सारण (छपरा): दो दिवसीय बैंक हड़ताल (Two Day Bank strike) के दूसरे दिन भी बिहार के सारण जिले में व्यापक असर रहा. छपरा में शुक्रवार को बैंकों के संयुक्त फोरम के द्वारा स्टेट बैंक के मुख्य ब्रांच पंकज सिनेमा पर मीटिंग की गई. जिसके बाद यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले जिले में जुलूस निकाला गया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी (Protest of bank privatization) की गयी.
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यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum Of Bank Unions) के आह्वान पर देशभर में 16 और 17 दिसंबर यानी दो दिनों के लिए बैंक कर्मी हड़ताल थे. दरअसल, बैंकों के निजीकरण (Privatization of Banks) को लेकर सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों के विरोध में हड़ताल के दूसरे दिन सारण जिले में बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया. साथ ही बैंक कर्मियों ने सड़क पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं इस हड़ताल के कारण बैंकों में लगे तालों के साथ-साथ अब एटीएम में भी ताले लगने शुरू हो गए है. शुक्रवार को शहर के अधिकांश एटीएम बंद दिखें. कुछ एटीएम चालू है तो वहांं लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं.
इस हड़ताल को लेकर व्यापारी अमित कुमार का कहना है कि बैंक बंदी से हमारे कई काम और बैंक ट्रांजैक्शन नहीं हो पाए हैं. खुद का पैसा निकालने के लिए एटीएम में लंबी-लंबी लाइन लगानी पड़ रही है. बैंक उपभोक्ता एक एटीएम से दूसरे एटीएम पैसा निकालने के लिए भटकते रहे. वहीं, प्रदर्शन कर रहें बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार जो बैंक अमेंडमेंट बिल लाने जा रही है, उसके खिलाफ पूरे देश में बैंक कर्मी दो दिनों से हड़ताल पर हैं. इस बिल के आने से सरकारी बैंकों के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा. जनता पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. साथ ही बैंक कर्मियों का भविष्य भी असुरक्षित हो जाएगा.
बात दें कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर विगत दो दिनों से बैंकों में हड़ताल है. जिसके चलते देशभर के बैंकिंग काम-काज बुरी तरह प्रभावित हुआ है. बैंकों की हड़ताल से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल के कारण शाखाओं में जमा और निकासी, चेक निकासी और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं ठप हैं. हालांकि, इस बीच पहले दिन एटीएम से सामान्य रूप से लेन-देन जारी था. लेकिन दूसरे अधिकांश एटीएम कैश नहीं रहने से बंद करने पड़ें.
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