समस्तीपुर: जिले में भी आजादी के महापर्व के अनेकों रंग देखने को मिले. पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा रहा. इस राष्ट्रीय महापर्व के दौरान आजादी का जश्न तो मनाया गया, लेकिन देशवाशी प्लास्टिक से आजाद नहीं हुए हैं. खादी के झंडे पर हावी प्लास्टिक के झंडे कई सवाल खड़े कर रहे हैं.
प्लास्टिक के झंडे खादी और कपड़ो के झंडे पर हावी
खादी को लेकर वर्षों से हो रहे प्रयास का कोई असर नहीं दिख रहा है. जिले में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्लास्टिक के झंडे खादी व कपड़ों के झंडे पर पूरी तरह हावी रहे. यहां के विभिन्न चौक चौराहे पर प्लास्टिक के झंडे की खूब खरीदारी हुई. बाजारवाद की प्रतिस्पर्धा में खादी काफी पीछे रह गया है. जानकरों का मानना है कि बाजार में प्लास्टिक के झंडे के बढ़ते चलन से तिरंगे का अपमान हो रहा है. ये झंडे ज्यादा दिन टिकते भी नही हैं.
खादी के झंडों की बिक्री सिर्फ सरकारी स्तर पर
पहले खादी व कपड़े के झंडे लोग सहेज कर रखते थे. लेकिन अब प्लास्टिक के झंडे यहां वहां फेंके नजर आते हैं. इस व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि अब खादी के झंडों की बिक्री सिर्फ सरकारी स्तर पर ही होती है. गौर करने वाली बात है कि लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने भी इस स्वतंत्रता दिवस पर प्लास्टिक के खिलाफ एक बड़े अभियान की शुरुआत करने की अपील की है.