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समस्तीपुर: दो वित्तीय वर्षों से घाटे में है जिले का सहकारी बैंक, नाबार्ड की कोशिश भी हो रही नाकाम - Central Co-operative Bank Ltd.

केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड सूत्रों के अनुसार बैंक की वित्तीय व्यवस्था में लगातार गिरावट आ रही है. वित्तीय वर्ष 2017-18 और 18-19 के आंकड़े बताने को काफी हैं की बैंक में जमा राशि का अनुपात बीते कुछ वित्तीय वर्षो से काफी कम हो गया है.

samastipur co-operative bank
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Published : Mar 15, 2020, 5:48 AM IST

समस्तीपुर: बीते कई वित्तीय वर्षो में मुनाफे में रहने वाला जिले का सहकारी बैंक लिमिटेड दो वित्तीय वर्षों से घाटे में है. जानकारी के अनुसार यहां जमा राशि का अनुपात लगातार घटता जा रहा है. इसके पीछे की मुख्य वजह विभिन्न सरकारी योजनाओं की राशि इस बैंकों को नही मिलना है.

बैंक की वित्तीय व्यवस्था में लगातार आ रही गिरावट
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड सूत्रों के अनुसार बैंक की वित्तीय व्यवस्था में लगातार गिरावट आ रही है. वित्तीय वर्ष 2017-18 और 18-19 के आंकड़े बताने को काफी हैं की बैंक में जमा राशि का अनुपात बीते कुछ वित्तीय वर्षो से काफी कम हो गया है. दरअसल इसके पीछे की मुख्य वजह इन बैंकों में राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से जुड़े पैसे का निकलना है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नाबार्ड सहकारी बैंक को उबारने की कर रहा कोशिश
जानकारी के अनुसार इस बैंक में सरकार की जमा राशि के साथ साथ, पेंशन, शिक्षा, कृषि, पंचायती राज जैसे कई सरकारी योजनाओं को लेकर दिए जाने वाले अनुदान को इस बैंक में ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी गयी है. साथ ही लाभुक खाताधारियों के भी कई तरह के मिलने वाले सरकारी अनुदान भी इस बैंक में अब नहीं आते हैं, जिसकी वजह से लगातार इस बैंक में जमा राशि का अनुपात घटता जा रहा है. हालांकि कमजोर हो रहे इस सहकारी बैंक को उबारने में नाबार्ड अपनी कोशिश में जुटा है. इसी कड़ी में इस बैंक ने सीबीएस व्यवस्था लागू की गई है.

समस्तीपुर: बीते कई वित्तीय वर्षो में मुनाफे में रहने वाला जिले का सहकारी बैंक लिमिटेड दो वित्तीय वर्षों से घाटे में है. जानकारी के अनुसार यहां जमा राशि का अनुपात लगातार घटता जा रहा है. इसके पीछे की मुख्य वजह विभिन्न सरकारी योजनाओं की राशि इस बैंकों को नही मिलना है.

बैंक की वित्तीय व्यवस्था में लगातार आ रही गिरावट
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड सूत्रों के अनुसार बैंक की वित्तीय व्यवस्था में लगातार गिरावट आ रही है. वित्तीय वर्ष 2017-18 और 18-19 के आंकड़े बताने को काफी हैं की बैंक में जमा राशि का अनुपात बीते कुछ वित्तीय वर्षो से काफी कम हो गया है. दरअसल इसके पीछे की मुख्य वजह इन बैंकों में राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से जुड़े पैसे का निकलना है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नाबार्ड सहकारी बैंक को उबारने की कर रहा कोशिश
जानकारी के अनुसार इस बैंक में सरकार की जमा राशि के साथ साथ, पेंशन, शिक्षा, कृषि, पंचायती राज जैसे कई सरकारी योजनाओं को लेकर दिए जाने वाले अनुदान को इस बैंक में ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी गयी है. साथ ही लाभुक खाताधारियों के भी कई तरह के मिलने वाले सरकारी अनुदान भी इस बैंक में अब नहीं आते हैं, जिसकी वजह से लगातार इस बैंक में जमा राशि का अनुपात घटता जा रहा है. हालांकि कमजोर हो रहे इस सहकारी बैंक को उबारने में नाबार्ड अपनी कोशिश में जुटा है. इसी कड़ी में इस बैंक ने सीबीएस व्यवस्था लागू की गई है.

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