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समस्तीपुर: अस्पतालों में नहीं है महिला डॉक्टर, ANM कराती हैं प्रसव

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Published : Aug 7, 2019, 2:19 PM IST

जिले के सिंघिया प्रखंड में स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों चर्चा का विषय बनता जा रहा है. जहां सामुदायिक स्वास्थ केंद्र अपने बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. इसका मुख्य कारण डॉक्टरों की कमी है.

प्रसव से पीड़ित महिलाओं को होती है परेशानी

समस्तीपुर: सूबे की सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूती को लेकर चाहे जितना भी ढिंढोरा पीट ले, लेकिन जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंधिया आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है. लेकिन स्वास्थ्य महकमे के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है.

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प्रसव से पीड़ित महिलाओं को होती है परेशानी

डॉक्टरों की कमी है मुख्य कारण
समस्तीपुर जिले के सिंघिया प्रखंड में स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों चर्चा का विषय बनता जा रहा है. जहां सामुदायिक स्वास्थ केंद्र अपने बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. इसका मुख्य कारण डॉक्टरों की कमी है. इसकी वजह से दूरदराज से आए हुए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही महिला डॉक्टर नहीं रहने के कारण पीड़ित महिला का प्रसव यहां तैनात एएनएम करती है. क्रिटिकल केस होने के बाद उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है.

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

प्रसव से पीड़ित महिलाओं को होती है परेशानी
बता दें कि सिंघिया प्रखंड जिले से 60 किलोमीटर दूरी पर है और 20 लाख की आबादी के इलाज का भार अपने ऊपर लिए हुए है. अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं रहने से ड्यूटी पर तैनात एएनएम इलाज करती हैं. लेकिन स्वास्थ्य महकमा या सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि ये इलाका काफी पिछड़ा है. यहां महिला डॉक्टर नहीं रहने से प्रसव से पीड़ित महिलाओं को काफी परेशानी होती है.

समस्तीपुर अस्पतालों में नहीं है महिला डॉक्टर की तैनाती

अस्पतालों में नहीं है महिला डॉक्टर की तैनाती
वहीं, इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने सिविल सर्जन श्याम मोहन मिश्रा से बात की तो वह भी अपना ठीकरा सरकार पर फोड़ते नजर आए. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल समस्तीपुर को छोड़कर पूरे जिला के अस्पतालों में महिला डॉक्टर की तैनाती नहीं है. जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग और सरकार को दी गई है. लेकिन उनकी तरफ से किसी महिला चिकित्सक को नियुक्त नहीं किया गया है. जिसके कारण अस्पतालों में पोस्टिंग नहीं की गई है. जब महिला चिकित्सक उपलब्ध होंगी तो अस्पतालों में भेजा जाएगा.

समस्तीपुर: सूबे की सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूती को लेकर चाहे जितना भी ढिंढोरा पीट ले, लेकिन जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंधिया आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है. लेकिन स्वास्थ्य महकमे के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है.

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प्रसव से पीड़ित महिलाओं को होती है परेशानी

डॉक्टरों की कमी है मुख्य कारण
समस्तीपुर जिले के सिंघिया प्रखंड में स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों चर्चा का विषय बनता जा रहा है. जहां सामुदायिक स्वास्थ केंद्र अपने बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. इसका मुख्य कारण डॉक्टरों की कमी है. इसकी वजह से दूरदराज से आए हुए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही महिला डॉक्टर नहीं रहने के कारण पीड़ित महिला का प्रसव यहां तैनात एएनएम करती है. क्रिटिकल केस होने के बाद उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है.

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

प्रसव से पीड़ित महिलाओं को होती है परेशानी
बता दें कि सिंघिया प्रखंड जिले से 60 किलोमीटर दूरी पर है और 20 लाख की आबादी के इलाज का भार अपने ऊपर लिए हुए है. अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं रहने से ड्यूटी पर तैनात एएनएम इलाज करती हैं. लेकिन स्वास्थ्य महकमा या सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि ये इलाका काफी पिछड़ा है. यहां महिला डॉक्टर नहीं रहने से प्रसव से पीड़ित महिलाओं को काफी परेशानी होती है.

समस्तीपुर अस्पतालों में नहीं है महिला डॉक्टर की तैनाती

अस्पतालों में नहीं है महिला डॉक्टर की तैनाती
वहीं, इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने सिविल सर्जन श्याम मोहन मिश्रा से बात की तो वह भी अपना ठीकरा सरकार पर फोड़ते नजर आए. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल समस्तीपुर को छोड़कर पूरे जिला के अस्पतालों में महिला डॉक्टर की तैनाती नहीं है. जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग और सरकार को दी गई है. लेकिन उनकी तरफ से किसी महिला चिकित्सक को नियुक्त नहीं किया गया है. जिसके कारण अस्पतालों में पोस्टिंग नहीं की गई है. जब महिला चिकित्सक उपलब्ध होंगी तो अस्पतालों में भेजा जाएगा.

Intro:एक्ससीलुसिव
समस्तीपुर सूबे की सरकार स्वास्थ्य व्यबस्था मजबूती को लेकर चाहे जितना भी ढिंढोरा पिट ले लेकिन जिले में स्वास्थ्य व्यबस्था की जमीनी हकीकत कुछ और है।
ऊपर से फिट फाट नीचे मोकामा घाट वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंधिया जो आज अपने बदहाली पर आंसू बहाने को विवश लेकर स्वास्थ्य महकमे के कामों कानों पर जूं नहीं रेंग रहा है। यहां महिला डॉक्टर नहीं होने से एएनएम कराती है प्रसव ।ज्यादा क्रिटिकल केस होने पर उसे समस्तीपुर सदर अस्पताल नहीं भेजकर डीएमसीएच किया जाता है रेफर।


Body:समस्तीपुर जिले के सिंघिया प्रखंड में स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों चर्चा का विषय बनता जा रहा है ।जहां सामुदायिक स्वास्थ केंद्र अपने बदहाली पर आंसू बहाने पर मजबूर है ।इसका मुख्य कारण डॉक्टरों की कमी । दूरदराज से आए हुए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही महिला डॉक्टर नहीं रहने के कारण प्रसव पीड़ित महिला का यहां तैनान एएनएम करती है प्रसव। क्रिटिकल केस होने के बाद उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है। वहीं मरीज के परिजन को डीएमसीएच जाने में काफी परेशानी होती है। जिसको लेकर लोगों में काफी परेशानी रहती है। मैं आपको बता दूं कि सिंघिया प्रखंड जिले से 60 किलोमीटर दूरी पर है और 20 लाख की आबादी अपने ऊपर इलाज का भार लिए हुए अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं रहना से। ड्यूटी पर तैनात एएनएम को काफी परेशानी होती है ।जिसका मलाल यहां कार्यरत कर्मी को भी होता है ।लेकिन स्वास्थ्य महकमा या सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। वहीं स्थानीय पत्रकार कृष्ण कुमार संजय के अनुसार यह इलाका पिछड़ा है ।यहां महिला डॉक्टर नहीं रहने से प्रसव पीड़ित महिलाओं को काफी परेशानी होती है। साथ ही उन्हें अपना इलाज कराने में भी परेशानी होती है ।स्वास्थ्य विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए लेकिन विभाग की तरफ से कोई ध्यान नहीं है।


Conclusion:वहीं इस मामले को लेकर जब हमने सिविल सर्जन श्याम मोहन मिश्रा से बात किया तो वह भी अपना ठीकरा सरकार को फोड़ते नजर आए ।उन्होंने बताया सदर अस्पताल समस्तीपुर को छोड़कर पूरे जिला के अस्पतालों में महिला डॉक्टर की तैनाती नहीं है ।जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार को दिया गया है ।लेकिन उनके तरफ से कोई महिला चिकित्सक नहीं दिया गया है। जिसके कारण अस्पतालों में पोस्टिंग नहीं की गई है जब महिला चिकित्सक उपलब्ध होंगे तो अस्पतालों में भेजा जाएगा। अब देखना लाजमी है कि सरकार या स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कब तक महिला चिकित्सक को समस्तीपुर जिले में भेजा जाता है ।या यूंही समस्तीपुर का चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे चलता रहेगा ।और मरीज दूसरे अस्पतालों के लिए रेफर होते रहेंगे।
बाईट:कंचन कुमारी एनएम
बाईट:साजिदा खातून परिजन
बाईट:कृष्ण कुमार संजय
बाईट: श्याम:मोहन मिश्रा सिविल सर्जन
पीटीसी
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