समस्तीपुर: रोसड़ा खादी ग्रामोद्योग से जुड़ी सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं के विकास पर ब्रेक लग गया है. खादी उद्योग से जुड़ी महिलाओं के बनाए सामानों की बिक्री नहीं होने के कारण उनके सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है. शादी-विवाह के समय खादी के बने कपड़ों की मांग अधिक हुआ करती थी. इसे ग्रामीण महिलाएं खादी के सूत से तैयार करती थीं. अब खादी के सूत से बनने वाले वस्त्रों की मांग लाॅक डाउन के कारण कम होने से महिलाओं के सामने रोजी-रोटी की समस्या आ गई है.
बिक्री नहीं होने से महिलाएं परेशान
शिवाजीनगर प्रखंड अंतर्गत रहटौली गांव में खादी ग्राम उद्योग से जुड़ी सैकड़ों महिलाओं की तकदीर बदल रही थी. कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लॉक डाउन ने महिलाओं के सपनों पर रोक लगा दी है. सभी ग्रामीण महिलाएं खादी से जुड़े व्यापार से अपने घर की स्थिति संवारने में लगी थी. महिलाओं ने बताया कि खादी के सूत ज्यादा दिनों तक रहने पर खराब हो जाएंगें. बिक्री नहीं होने से सभी महिलाएं परेशान हो गईं है.
कोरोना वायरस नेे सपनो पर फेरा पानी
खादी उद्योग से जुड़ी महिलाएं ग्रामीण महिलाओं के लिए आदर्श बन गई थी. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं धीरे-धीरे स्वरोजगार से जुड़ कर अपने सपनों को एक नई उड़ान दे रही थीं. लेकिन कोरोना वायरस नेे विश्व के आर्थिक विकास के साथ-साथ इन ग्रामीण महिलाओं के सपनो पर भी पानी फेर दिया है. लाॅक डाउन के कारण इनकेे सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है.