समस्तीपुर: बिहार का समस्तीपुर जिला लूट के सोने का काला बाजार (Black Market of Gold) बन गया है. यहां सोने के कारोबार से जुड़े लोगों का बड़ा नेक्सस काम कर रहा है जो लूट के सोने को खपाता है. बिहार के कई जिलों और पश्चिम बंगाल में हुए सोना लूट के कई मामलों (Gold Robbery Case) के तार समस्तीपुर से जुड़े हैं.
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सोना लूट के कई मामलों के जुड़ते तार इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि समस्तीपुर सोना लुटेरों के लिए शायद सुरक्षित पनाहगाह और उसे खपाने का बाजार बन गया है. एसपी कार्यालय सूत्रों के अनुसार दूसरे राज्यों में हुए सोना लूटकांड मामलों में वहां की पुलिस की एसआईटी जिले में जांच में जुटी है. पश्चिम बंगाल के आसनसोल में मुथूट गोल्ड फाइनेंस कंपनी के ऑफिस से हुई 12 किलो सोना और दस लाख रुपये लूट मामले के तार जिले से जुड़ रहे हैं. पश्चिम बंगाल पुलिस की एसआईटी ने जिले में कई जगह छापेमारी की है.
सोना लूटकांड के कई पुराने मामलों के तार भी समस्तीपुर से जुड़े थे. 2016 में कोलकाता के एक गोल्ड लोन कंपनी से करीब 35 किलो सोना लूट मामले में कई संदिग्धों का कनेक्शन समस्तीपुर में मिला था. 28 सितंबर 2016 को महाराष्ट्र से करीब 30 किलो सोना लूटकांड के मामले में भी एक आरोपी को यहां से पकड़ा गया था. 2019 में मुजफ्फरपुर सदर थानाक्षेत्र से करीब 11 करोड़ रुपये के सोना लूट मामले में जिले के एक बड़े अपराधी के घर से पुलिस ने लूट का सोना बरामद किया था.
9 सितंबर 2020 को दरभंगा के एक स्वर्ण व्यवसायी के यहां से 11 किलो सोना लूटकांड का मास्टरमाइंड जिले के बहादुरपुर का रहने वाला है. पुलिस की तफ्तीश में यह खुलासा हुआ है कि उत्तर बिहार में सोना लुटेरों का बड़ा गिरोह सक्रिय है. इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि जिले में लूट के सोना को बाजार में खपाने वाले व्यवसायियों का एक बड़ा नेक्सस काम कर रहा है.
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