समस्तीपुर: वैश्विक महामारी कोरोना और लोकतंत्र के महापर्व को देखते हुए जिले में इस बार नवरात्र का आयोजन काफी अलग होगा. पूजा स्थल पर पंडाल आदि के निर्माण के साथ-साथ भक्तों को लेकर भी कई तरह के प्रशासनिक दिशा निर्देश दिए गए हैं.
इस बार नवरात्र में माता का आगमन जहां घोड़े पर हो रहा है. वहीं भैंस पर मां विदा होंगी. आश्विन नवरात्र को लेकर विभिन्न पूजा स्थलों पर तैयारी शुरू हो गयी है. बता दें कि शक्ति आराधना के इस महापर्व की शुरुआत 17 अक्टूबर को कलश स्थापना से होगी. कोरोना का खौफ और बिहार विधानसभा चुनाव के चलते इस बार दशहरा बदला बदला सा रहेगा. तमाम पूजा समितियों के साथ हुए प्रशासनिक बैठकों के बाद यह तय हुआ है कि इस बार नवरात्र में कोरोना के मद्देनजर कई सख्त नियमों का पालन करना होगा.
कोरोना को लेकर कई नियमों का करना होगा पालन
खासतौर पर विभिन्न पूजा स्थलों पर पंडाल निर्माण, भीड़भाड़ और लाउडस्पीकर को लेकर कई गाइडलाइन जारी किए गए है. साथ ही इस नवरात्र मेले पर पाबंदी रहेगी. कचहरी दुर्गा मंदिर के पुजारी व पंचाग जानकर रजनीश झा के अनुसार शनिवार से शुरू यह पूजा कई मायनों में काफी शुभ है. इस बार चतुर्थी व पंचमी एक दिन होने के कारण इस नवरात्र माता का पूजा आठ दिनों का होगा. बहरहाल इस नवरात्र जिले के सभी पूजा स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूजा का आयोजन होगा. सभी पूजा समितियों को खास नियमों का पालन गंभीरता से करना होगा.