छपरा: बिहार के छपरा में जन्में भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर (Shakespeare of Bhojpuri Bhikhari Thakur) जन जन के लोक कवि रहे हैं. गवई शैली में लोग आज भी भिखारी ठाकुर के द्वारा जन समस्याओं पर आधारित नाटकों का मंचन करते हैं. भिखारी ठाकुर की पहचान केवल सारण ही नहीं देश और विदेशों में भी है. छपरा शहर के प्रवेश स्थल पर भी भिखारी ठाकुर की प्रतिमा स्थापित की गई है. जिसके साथ असामाजिक तत्वों ने छेड़छाड़ की है.
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पैतृक गांव में भव्य स्मारक: छपरा शहर से कुछ दूर डोरी गंज थाना क्षेत्र के सरयू नदी के उस पार कुतुब पुर दियारा में उनका पैतृक आवास है. जहां पर उनका भव्य स्मारक बना हुआ है और उनकी मूर्ति लगी हुई है. वहीं कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनकी मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई है और उसे बदरंग करने की कोशिश की गई. जिसे लेकर उनके परिजनों और स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. उनके परिजनों का कहना है कि दोषी व्यक्तियों के खिलाफ अविलंब जिला प्रशासन कार्रवाई करें और सजा दे.
दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग: बता दें कि जनकवि के अपमान को लेकर उनके परिजनों में और स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है. सभी उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जिन्होंने प्रतिमा को बदरंग करने का प्रयास किया है. इनके परिजनों ने सारण के डीएम राजेश मीणा, एसपी डॉ गौरव मंगला और डोरीगंज थाना के इंस्पेक्टर से कार्रवाई करने की मांग की है और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने का आग्रह किया है.
"कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनकी मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया गया है और उसे बदरंग करने की कोशिश की गई. दोषी व्यक्तियों के खिलाफ अविलंब जिला प्रशासन कार्रवाई करें और सजा दे." - वेद प्रकाश ठाकुर, पौत्र