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अस्पतालों में हंगामा करने वालों पर होगी कार्रवाई, मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस बल की होगी तैनाती - अस्पतालों में हंगामा करने वालों पर होगी कार्रवाई

छपरा में बढ़ते संक्रमण की रोकथआम के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है. वहीं इस महामारी के दौरान चिकित्सकों एवं अस्पताल प्रबंधन के साथ मारपीट करने की घटनाएं सामने आ रही है. जिसे ध्यान में रखते हुए अस्पतालों में मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. इसके लिए गृह विभाग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधिक्षक को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया है.

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Published : May 6, 2021, 2:41 AM IST

छपरा: जिले में कोविड-19 महामारी के नये स्ट्रेन का व्यापक प्रभाव है. ऐसे समय में राज्य के सरकारी एवं निजी चिकित्सा तंत्र पर अत्यधिक दबाव है. वहीं मरीजों के परिजनों द्वारा चिकित्सकों एवं अस्पताल प्रबंधन पर अनुचित दबाव डालने तथा उनके साथ दुर्व्यहार एवं मारपीट की घटनाएं सामने आ सकती हैं. इससे विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न होने की सम्भावना है. इसको लेकर गृह विभाग ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है.

जारी पत्र में कहा गया है कि जिला पदाधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक अपने अपने जिले में कोविड-19 के इलाज हेतु चिह्नित अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर एवं अन्य चिकित्सा प्रतिष्ठान क्वारेंटाइन सेंटर. जहाँ कोविड-19 के मरीजों का इलाज किया जा रहा है या संक्रमण की आशंका वाले व्यक्तियों को संस्थागत आइसोलेशन में रखा गया है. उसके आसपास विधि व्यवस्था के समुचित संधारण हेतु आवश्यकता के अनुरूप पुलिस बल के साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति रहेगी.

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पेट्रोलिंग की व्यवस्था को किया जाएगा सुडृढ़
उन क्षेत्रों में जहां ऐसे अस्पताल में कोविड केयर सेंटर अवस्थित है. वहां पेट्रोलिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए तथा गश्त की संख्या में वृद्धि की जाए. सभी जिला पुलिस अधीक्षक स्थिति के आकलन के आधार पर उपर्युक्त दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों में स्टैटिक पुलिस दल की प्रतिनियुक्ति कर सकेंगे. जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि कोविड-19 के इलाज में संलग्न सभी चिकित्सकों, अस्पतालों एवं अन्य संस्थाओं को विधि व्यवस्था एवं राहत कार्यों से सम्बद्ध महत्वपूर्ण पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराये जाए. ताकि मरीजों के परिजन या अन्य व्यक्तियों द्वारा इलाज में बाधा पहुंचाए जाने, हिंसक व्यवहार किए जाने या अन्य आपात स्थिति में पुलिस दल या अन्य आवश्यक मदद के लिए तत्काल सम्पर्क किया जा सके.
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बाधा पहुंचाने वालों पर होगी कार्रवाई
यदि कोई व्यक्ति समूह उपर्युक्त चिकित्सा संस्थानों में किसी चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी या अस्पताल प्रबंधन को इलाज या उनके कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान कोई हानि, इति अवरोध या बाधा पहुंचाता है या चिकित्सा संस्थानों की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो उसके उनके विरुद्ध “बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सुरक्षा अधिनियम, 2011” (समय समय पर यथासंशोधित) तथा भादवि की प्रासंगिक धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. जिला पदाधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक जिले के प्रमुख चिकित्सक एवं प्रतिष्ठित अस्पतालों के प्रबंधन के साथ कोड-19 के इलाज में आ रही समस्याओं को समझने तथा उन समस्याओं के समाधान हेतु समय समय पर बैठक करेंगे. ताकि कोड 19 महामारी के विरुद्ध उनके अनुभव, परामर्श एवं सहयोग का समुचित उपयोग किया जा सके.

छपरा: जिले में कोविड-19 महामारी के नये स्ट्रेन का व्यापक प्रभाव है. ऐसे समय में राज्य के सरकारी एवं निजी चिकित्सा तंत्र पर अत्यधिक दबाव है. वहीं मरीजों के परिजनों द्वारा चिकित्सकों एवं अस्पताल प्रबंधन पर अनुचित दबाव डालने तथा उनके साथ दुर्व्यहार एवं मारपीट की घटनाएं सामने आ सकती हैं. इससे विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न होने की सम्भावना है. इसको लेकर गृह विभाग ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है.

जारी पत्र में कहा गया है कि जिला पदाधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक अपने अपने जिले में कोविड-19 के इलाज हेतु चिह्नित अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर एवं अन्य चिकित्सा प्रतिष्ठान क्वारेंटाइन सेंटर. जहाँ कोविड-19 के मरीजों का इलाज किया जा रहा है या संक्रमण की आशंका वाले व्यक्तियों को संस्थागत आइसोलेशन में रखा गया है. उसके आसपास विधि व्यवस्था के समुचित संधारण हेतु आवश्यकता के अनुरूप पुलिस बल के साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति रहेगी.

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उन क्षेत्रों में जहां ऐसे अस्पताल में कोविड केयर सेंटर अवस्थित है. वहां पेट्रोलिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए तथा गश्त की संख्या में वृद्धि की जाए. सभी जिला पुलिस अधीक्षक स्थिति के आकलन के आधार पर उपर्युक्त दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों में स्टैटिक पुलिस दल की प्रतिनियुक्ति कर सकेंगे. जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि कोविड-19 के इलाज में संलग्न सभी चिकित्सकों, अस्पतालों एवं अन्य संस्थाओं को विधि व्यवस्था एवं राहत कार्यों से सम्बद्ध महत्वपूर्ण पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराये जाए. ताकि मरीजों के परिजन या अन्य व्यक्तियों द्वारा इलाज में बाधा पहुंचाए जाने, हिंसक व्यवहार किए जाने या अन्य आपात स्थिति में पुलिस दल या अन्य आवश्यक मदद के लिए तत्काल सम्पर्क किया जा सके.
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यदि कोई व्यक्ति समूह उपर्युक्त चिकित्सा संस्थानों में किसी चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी या अस्पताल प्रबंधन को इलाज या उनके कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान कोई हानि, इति अवरोध या बाधा पहुंचाता है या चिकित्सा संस्थानों की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो उसके उनके विरुद्ध “बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सुरक्षा अधिनियम, 2011” (समय समय पर यथासंशोधित) तथा भादवि की प्रासंगिक धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. जिला पदाधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक जिले के प्रमुख चिकित्सक एवं प्रतिष्ठित अस्पतालों के प्रबंधन के साथ कोड-19 के इलाज में आ रही समस्याओं को समझने तथा उन समस्याओं के समाधान हेतु समय समय पर बैठक करेंगे. ताकि कोड 19 महामारी के विरुद्ध उनके अनुभव, परामर्श एवं सहयोग का समुचित उपयोग किया जा सके.

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