सारण (छपरा): छपरा से भाया रेवा घाट होकर मुजफ्फरपुर तक बनने वाली नई बड़ी रेल लाइन का निर्माण कार्य पिछले चार साल से बंद है. 2007 और 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव की ओर से इस रेल मार्ग का शिलान्यास किया गया था. इसके लिए रेल बजट में काफी राशि भी निर्गत की थी.
सिर्फ पिलरों का हुआ निर्माण
इस रेल खण्ड में रेवा घाट में गंडक नदी पर पुल के साथ ही छपरा से मुजफ्फरपुर के बीच लगभग 11 से 12 स्टेशन भी बनने की मंजूरी मिली थी. इसके लिए राशि का आवंटन भी हुआ था. बता दें कि इस राशि से कार्य भी शुरू हुआ और रेवा घाट पर पुल के 16 पिलर का निर्माण भी हो चुका है. लेकिन उसके बाद से आज लगभग चार से पांच साल बीत चुके हैं. पुल का निर्माण कार्य पूरी तरह बंद है. बताया जाता है कि इस कार्य के लिए बजट उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. जो बजट है, वह इस प्रोजेक्ट के लिहाज से काफी कम है.
जानिए कितना बढ़ा बजट
छपरा से मुजफ्फरपुर के बीच की दूरी हाजीपुर होकर लगभग 120 किमी है. वही, रेवा घाट होकर छपरा से मुजफ्फरपुर दूरी मात्र 78 किमी है. 2007 और 2008 में जब इस रेल मार्ग के निर्माण की मंजूरी मिली थी. तो इस निर्माण की लागत राशि लगभग 400 करोड़ रूपये थी. जो वर्तमान में बढ़ कर 2600 करोड़ हो चुकी है. जैसे-जैसे समय बढ़ रहा है, इस निर्माण की खर्च राशि भी बढ़ती जा रही है. वैसे छपरा ग्रामीण स्टेशन से शुरू होकर पिरौटा, गरखा, बसतपुर हाल्ट, भेल्दी, सोनहो, मकेर, रेवा घाट, अमावरा, मड़वन, सरैया, पारुल होते हुए मुजफ्फरपुर तक जाएगी.
पुल-पुलियों का काम ठप
इसके अलावा कई स्टेशनों, पुल और पुलियों का काम आधा अधूरा पड़ा है. कई जगहों पर रेलवे लाइन और स्टेशनों के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण का कार्य पूरा भी किया जा चुका है. वहीं, किसानों को जमीन का मुआवजा भी दिया जा चुका है. हालांकि कई प्रखंडो में अभी भी रेल लाइन के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला अभी भी लंबित है.
पर्याप्त राशि नहीं होने से काम बंद
वहीं, इस प्रोजेक्ट के निर्माण में देरी के कारण और राशि की कमी के कारण निर्माण कम्पनियों ने काम को अधूरा छोड़ कर चले गए हैं. इस बार के बजट में भी पर्याप्त राशि नहीं मिलने के कारण काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है. इस कार्य के लंबित हो जाने के कारण छपरा से मुजफ्फरपुर तक रेल सफर का सपना सपना ही रह जाएगा.