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समस्तीपुर रेल डिवीजन में लूट का नया अध्याय, इंजन स्क्रैप के बाद अब स्लीपर की चोरी

समस्तीपुर रेल डिवीजन क्षेत्र में रेल संपत्ति के लूट का काला खेल चल रहा है. पुराने इंजन स्क्रैप को माफियाओं के हाथों बेचने के मामले के बाद अब स्लीपर चोरी का खुलासा हुआ है. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद समस्तीपुर रेल डिवीजन में हड़कंप मचा है. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Dec 26, 2021, 7:11 PM IST

समस्तीपुर: समस्तीपुर रेल डिवीजन (Samastipur Rail Division) में एके के बाद एक चोरी की घटनाओं का खुलासा हो रहा है. वर्षों से खड़ी छोटी लाइन के पुराने इंजन स्क्रैप को माफियाओं के हाथों बेचने के बाद अब स्लीपर चोरी (Sleeper theft in Samastipur Rail Division) का मामला सामने आया है. इस मामले के संज्ञान में आने के बाद रेल डिवीजन में हड़कंप मचा है. आरपीएफ ने रेल संपत्ति चोरी का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: बिहार में गजब घोटाला : रेलवे का इंजीनियर 'नटवर लाल', बेच दिया ट्रेन का इंजन

दरअसल, पहले ही इस डिवीजन के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से इंजन स्क्रैप लूट मामले की जांच चल रही है. अब अधिकारियों की सांठगांठ से स्क्रैप नीलामी के नाम पर निर्धारित वजन से अधिक रेल कबाड़ की चोरी का मामला सामने आया है. रेल मंडल कार्यालय सूत्रों की मानें तो इस डिवीजन के नरकटियागंज रेल क्षेत्र के भेलाही स्टेशन पर स्क्रैप नीलामी की आड़ में अधिकारियों ने निर्धारित वजन से अधिक स्क्रैप बेच दिया है.

वैसे इस मामले को लेकर आरपीएफ ने रेल संपत्ति चोरी का मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू की है. जानकारी के अनुसार समस्तीपुर नगर थाना क्षेत्र के एक स्क्रैप ठेकेदार व उसके दो ट्रक ड्राइवरों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही स्क्रैप लदा दो ट्रक माल भी बरामद किया गया है. इस चोरी के मामले में डिवीजन के कई अधिकारी भी जांच के दायरे में है.

आरोप है कि रेल संपत्ति नीलामी के नाम पर बहुत दिनों से निर्धारित वजन से अधिक रेल स्क्रैप बेचे जाने का खेल यहां चल रहा है. वहीं, विभागीय सूत्र बताते हैं कि इस बार निर्धारित वजन से करीब 8 हजार 664 किलों अधिक वजन रेल संपत्ति चोरी का मामला दर्ज किया गया है.

गौरतलब है कि समस्तीपुर लोको डीजल शेड (Samastipur Loco Diesel Shed) के इंजीनियर राजीव रंजन झा (Engineer Rajeev Ranjan Jha), जिसने डीएमई का फर्जी कार्यालय आदेश जारी कर वर्षों से खड़ी छोटी लाइन के पुराने इंजन स्क्रैप को माफियाओं के हाथों बेच दिया था. मामला उजागर नहीं हो सके, इसके लिए डीजल शेड पोस्ट पर कार्यरत एक दारोगा को भी इंजीनियर ने इस काम में मिला लिया. वहीं, इस मामले की जानकारी पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर काम कर रहे कर्मचारी और सहायक स्टेशन मास्टर ने आरपीएफ को दी. जिसके बाद जांच पड़ताल शुरू की गई और पूरे मामले का खुलासा हो गया.

ये भी पढ़ें: रेल इंजन घोटाला मामला: बनमनखी रेलवे पुलिस ने स्टीम इंजन ले जाने वाले 2 ट्रकों को किया जब्त

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समस्तीपुर: समस्तीपुर रेल डिवीजन (Samastipur Rail Division) में एके के बाद एक चोरी की घटनाओं का खुलासा हो रहा है. वर्षों से खड़ी छोटी लाइन के पुराने इंजन स्क्रैप को माफियाओं के हाथों बेचने के बाद अब स्लीपर चोरी (Sleeper theft in Samastipur Rail Division) का मामला सामने आया है. इस मामले के संज्ञान में आने के बाद रेल डिवीजन में हड़कंप मचा है. आरपीएफ ने रेल संपत्ति चोरी का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

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दरअसल, पहले ही इस डिवीजन के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से इंजन स्क्रैप लूट मामले की जांच चल रही है. अब अधिकारियों की सांठगांठ से स्क्रैप नीलामी के नाम पर निर्धारित वजन से अधिक रेल कबाड़ की चोरी का मामला सामने आया है. रेल मंडल कार्यालय सूत्रों की मानें तो इस डिवीजन के नरकटियागंज रेल क्षेत्र के भेलाही स्टेशन पर स्क्रैप नीलामी की आड़ में अधिकारियों ने निर्धारित वजन से अधिक स्क्रैप बेच दिया है.

वैसे इस मामले को लेकर आरपीएफ ने रेल संपत्ति चोरी का मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू की है. जानकारी के अनुसार समस्तीपुर नगर थाना क्षेत्र के एक स्क्रैप ठेकेदार व उसके दो ट्रक ड्राइवरों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही स्क्रैप लदा दो ट्रक माल भी बरामद किया गया है. इस चोरी के मामले में डिवीजन के कई अधिकारी भी जांच के दायरे में है.

आरोप है कि रेल संपत्ति नीलामी के नाम पर बहुत दिनों से निर्धारित वजन से अधिक रेल स्क्रैप बेचे जाने का खेल यहां चल रहा है. वहीं, विभागीय सूत्र बताते हैं कि इस बार निर्धारित वजन से करीब 8 हजार 664 किलों अधिक वजन रेल संपत्ति चोरी का मामला दर्ज किया गया है.

गौरतलब है कि समस्तीपुर लोको डीजल शेड (Samastipur Loco Diesel Shed) के इंजीनियर राजीव रंजन झा (Engineer Rajeev Ranjan Jha), जिसने डीएमई का फर्जी कार्यालय आदेश जारी कर वर्षों से खड़ी छोटी लाइन के पुराने इंजन स्क्रैप को माफियाओं के हाथों बेच दिया था. मामला उजागर नहीं हो सके, इसके लिए डीजल शेड पोस्ट पर कार्यरत एक दारोगा को भी इंजीनियर ने इस काम में मिला लिया. वहीं, इस मामले की जानकारी पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर काम कर रहे कर्मचारी और सहायक स्टेशन मास्टर ने आरपीएफ को दी. जिसके बाद जांच पड़ताल शुरू की गई और पूरे मामले का खुलासा हो गया.

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