ETV Bharat / state

'हाथी का दांत' बना समस्तीपुर कॉलेज, शिक्षकों के घोर अभाव से अधर में छात्रों का भविष्य

यह जिले का एक मात्र कॉलेज है जिसमें 11 विषयों में स्नातक और पीजी की पढ़ाई होती है. इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 5 से 6 हजार है. वहीं शिक्षकों के लिए यहां 95 पद सृजित हैं.

समस्तीपुर कॉलेज
author img

By

Published : Jul 18, 2019, 5:40 PM IST

समस्तीपुर: जिले में सबसे बड़े उच्च शिक्षा के केंद्र से पहचाने जाने वाला समस्तीपुर कॉलेज आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. एक समय ऐसा था जब यहां शैक्षणिक माहौल हुआ करता था. कॉलेज में छात्र नजर आते थे. लेकिन आज ये कॉलेज बस नाम मात्र का रह गया है.

samastipur
कॉलेज कैम्पस

उच्च शिक्षा का एक मात्र कॉलेज
1947 में स्थापित समस्तीपुर कॉलेज ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के खास कॉलेजों में अपना स्थान रखता है. लेकिन आज के समय में यह बदहाल उच्च शिक्षा का उदाहरण मात्र बनकर रह गया है. यहां शिक्षकों की कमी के कारण छात्र भी कॉलेज आने में रूचि नहीं ले रहे हैं.

samastipur
कॉलेज के छात्र

शिक्षकों का अभाव
यह जिले का एक मात्र कॉलेज है, जिसमें 11 विषयों में स्नातक और पीजी की पढ़ाई होती है. इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 5 से 6 हजार है. वहीं, शिक्षकों के लिए यहां 95 पद सृजित हैं. लेकिन इनमें से मात्र 18 शिक्षक ही छात्रों का भविष्य संवारने आते हैं.

शिक्षकों के अभाव में चलता है समस्तीपुर कॉलेज

खतरे में छात्रों का भविष्य
कई विषयों में जहां 8 से 10 शिक्षकों के पद हैं, वहां महज एक या दो शिक्षक मौजूद हैं. संस्कृत और उर्दू में तो एक भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. वहीं, फिजिक्स के प्रोफेसर भी इसी महीने रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में यहां पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य खतरे में है.

समस्तीपुर: जिले में सबसे बड़े उच्च शिक्षा के केंद्र से पहचाने जाने वाला समस्तीपुर कॉलेज आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. एक समय ऐसा था जब यहां शैक्षणिक माहौल हुआ करता था. कॉलेज में छात्र नजर आते थे. लेकिन आज ये कॉलेज बस नाम मात्र का रह गया है.

samastipur
कॉलेज कैम्पस

उच्च शिक्षा का एक मात्र कॉलेज
1947 में स्थापित समस्तीपुर कॉलेज ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के खास कॉलेजों में अपना स्थान रखता है. लेकिन आज के समय में यह बदहाल उच्च शिक्षा का उदाहरण मात्र बनकर रह गया है. यहां शिक्षकों की कमी के कारण छात्र भी कॉलेज आने में रूचि नहीं ले रहे हैं.

samastipur
कॉलेज के छात्र

शिक्षकों का अभाव
यह जिले का एक मात्र कॉलेज है, जिसमें 11 विषयों में स्नातक और पीजी की पढ़ाई होती है. इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 5 से 6 हजार है. वहीं, शिक्षकों के लिए यहां 95 पद सृजित हैं. लेकिन इनमें से मात्र 18 शिक्षक ही छात्रों का भविष्य संवारने आते हैं.

शिक्षकों के अभाव में चलता है समस्तीपुर कॉलेज

खतरे में छात्रों का भविष्य
कई विषयों में जहां 8 से 10 शिक्षकों के पद हैं, वहां महज एक या दो शिक्षक मौजूद हैं. संस्कृत और उर्दू में तो एक भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. वहीं, फिजिक्स के प्रोफेसर भी इसी महीने रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में यहां पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य खतरे में है.

Intro:जिले में सबसे बड़े उच्च शिक्षा के केंद्र से पहचाने जाने वाला समस्तीपुर कॉलेज , आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा । कभी जंहा के कैम्पस में एक अलग शैक्षणिक माहौल हुआ करता था , आज वँहा सिर्फ नामांकन , परीक्षा फॉर्म व परीक्षा जैसे वक्त ही छात्र नजर आते । वैसे इस बदहाली के पीछे लचर व्यवस्था है । दरअसल जिस कॉलेज में 95 शिक्षकों का पद सृजित है , वँहा महज 18 शिक्षकों के भरोसे हजारों छात्रों का क्या भविष्य गढ़ा जा रहा ।


Body:सन 1947 में स्थापित समस्तीपुर कॉलेज ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के खास कॉलेजों में अपना स्थान रखता है । लेकिन इस कॉलेज का जमीनी हकीकत देखिए , आज यह बदहाल उच्च शिक्षा का एक बेहतरीन उदाहरण बनकर रह गया है । समस्तीपुर कॉलेज जिले का एकमात्र कॉलेज है जंहा 11 विषयों में स्नातक व पीजी की पढ़ाई होती है । पांच से छह हजार छात्र यंहा नामांकित है । बेहतर शिक्षा को लेकर यंहा 95 पद सृजित है , लेकिन बदहाली देखिए महज 18 शिक्षकों के जरिये इन हजारो छात्रों का भविष्य गढ़ा जा रहा । कई विषयों में जंहा 8 से 10 शिक्षकों के पद है , वँहा महज 1 या 2 शिक्षक यंहा महजूद है । संस्कृत व उर्दू में तो एक भी शिक्षक नही , वंही फिजिक्स के प्रोफेसर भी इसी माह के आखिर में रिटायर हो रहे । जाहिर सी बात है शिक्षक के आभाब में जिले के इस सबसे बड़े शिक्षा के केंद्र में छात्रों का जमावड़ा शिक्षा के लिए नही , सिर्फ नामांकन , फॉर्म फिलप व परीक्षा के दौरान ही लगता है । वैसे इस समस्या पर चाहे इस कॉलेज के प्रिंसिपल हो , प्रोफेसर हो या फिर छात्र , किन्ही के पास कोई जवाब नही ।

बाईट - डॉ मीना प्रसाद , प्रिंसिपल , समस्तीपुर कॉलेज ।
बाईट - डॉ प्रभात कुमार , एचओडी , अंग्रेजी व सचिव , समस्तीपुर शिक्षक संघ ।
बाईट - छात्र , समस्तीपर कॉलेज ।


Conclusion:गौरतलब है की , बड़े बड़े दावों के बीच उच्च शिक्षा में बदहाली दिनों दिन और बढ़ता जा रहा । जिले का समस्तीपुर कॉलेज तो मात्र एक उदाहरण है । इससे भी बुरा हाल जिले के अन्य सभी कॉलेजों का है ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.