सारण: छपरा (Chapra) मे एक बार फिर एनजीटी के आदेश पर 40 दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया है. इस तरह कुल मिलाकर अभी तक 123 दुकानों को ध्वस्त किया गया है जो खनुआ नाला (Khanua Nala) पर बनाई गई थी. शनिवार सुबह से ही इन दुकानों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई. करीब 10 दिन पहले दुकानों की अनुज्ञप्ति को रद्द करने का नोटिस दिया गया था.
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गौरतलब है कि जिला प्रशासन 1990 तत्कालीन जिलाधिकारी के अनुशंसा पर 286 दुकानों का निर्माण खनुआ नाला पर कराया गया था. दुकानदारों को दुकानों का अलॉटमेंट कर दिया गया था. इसके बाद खनुआ नाला के जाम होने से शहर में भारी जलजमाव की स्थिति पैदा हो गयी.
जलजमाव से परेशान कुछ लोगों ने कोर्ट की शरण ली. यह मामला हाईकोर्ट होते हुए एनजीटी तक पहुंचा, उसके बाद एनजीटी ने खनुआ नाला को उसके वास्तविक स्वरूप में लाने का आदेश जारी किया था. जिसके फलस्वरूप यह कार्रवाई की जा रही है.
वहीं शनिवार को फिर से जिला प्रशासन के देखरेख में चतुर्थ चरण में 40 दुकानों को ध्वस्त किया गया. इन दुकानों के ध्वस्त होने से दुकानदारों के सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. इस बात को लेकर स्थानीय दुकानदारों में काफी रोष है. वहीं इस बात की जानकारी स्थानीय विधायक, स्थानीय सांसद से लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री के सामने भी रखी गयी है.
उपमुख्यमंत्री ने विस्थापित दुकानदारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत उन्हें कहीं और बसाने का आश्वासन भी दिया था.लेकिन अभी तक इस दिशा में जिला प्रशासन ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है. अब तक इन दुकानदारों का पुनर्वास नहीं किया गया है, जिससे इनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है.
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