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सारणः आस्था के महापर्व छठ को लेकर लोगों में दिख रहा उत्साह

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Published : Oct 31, 2019, 2:13 PM IST

चार दिनों तक चलने वाले आस्था के महापर्व की शुरुआत हो गई है. जिलेवासियों में इसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है.

सारण

सारणः नहाय खाय के साथ शुरू होकर चार दिनों तक चलने वाले आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत हो गई है. गुरुवार को नहाय-खाय मनाया जा रहा है. इसमें छठव्रती गंगा में स्नान कर गंगा जल लेकर घर आती हैं. उसी जल से अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद बनाकर छठ मां को भोग अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करती हैं.

शुक्रवार को है खरना
उसके बाद अगले दिन की पूजा खरना के नाम से प्रसिद्ध है. शुक्रवार को खरना के दिन रोटी खीर का प्रसाद बनाकर छठ मां का भोग लगाने बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करेंगी. उसके बाद से व्रती निर्जला उपवास पर रहेंगी. फिर शनिवार को दिनभर शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी चलेगी. घर के पुरुष सदस्य बाजार से फल-फूल, दोरा से साथ-साथ पूजा की अन्य सामाग्री लाएंगे.

पेश है रिपोर्ट

रविवार को होगा पारन
वहीं घर की महिलाएं इस दिन ठैकूआ पकाएंगी. शाम को अर्घ्य देने के लिए सभी लोग छठ घाट पर पहुंचेंगे. जहां अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा. उसके अगले दिन रविवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए एक बार फिर सभी छठ घाट पर जुटेंगे. जहां सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा. इसके साथ ही छठ पर्व का समापन हो जाता है. फिर छठ व्रती पारन करती हैं.

सारणः नहाय खाय के साथ शुरू होकर चार दिनों तक चलने वाले आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत हो गई है. गुरुवार को नहाय-खाय मनाया जा रहा है. इसमें छठव्रती गंगा में स्नान कर गंगा जल लेकर घर आती हैं. उसी जल से अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद बनाकर छठ मां को भोग अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करती हैं.

शुक्रवार को है खरना
उसके बाद अगले दिन की पूजा खरना के नाम से प्रसिद्ध है. शुक्रवार को खरना के दिन रोटी खीर का प्रसाद बनाकर छठ मां का भोग लगाने बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करेंगी. उसके बाद से व्रती निर्जला उपवास पर रहेंगी. फिर शनिवार को दिनभर शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी चलेगी. घर के पुरुष सदस्य बाजार से फल-फूल, दोरा से साथ-साथ पूजा की अन्य सामाग्री लाएंगे.

पेश है रिपोर्ट

रविवार को होगा पारन
वहीं घर की महिलाएं इस दिन ठैकूआ पकाएंगी. शाम को अर्घ्य देने के लिए सभी लोग छठ घाट पर पहुंचेंगे. जहां अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा. उसके अगले दिन रविवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए एक बार फिर सभी छठ घाट पर जुटेंगे. जहां सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा. इसके साथ ही छठ पर्व का समापन हो जाता है. फिर छठ व्रती पारन करती हैं.

Intro:छठ महापर्व शुरू ।छ्परा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट। *नहाय खाय के साथ ही चार दिवसीय छठ महा पर्व का हुआ आगाज *फलो और सब्जियों के दामों मे तेजी *कद्दू के दामों मे विशेष तेजी। छ्परा।छ्परा मे चार दिवसीय छठ महापर्व को लेकर लोगों मे खासा उत्साह है।और आज से चार दिवसीय इस महा पर्व का आगाज हो रहा है।आज छठ व्रती गंगा जी मे स्नान करने के बाद गगा जल लाकर उसी से अरवा चावल का भात चने की दाल और कद्दू की सब्जी बनाकर इसका प्रसाद बनाया जायेगा।और सबसे पहले छठ व्रती छठ माई को भोग अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करेगे। इस महापर्व के पहले दिन नहाय खाय से ही इस चार दिवसीय अनुष्ठान का प्रराम्भ होता है।


Body:उसके बाद अगले दिन यानि चतुर्थी के दिन शुक्रवार को रोटी खीर से छठी माई का भोग लगाने के बाद छठ व्रती प्रसाद ग्रहण करने के बाद निर्जला उपवास करेगे।और शनिवार को नदी और तालाबों मे छठ ब्र्र्ती अस्तांचल गामी सुर्य को प्रथम अर्ध दिया देगें ।और रविवार को उदयाचल गामी सुर्य को अर्ध देने के बाद ही इस व्रत का समापन होगा।और छठ व्रती अन्न जल ग्रहण करेगे। बिहार के इस सबसे बड़े महापर्व को लेकर काफी तैयारी की गयी है।आज छ्परा मे इस पर्व के पहले दिन छ्परा के बाजारों मे काफी भीड़ भाड़ रही।


Conclusion: इस बार दुकान दारो ने बताया की रेट मे कोई खास उछाल नही है फिर भी कीमतें बढ़ी हुयी है।बास के दाम बढ़ने से क्लसुप और दौरे के दामों मे काफी रेट बदे है।जबकी सबसे ज्यादा कद्दू के दामों के रेट बढे है। वही इस महापर्व मे लगभग सभी फलो को प्रसाद के रुप मे शामिल किया जाता है।जिसमे गन्ना केला सेव अमरूद अनार आदी हल्दी गागल नीबू नारियल शामिल है।वही आलता पत्र सिन्दूर रोडी गुड समेत कई चीजें इस पुजा मे सामिल रहती है। बाईट फल और सुप दुकानदार की। बाईट रंजीत सिंह और अन्य लोगों की।
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