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पार्सल घरों में 'आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया', रेल मंडल ने लिया बंद करने का फैसला

रेल मंडल ने इस्तेमाल नहीं हो रहे सभी पार्सल घरों को चिन्हित कर इन्हें बंद करने का प्रस्ताव मुख्यायल को भेजा है. इनसे आमदनी कुछ नहीं है लेकिन, महीने में वेतन देने का खर्चा जरूर हो रहा है.

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Published : Dec 1, 2019, 10:13 PM IST

समस्तीपुर: समस्तीपुर रेल मंडल के दर्जनों पार्सल घरों पर जल्द ताले लटकने वाले हैं. रेल मंडल बेकार पड़े सभी पार्सल घरों को चिन्हित कर उन्हें बंद करने की कवायद में जुटा है. जानकारी के मुताबिक इन पार्सल घरों से विभाग को आमदनी अठन्नी है. लेकिन, खर्चा रुपया है.

आलम यह है कि इस रेल डिवीजन के दर्जनों पार्सल घरों में आजकल एक भी ग्राहक नहीं पहुंच रहा है. वहीं, सामानों की आवाजाही का हाल यह है कि कई स्टेशनों पर बने पार्सल घरों में महीनों से एक रुपये तक की बुकिंग नहीं हुई है. ऐसे में रेल प्रशासन ने इन्हें बंद करने का फैसला लिया है.

samastipur
पार्सल घरों में का काम पड़ा मंदा

रेल मंडल ने मुख्यालय को भेजा प्रस्ताव
रेल मंडल ने इस्तेमाल नहीं हो रहे सभी पार्सल घरों को चिन्हित कर इन्हें बंद करने का प्रस्ताव मुख्यायल को भेजा है. आंकड़ों के अनुसार इस डिवीजन के अंतर्गत आने वाले हसनपुर रोड, बैरगिनिया, मानिकपुर, रुसेराघाट, बनमंकी, गमहरिया, पूर्णिया कोर्ट, बिहारीगंज, जनकपुर रोड, घोड़ासाहन, चनपटिया और पीपरा स्टेशनों के पार्सल घरों में कामकाज ठप है. इनसे आमदनी कुछ नहीं है. लेकिन, महीने में वेतन देने का खर्चा जरूर हो रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: पशुपति पारस बोले- रघुवंश प्रसाद सिंह अब बूढ़े हो गए हैं, कुछ भी बोलते रहते हैं

बंद ही है बस आदेश का है इंतजार- अधिकारी
इन हालातों पर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम ने कहा कि कार्यकारी तौर पर ये पार्सल बुकिंग ऑफिस बन्द ही है. मुख्यायल से ऑर्डर के बाद यहां के कार्यरत स्टॉफ को भी अन्य जगहों पर पदस्थापित किया जाएगा. इसके इंतजाम किए जा रहे हैं.

समस्तीपुर: समस्तीपुर रेल मंडल के दर्जनों पार्सल घरों पर जल्द ताले लटकने वाले हैं. रेल मंडल बेकार पड़े सभी पार्सल घरों को चिन्हित कर उन्हें बंद करने की कवायद में जुटा है. जानकारी के मुताबिक इन पार्सल घरों से विभाग को आमदनी अठन्नी है. लेकिन, खर्चा रुपया है.

आलम यह है कि इस रेल डिवीजन के दर्जनों पार्सल घरों में आजकल एक भी ग्राहक नहीं पहुंच रहा है. वहीं, सामानों की आवाजाही का हाल यह है कि कई स्टेशनों पर बने पार्सल घरों में महीनों से एक रुपये तक की बुकिंग नहीं हुई है. ऐसे में रेल प्रशासन ने इन्हें बंद करने का फैसला लिया है.

samastipur
पार्सल घरों में का काम पड़ा मंदा

रेल मंडल ने मुख्यालय को भेजा प्रस्ताव
रेल मंडल ने इस्तेमाल नहीं हो रहे सभी पार्सल घरों को चिन्हित कर इन्हें बंद करने का प्रस्ताव मुख्यायल को भेजा है. आंकड़ों के अनुसार इस डिवीजन के अंतर्गत आने वाले हसनपुर रोड, बैरगिनिया, मानिकपुर, रुसेराघाट, बनमंकी, गमहरिया, पूर्णिया कोर्ट, बिहारीगंज, जनकपुर रोड, घोड़ासाहन, चनपटिया और पीपरा स्टेशनों के पार्सल घरों में कामकाज ठप है. इनसे आमदनी कुछ नहीं है. लेकिन, महीने में वेतन देने का खर्चा जरूर हो रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: पशुपति पारस बोले- रघुवंश प्रसाद सिंह अब बूढ़े हो गए हैं, कुछ भी बोलते रहते हैं

बंद ही है बस आदेश का है इंतजार- अधिकारी
इन हालातों पर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम ने कहा कि कार्यकारी तौर पर ये पार्सल बुकिंग ऑफिस बन्द ही है. मुख्यायल से ऑर्डर के बाद यहां के कार्यरत स्टॉफ को भी अन्य जगहों पर पदस्थापित किया जाएगा. इसके इंतजाम किए जा रहे हैं.

Intro:समस्तीपुर रेल मंडल के दर्जनों पार्सल घरों पर लटकेगा ताला । जल्द रेल मंडल यैसे सभी चिन्हित पार्सल घरों को बंद करने की कवायद में जुटा है । दरअसल यंहा आमदनी जंहा अठन्नी के बराबर है वंही महीने में खर्चा कई लाखों का ।


Body:इस रेल डिवीजन के दर्जनों पार्सल घरों में आजकल बोहनी तक नही हो रही । यंहा सामानों की आवाजाही का हाल यह है की , कई स्टेशनों पर बने पार्सल घर तो महीनों से एक रुपये की भी बुकिंग नही करते । बहरहाल रेल मंडल ने यैसे सभी पार्सल घरों को चिन्हित कर इसे बंद करने का प्रस्ताव मुख्यायल को भेजा है। आंकड़ो के अनुसार , इस डिवीजन के अंतर्गत आने वाले हसनपुर रोड , बैरगिनिया , मानिकपुर , रुसेराघाट , बनमंकी , गमहरिया , पूर्णिया कोर्ट , बिहारीगंज , जनकपुर रोड , घोड़ासाहन , चनपटिया एव पीपरा स्टेशन पर बने पार्सल घरों में आमदनी कुछ नही लेकिन महीने में वेतन आदि मद में कई लाखो का खर्चा है । वैसे इस मामले पर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम ने कहा की , फंक्शनली ये बुकिंग ऑफिस बन्द ही है , मुख्यायल से आर्डर के बाद यंहा के कार्यरत स्टॉफ को अन्य जगहों पर पदस्थापित किया जायेगा ।

बाईट - वीरेंद्र कुमार , सीनियर डीसीएम , समस्तीपुर रेल मंडल ।

वीओ - वैसे इन पार्सल हाउस के इस हाल के पीछे कई मायनों में रेलवे का लचर व्यवस्था ही है । बुकिंग व डिलेवरी में लेटलतीफी , सामान गुम होने के बढ़ती घटना व अन्य तरह की परेशानियों के कारण लोग , सामान बुक कराने को लेकर कुरियर सेवा का इस्तेमाल अधिक कर रहे ।

बाईट - अर्जुन कुमार , व्यवसायी ।


Conclusion:बहरहाल रेल मंडल अपने कर्मी के कार्यशैली सुधारने के बजाए , अपने बजट को देखते हुए इन पार्सल हाउस को ही बन्द करने का फैसला लिया है । लेकिन क्या यह किसी समस्या का बेहतर निदान है ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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