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नागपंचमी में यहां दिखता है अजब नजारा, सांपों को गले में लपेटकर खेलते हैं लोग

कल तक जो लोग सांपों से डरते थे, वह नाग पंचमी के दिन सांपों से खिलौने की तरह खेलते नजर आते हैं. यहां के लोगों का कहना है कि इस दिन सांप उन्हें नहीं काटता है. आज नाग पंचमी है और वो इस दिन इनकी पूजा करते हैं.

नाग पंचमी की धूम
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Published : Jul 22, 2019, 7:27 PM IST

समस्तीपुर: जिले में सोमवार को नाग पंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान लोग सांपों के साथ खेलते दिखाई दिए. जिसमें छोटे-बड़े सभी उम्र के लोग शामिल थे. भक्त इस दिन नदी में जाकर तंत्र-मंत्र के जरिए विषैले सांपों को निकालते हैं और फिर इनकी पूजा कर दूध पिलाते हैं. फिर इन्हें छोड़ दिया जाता है.

पेश है रिपोर्ट

कल तक जो लोग सांपों से डरते थे, वह नाग पंचमी के दिन सांपों के साथ खेलते नजर आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस दिन सांप उन्हें काटता नहीं है. वह इसकी पूजा करते हैं.

samastipur
सांपों से खेलते लोग

नाग पंचमी पर लगता है विशेष मेला
लोगों का कहना है कि आम दिनों में सांप के साथ इस तरह पेश आना निश्चित तौर पर खतरनाक है. लेकिन, नाग पंचमी तो सांपों का दिन है. इसलिए वह आज के दिन नहीं काटता है. नाग पंचमी के दिन हजारों की संख्या में लोग जिले में लगे नाग पंचमी मेले को देखने दूर-दराज से आते हैं.

samastipur
सांपों का मेला

सावन माह के पांचवें दिन मनाते हैं नाग पंचमी
नागपंचमी मेला समस्तीपुर जिले के कई इलाकों में लगभग 300 साल पहले से लगता आ रहा है. गांव के बुजुर्ग का कहना है कि सावन माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी को नागपंचमी मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है. इस दिन लोग सांपों की पूजा करने के बाद उसे गले में लपेट कर खिलौने की तरह खेलते हैं. उसके बाद फिर इन सांपों को जंगल में छोड़ देते हैं. इसतरह नागपंचमी को यहां के लोग अनूठे अंदाज में मनाते हैं.

समस्तीपुर: जिले में सोमवार को नाग पंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान लोग सांपों के साथ खेलते दिखाई दिए. जिसमें छोटे-बड़े सभी उम्र के लोग शामिल थे. भक्त इस दिन नदी में जाकर तंत्र-मंत्र के जरिए विषैले सांपों को निकालते हैं और फिर इनकी पूजा कर दूध पिलाते हैं. फिर इन्हें छोड़ दिया जाता है.

पेश है रिपोर्ट

कल तक जो लोग सांपों से डरते थे, वह नाग पंचमी के दिन सांपों के साथ खेलते नजर आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस दिन सांप उन्हें काटता नहीं है. वह इसकी पूजा करते हैं.

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सांपों से खेलते लोग

नाग पंचमी पर लगता है विशेष मेला
लोगों का कहना है कि आम दिनों में सांप के साथ इस तरह पेश आना निश्चित तौर पर खतरनाक है. लेकिन, नाग पंचमी तो सांपों का दिन है. इसलिए वह आज के दिन नहीं काटता है. नाग पंचमी के दिन हजारों की संख्या में लोग जिले में लगे नाग पंचमी मेले को देखने दूर-दराज से आते हैं.

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सांपों का मेला

सावन माह के पांचवें दिन मनाते हैं नाग पंचमी
नागपंचमी मेला समस्तीपुर जिले के कई इलाकों में लगभग 300 साल पहले से लगता आ रहा है. गांव के बुजुर्ग का कहना है कि सावन माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी को नागपंचमी मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है. इस दिन लोग सांपों की पूजा करने के बाद उसे गले में लपेट कर खिलौने की तरह खेलते हैं. उसके बाद फिर इन सांपों को जंगल में छोड़ देते हैं. इसतरह नागपंचमी को यहां के लोग अनूठे अंदाज में मनाते हैं.

Intro:समस्तीपुर जिले में नाग पंचमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है ।यहां भगत नदी में जाकर तंत्र मंत्र के द्वारा विषैले से विषैले सांप को निकलता है। और इस सांप को छोटे बड़े सभी लोग इस कदर खेलते हैं ।लगता है कि जैसे खिलौना से खेल रहे हैं वहीं भगत सभी लोगों के साथ मंदिर में आकर सभी सांपों को दूध पिला कर पूजा कर उसे वापस छोड़ देते हैं ।कल लोग सांपों से डरा करते थे आज वही लोग सांप को किस तरह खिलौने समझ कर खेल रहे हैं लेकिन सांप काटता नहीं है।


Body:सांप अगर किसी को काट ले तो उसे दुनिया छोड़कर जाना पड़ता है ।लेकिन आप गौर से देखिए कि छोटे-छोटे बच्चे और उनके परिजन किस कदर अपने सर और गले में विषैले सांप को लपेटे हुए हैं ।यह जानते हुए कि सांप काट लेने के बाद इनकी मौत हो सकती है ।लेकिन आज सांप इनको नहीं काटेगा वही आज सभी लोग इस सांप को खिलौना समझ कर खेल रहे हैं ।आज के दिन हजारों की संख्या में लोग नाग पंचमी का मेला देखने के लिए जगह-जगह से आते हैं ।नागपंचमी के मेल समस्तीपुर जिले के बिभिन इलाके में लगभग 300 बर्ष पहले से लगती आ रही है। आज के दिन सांपों को खिलौना समझकर लोग खेलते हैं। लेकिन लोगों को सांप नहीं काटता है ।जबकि आज के दिन खिलौना के तरह खेलने में सांप के ऊपर जुल्म भी दाहते हैं लेकिन फिर भी साफ नहीं काटता है।


Conclusion:वहीं भगत जी का बताना है किस सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है। और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है ।उसके बाद सांपों का पूजा करते हुए छोटे बच्चे बड़े बच्चे सभी सांप को अपने गले में लपेट कर खिलौने की तरह खेलते हैं ।उसके बाद फिर इन सभी सांपों को जंगलों में छोड़ दिया जाता है ।ताकि यह सांप कल फिर किसी को अपना शिकार नहीं बनावे। नाग पंचमी बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ पूरे जिले में मनाया जाता है ।वही सांप लिए हुए युवक का बताना है कि नाग पंचमी के दिन हम लोग सांप को खिलौना की तरह खेलते हैं। लेकिन सांप आज हम लोगों को नहीं काटता है आज हम लोग निडर होकर सांप से खेलते हैं।
बाईट : सांप से खेलने वाले युवक
बाईट : भगत
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