समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर रेल मंडल का चर्चित रेल इंजन चोरी मामले में कोर्ट के आदेश पर समस्तीपुर शहर के एक आरोपी के ठिकाने पर कुर्की जब्ती करने पहुंची आरपीएफ की टीम को बिना कुर्की जब्की किए बैरंग वापस लौटना पड़ा. दरअसल, आरोपी पंकज धंधानिया के व्यवसायिक प्रतिष्ठान में कुर्की करने आरपीएफ की टीम पहुंची थी. इस केस की जांच कर रही आरपीएफ की टीम समस्तीपुर नगर थाना की पुलिस बल और सीओ समस्तीपुर के साथ पहुंची थी.
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रेल इंजन चोरी मामला : लेकिन जब कुर्की की कार्रवाई शुरू हुई तो उस प्रतिष्ठान के मालिक नीरज धंधानिया के द्वारा यह आपत्ति दर्ज कराया गया कि वे किरायेदार के तौर पर यहां कारोबार कर रहे है. जबकि जगह का मालिक कोई दूसरा है. गौरतलब है कि इसी केस में नीरज धंधानिया जेल जाकर जमानत पर बाहर हुए है. और पंकज धंधानिया, नीरज धंधानिया के ही छोटे भाई हैं. और वे अबतक फरार चल रहे हैं.
बिना कुर्की जब्ती किए RPF की टीम लौट गई : मिली जानकारी के अनुसार कुर्की करने पहुंचे अंचल अधिकारी विनय कुमार ने प्रतिष्ठान के मकान मालिक के अधिवक्ता के विरोध पर कोर्ट ऑर्डर की तहकीकात किया तो उन्होंने भी इसमे तकनीकी खामी माना. और फिलहाल कुर्की की कार्रवाई को रोक दिया है. बता दें कि 2021 में पूर्णिया के बनमनखी रेलवे यार्ड से स्क्रैप माफियाओं ने एक रेल इंजन को ही बेच दिया था. इस मामले में आरपीएफ ने बनमनखी थाने में कांड संख्या 2/21भी दर्ज किया था. जिसमे स्क्रैप कारोबारी समेत रेलवे के अभियंता तक भी जेल जा चुके हैं.
रेल इंजन की खबर पर मचा था कोहराम : गौरतलब है कि बिहार में सुरंग बनाकर रेल इंजन चोरी (Train Engine Stolen In Bihar) करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया था. खबर थी कि चोरों ने मुजफ्फरपुर से लेकर बरौनी तक पहले सुरंग खोदा और फिर रेलवे यार्ड में मरम्मत के लिए आई रेलवे इंजन की चोरी कर ली थी. इस मामले में रेलवे विभाग की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि सुरंग बनाकर रेल इंजन चोरी जैसी कोई वारदात नहीं हुई है, यह एक फेक न्यूज है. यह पूरा मामला पूर्व मध्य रेलवे से जुड़ा हुआ था.