर्व संपन्न
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Published : Mar 28, 2023, 7:12 AM IST

Updated : Mar 28, 2023, 7:30 AM IST

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर चैती छठ का समापन

छपरा: बिहार में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज उदयीमान भगवान भास्कर के अर्ध्य के साथ ही छठ महापर्व का समापण (Chaiti Chhath Puja) हो गया. आज छठ व्रतियों ने उगते हुए भगवान सूर्य को अर्ध्य देकर 36 घंटे से निर्जला उपवास का व्रत समाप्त किया. इस व्रत के समाप्ति के बाद व्रतधारियों ने सबसे पहले घी मिश्रित चाय का सेवन किया.

ये भी पढ़ें- Chaiti Chhath 2023: उदयीमान भगवान सूर्य को अर्घ्य के साथ ही महापर्व छठ का समापन

छठ पूजा आज संपन्न: आज सभी छठ व्रतियों ने उदयाचलगामी भगवान भास्कर को अर्ध्य देकर चार दिवसीय छठ पर्व का समापन किया. इसके पहले सभी छठव्रतधारियों ने शाम के समय अस्ताचंलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्ध्य दिया था. क्योंकि यह पर्व भगवान सूर्य की उपासना का पर्व होता है. इसलिए इस पर्व का अपना एक विशेष महत्व होता है. इस पर्व में सभी प्रकार के मौसमी फल और ठेकुआ का प्रसाद बनाया जाता है. छठव्रती नदी, तालाब और पोखर में जाकर स्नान करने के बाद खड़े होकर भगवान भास्कर को फल से भरे सूप से भगवान सूर्य की पूजा करते हैं.

चार दिवसीय अनुष्ठान का अंत: छठ व्रत एक कठिन तप का व्रत माना जाता है. इस व्रत में चार दिवसीय अनुष्ठान होता है, जिसमें पहले दिन दाल, चावल और कद्दू की सब्जी का भोग लगता है. छठ व्रतधारी उस प्रसाद को ग्रहण करते हैं. दूसरे दिन खरना किया जाता है. इस दिन साठी चावल की खीर, रोटी और केले का प्रसाद बनाया जाता है. छठ व्रतियों के द्वारा इस प्रसाद को ग्रहण किया जाता हैं. तब घर के लोगों के साथ प्रसाद ग्रहण करने आये लोग इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं.

विशेष साफ-सफाई पर ध्यान: जबकि खरना के बाद छठव्रतियों को 36 घंटे का निर्जला उपवास रखना होता है. इस पवित्र त्यौहार में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. इसके साथ में बड़ी ही शुद्धता का ध्यान रखा जाता है. भगवान को अर्पित करने के बाद ही लोगों में प्रसाद का वितरण होता है.

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर चैती छठ का समापन

छपरा: बिहार में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज उदयीमान भगवान भास्कर के अर्ध्य के साथ ही छठ महापर्व का समापण (Chaiti Chhath Puja) हो गया. आज छठ व्रतियों ने उगते हुए भगवान सूर्य को अर्ध्य देकर 36 घंटे से निर्जला उपवास का व्रत समाप्त किया. इस व्रत के समाप्ति के बाद व्रतधारियों ने सबसे पहले घी मिश्रित चाय का सेवन किया.

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छठ पूजा आज संपन्न: आज सभी छठ व्रतियों ने उदयाचलगामी भगवान भास्कर को अर्ध्य देकर चार दिवसीय छठ पर्व का समापन किया. इसके पहले सभी छठव्रतधारियों ने शाम के समय अस्ताचंलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्ध्य दिया था. क्योंकि यह पर्व भगवान सूर्य की उपासना का पर्व होता है. इसलिए इस पर्व का अपना एक विशेष महत्व होता है. इस पर्व में सभी प्रकार के मौसमी फल और ठेकुआ का प्रसाद बनाया जाता है. छठव्रती नदी, तालाब और पोखर में जाकर स्नान करने के बाद खड़े होकर भगवान भास्कर को फल से भरे सूप से भगवान सूर्य की पूजा करते हैं.

चार दिवसीय अनुष्ठान का अंत: छठ व्रत एक कठिन तप का व्रत माना जाता है. इस व्रत में चार दिवसीय अनुष्ठान होता है, जिसमें पहले दिन दाल, चावल और कद्दू की सब्जी का भोग लगता है. छठ व्रतधारी उस प्रसाद को ग्रहण करते हैं. दूसरे दिन खरना किया जाता है. इस दिन साठी चावल की खीर, रोटी और केले का प्रसाद बनाया जाता है. छठ व्रतियों के द्वारा इस प्रसाद को ग्रहण किया जाता हैं. तब घर के लोगों के साथ प्रसाद ग्रहण करने आये लोग इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं.

विशेष साफ-सफाई पर ध्यान: जबकि खरना के बाद छठव्रतियों को 36 घंटे का निर्जला उपवास रखना होता है. इस पवित्र त्यौहार में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. इसके साथ में बड़ी ही शुद्धता का ध्यान रखा जाता है. भगवान को अर्पित करने के बाद ही लोगों में प्रसाद का वितरण होता है.

Last Updated : Mar 28, 2023, 7:30 AM IST
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