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अवैध बालू खनन पर कार्रवाई से क्यों परेशान है छपरा का जेपी विश्वविद्यालय? जानें वजह

बिहार का जय प्रकाश विश्वविद्यालय जिला प्रशासन से परेशान है. इसकी परेशानी की वजह है अवैध बालू खनन पर कार्रवाई. समस्या के समाधान के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जिला प्रशासन से गुहार भी लगाई है. लेकिन मामला सुलझने की जगह उलझ गया है. हालात ये है कि जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन आमने सामने है. पढ़ें पूरी खबर-

अवैध बालू खनन पर कार्रवाई से परेशानी
जेपी विश्वविद्यालय छपरा
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Published : Jul 30, 2021, 6:40 PM IST

सारण: बिहार का जेपी विश्वविद्यालय (Jai Prakash University) इन दिनों अवैध बालू खनन (Illegal Sand Mining) पर हो रही कार्रवाई से परेशान है. ये परेशानी इसलिए नहीं है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की कोई रुचि है. समस्या ये है कि हो रही कार्रवाई में जब्त ट्रक विश्वविद्यालय परिसर में ही खड़े किए जा रहे हैं. सील किए गए ट्रकों से विश्वविद्यालय प्रशासन तंग आ चुका है.

ये भी पढ़ें- VIDEO: छपरा सदर अस्पताल में पर्ची काटने के दौरान भड़की 'मैडम जी', लोग हुए परेशान

जेपी विश्वविद्यालय के कुलसचिव जिला प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन बालू खनन पर कार्रवाई कर रहा है अच्छी बात है. लेकिन छापेमारी में जब्त ट्रकों और वाहनों को विश्वविद्यालय कैंपस में न खड़ा कराया जाए. इससे न सिर्फ यूनिवर्सिटी की सड़कें टूट रहीं हैं. बल्कि छात्र और छात्राएं भी परेशानी झेल रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

कुलसचिव ने आरोप लगाया कि जब्त ट्रकों के ड्राइवर और खलासी अश्लील गानों को बजाकर पूरे विश्वविद्याय का माहौल गंदा कर रहे हैं. यही नहीं मुख्य सड़क से गुजर रही छात्राओं पर फब्तियां कस रहे हैं. ऐसी शिकायतें भी उनके पास आईं हैं. इसलिए जिला प्रशासन के रवैये से विश्वविद्यालय प्रशासन हैरान है और परेशान भी है.

ये भी पढ़ें- लुटेरे होने की सूचना मिलने पर विदिशा में रोका गया छपरा-मुंबई एक्सप्रेस, सर्चिंग के बाद किया गया रवाना

विश्वविद्यालय के मुख्य गेट से प्रशासनिक भवन के सामने तक ट्रकों की लाइन लगी है. इन ट्रकों के नीचे ड्राइवर और खलासी लेटकर अश्लील गाने बजाते हैं. पूरे परिसर में घूम-घूमकर नशा करते हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन का आरोप है कि ट्रकों को बिना अनुमति के ही खड़ा कर दिया गया है. इसके लिए प्रशासन की ओर से कोई परमीशन विश्वविद्यालय की ओर से नहीं ली गई है.

'विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है कि ट्रकों को जिला प्रशासन हटा ले. हमने पहले कहा, फिर लिखित में पत्राचार कर रहे हैं. ट्रकों से विश्वविद्यालय की सड़कें टूट रहीं हैं. छात्राओं पर ड्राइवर और खलासी फब्तियां कसते हैं. अश्लील गानों से माहौल खराब हो रहा है साथ ही परिसर नशे का अड्डा बन चुका है'- रवि प्रकाश बबलू, कुलसचिव, जेपी विश्वविद्यालय, छपरा

अब इस मामले में जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन आमने सामने है. कुलसचिव ने ताकीद करते हुए यह बात भी कही है कि, विश्वविद्यालय में छात्र आते हैं और आंदोलन भी होता है. अगर आंदोलन के क्रम में उद्वेलित छात्रों ने ट्रकों को आग के हवाले कर दिया तो बड़ा नुकसान हो जाएगा. जिसकी भरपाई कौन करेगा.

हालांकि, इस मसले पर एसपी संतोष कुमार ने बताया कि बालू के अवैध कारोबार में शामिल सैकड़ों ट्रकों को पकड़ा गया है. जिन्हें एक बाउंड्री से घिरी जगह पर रखा जाना था. इसिलए डीएम सारण के द्वारा चिन्हित जयप्रकाश विश्वविद्यालय के मैदान को इसके लिए उपयुक्त मानते हुए जब्त ट्रकों को रखा गया है. चूंकि जेपीवीवी परिसर में ही छपरा मुफस्सिल थाना भी स्थापित है इसलिए वहाँ जब्त गाड़ियों को रखने से उनके भागने का खतरा कम हो जाता है. आपसी समन्वय से जो भी परेशानी है उसका हल निकाला जायेगा.

ये भी पढ़ें- दुश्मनों के दांत खट्टे कर शहीद हो गए थे छपरा के विष्णु राय

'जिलाधिकारी द्वारा चिह्नित जय प्रकाश विश्वविद्यालय के मैदान को इसके लिए उपयुक्त मानते हुए जब्त ट्रकों को खड़ा किया गया है. विश्वविद्यालय परिसर में ही मुफस्सिल थाना भी है. इसलिए गाड़ियों को लेकर भागने का खतरा कम रहेगा. आपसी समन्वय से इस परेशानी का हल निकाला जाएगा'- संतोष कुमार, पुलिस अधीक्षक, सारण

सारण: बिहार का जेपी विश्वविद्यालय (Jai Prakash University) इन दिनों अवैध बालू खनन (Illegal Sand Mining) पर हो रही कार्रवाई से परेशान है. ये परेशानी इसलिए नहीं है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की कोई रुचि है. समस्या ये है कि हो रही कार्रवाई में जब्त ट्रक विश्वविद्यालय परिसर में ही खड़े किए जा रहे हैं. सील किए गए ट्रकों से विश्वविद्यालय प्रशासन तंग आ चुका है.

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जेपी विश्वविद्यालय के कुलसचिव जिला प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन बालू खनन पर कार्रवाई कर रहा है अच्छी बात है. लेकिन छापेमारी में जब्त ट्रकों और वाहनों को विश्वविद्यालय कैंपस में न खड़ा कराया जाए. इससे न सिर्फ यूनिवर्सिटी की सड़कें टूट रहीं हैं. बल्कि छात्र और छात्राएं भी परेशानी झेल रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

कुलसचिव ने आरोप लगाया कि जब्त ट्रकों के ड्राइवर और खलासी अश्लील गानों को बजाकर पूरे विश्वविद्याय का माहौल गंदा कर रहे हैं. यही नहीं मुख्य सड़क से गुजर रही छात्राओं पर फब्तियां कस रहे हैं. ऐसी शिकायतें भी उनके पास आईं हैं. इसलिए जिला प्रशासन के रवैये से विश्वविद्यालय प्रशासन हैरान है और परेशान भी है.

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विश्वविद्यालय के मुख्य गेट से प्रशासनिक भवन के सामने तक ट्रकों की लाइन लगी है. इन ट्रकों के नीचे ड्राइवर और खलासी लेटकर अश्लील गाने बजाते हैं. पूरे परिसर में घूम-घूमकर नशा करते हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन का आरोप है कि ट्रकों को बिना अनुमति के ही खड़ा कर दिया गया है. इसके लिए प्रशासन की ओर से कोई परमीशन विश्वविद्यालय की ओर से नहीं ली गई है.

'विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है कि ट्रकों को जिला प्रशासन हटा ले. हमने पहले कहा, फिर लिखित में पत्राचार कर रहे हैं. ट्रकों से विश्वविद्यालय की सड़कें टूट रहीं हैं. छात्राओं पर ड्राइवर और खलासी फब्तियां कसते हैं. अश्लील गानों से माहौल खराब हो रहा है साथ ही परिसर नशे का अड्डा बन चुका है'- रवि प्रकाश बबलू, कुलसचिव, जेपी विश्वविद्यालय, छपरा

अब इस मामले में जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन आमने सामने है. कुलसचिव ने ताकीद करते हुए यह बात भी कही है कि, विश्वविद्यालय में छात्र आते हैं और आंदोलन भी होता है. अगर आंदोलन के क्रम में उद्वेलित छात्रों ने ट्रकों को आग के हवाले कर दिया तो बड़ा नुकसान हो जाएगा. जिसकी भरपाई कौन करेगा.

हालांकि, इस मसले पर एसपी संतोष कुमार ने बताया कि बालू के अवैध कारोबार में शामिल सैकड़ों ट्रकों को पकड़ा गया है. जिन्हें एक बाउंड्री से घिरी जगह पर रखा जाना था. इसिलए डीएम सारण के द्वारा चिन्हित जयप्रकाश विश्वविद्यालय के मैदान को इसके लिए उपयुक्त मानते हुए जब्त ट्रकों को रखा गया है. चूंकि जेपीवीवी परिसर में ही छपरा मुफस्सिल थाना भी स्थापित है इसलिए वहाँ जब्त गाड़ियों को रखने से उनके भागने का खतरा कम हो जाता है. आपसी समन्वय से जो भी परेशानी है उसका हल निकाला जायेगा.

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'जिलाधिकारी द्वारा चिह्नित जय प्रकाश विश्वविद्यालय के मैदान को इसके लिए उपयुक्त मानते हुए जब्त ट्रकों को खड़ा किया गया है. विश्वविद्यालय परिसर में ही मुफस्सिल थाना भी है. इसलिए गाड़ियों को लेकर भागने का खतरा कम रहेगा. आपसी समन्वय से इस परेशानी का हल निकाला जाएगा'- संतोष कुमार, पुलिस अधीक्षक, सारण

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