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समस्तीपुर में हुआ पारण परेड का आयोजन, 289 महिला प्रशिक्षु बनी सिपाही - IG Pankaj Darar

महिला पुलिसकर्मियों ने बताया कि लोग बेटा और बेटी में फर्क समझते हैं. आज हम लोगों के पुलिस बल में शामिल होने से समाज में एक अच्छा संदेश गया है. बेटा और बेटी में कोई भी फर्क नहीं समझे.

समस्तीपुर
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Published : Jan 8, 2020, 9:24 PM IST

समस्तीपुर: जिले के पुलिस लाइन में महिला पुलिसकर्मियों ने पारण परेड किया. पुलिस लाइन में 15 महीने की ट्रेनिंग के बाद सीतामढ़ी सहरसा और सुपौल जिले की 289 महिला पुलिसकर्मियों ने रेल एडीजी पंकज दरार को सलामी दी. इस मौके पर कई अधिकारी मौजूद रहे.

जिले के पुलिस लाइन में पारण परेड में सभी प्रशिक्षु महिला सिपाहियों ने बेहतरीन परेड का प्रदर्शन किया. महिला प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों ने फूल भी लगाएं. इस समारोह में शामिल सभी प्रशिक्षु महिला सिपाही अब आधिकारीक रूप से सिपाही बन गई. प्रशिक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाली महिला सिपाहियों को पुरस्कृत भी किया गया.

रेल एडीजी और महिला पुलिसकर्मी का बयान

'तकनीक में ट्रेंड होना जरूरी है'
इस दौरान आईजी पंकज दरार कहा कि आज विधि व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही खासकर महिला अपराध से जुड़े मामले को बखूबी निपटाने की जिम्मेदारी आप सब पर है. नक्सली आतंकी और साइबर अपराध को लगाम लगाने के लिए पुलिस विभाग को साइंटिफिक रूप से हाईटेक किया जा रहा है. इसलिए विधि व्यवस्था को संभालने के साथ खुद को कंप्यूटर, मोबाइल सहित हर तकनीक में ट्रेंड होना जरूरी है.

समस्तीपुर
सलामी लेते अधिकारी

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर : DDC के बहन और बहनोई की दिनदहाड़े घर में घुसकर हत्या

'बेटा और बेटी कोई फर्क नहीं'
वहीं, महिला पुलिसकर्मियों ने बताया कि लोग बेटा और बेटी में फर्क समझते हैं. आज हम लोगों के पुलिस बल में शामिल होने से समाज में एक अच्छा संदेश गया है. बेटा और बेटी में कोई भी फर्क नहीं समझे.15 महीने की ट्रेनिंग के बाद हम सब अब अधिकारिक पुलिस जवान बन गए हैं. हम सब देश की सेवा करेंगे.

समस्तीपुर: जिले के पुलिस लाइन में महिला पुलिसकर्मियों ने पारण परेड किया. पुलिस लाइन में 15 महीने की ट्रेनिंग के बाद सीतामढ़ी सहरसा और सुपौल जिले की 289 महिला पुलिसकर्मियों ने रेल एडीजी पंकज दरार को सलामी दी. इस मौके पर कई अधिकारी मौजूद रहे.

जिले के पुलिस लाइन में पारण परेड में सभी प्रशिक्षु महिला सिपाहियों ने बेहतरीन परेड का प्रदर्शन किया. महिला प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों ने फूल भी लगाएं. इस समारोह में शामिल सभी प्रशिक्षु महिला सिपाही अब आधिकारीक रूप से सिपाही बन गई. प्रशिक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाली महिला सिपाहियों को पुरस्कृत भी किया गया.

रेल एडीजी और महिला पुलिसकर्मी का बयान

'तकनीक में ट्रेंड होना जरूरी है'
इस दौरान आईजी पंकज दरार कहा कि आज विधि व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही खासकर महिला अपराध से जुड़े मामले को बखूबी निपटाने की जिम्मेदारी आप सब पर है. नक्सली आतंकी और साइबर अपराध को लगाम लगाने के लिए पुलिस विभाग को साइंटिफिक रूप से हाईटेक किया जा रहा है. इसलिए विधि व्यवस्था को संभालने के साथ खुद को कंप्यूटर, मोबाइल सहित हर तकनीक में ट्रेंड होना जरूरी है.

समस्तीपुर
सलामी लेते अधिकारी

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'बेटा और बेटी कोई फर्क नहीं'
वहीं, महिला पुलिसकर्मियों ने बताया कि लोग बेटा और बेटी में फर्क समझते हैं. आज हम लोगों के पुलिस बल में शामिल होने से समाज में एक अच्छा संदेश गया है. बेटा और बेटी में कोई भी फर्क नहीं समझे.15 महीने की ट्रेनिंग के बाद हम सब अब अधिकारिक पुलिस जवान बन गए हैं. हम सब देश की सेवा करेंगे.

Intro:समस्तीपुर 289 महिला पुलिसकर्मियों ने संभाली बिहार पुलिस का कमान ।पारण परेड में दिखाया दम । पुलिस लाइन में 15 महीने की ट्रेनिंग के बाद सीतामढ़ी सहरसा और सुपौल जिले के 289 महिला पुलिसकर्मियों के पारण परेड की सलामी रेल एडीजी पंकज दरार ने ली ।दरभंगा जोन के निवर्तमान आईजी पंकज दरार आज से पुलिसकर्मी के रूप में सरकारी सेवा में आने वाली इस महिला जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज विधि व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही खासकर महिला अपराध से जुड़े मामले को बखूबी निपटाने की जिम्मेबारी आप सबो पर है ।



Body:पुलिस लाइन में आयोजित पारण परेड में कार्यक्रम में निवर्तमान आईजी पंकज दरार वर्तमान रेल एडीजी पुलिस लाइन पहुंचकर परेड की सलामी लिए ।मार्च पास्ट के बाद महिला प्रशिक्षु पुलिसकर्मी को केप पर लाल फूल लगवाए। और ये सभी आज से पुलिस बल के रूप में जाने जाएंगे ।इस मौके पर पंकज दरार ने कहा कि नक्सली आतंकी और साइबर अपराध को लगाम लगाने के लिए पुलिस विभाग को साइंटिफिक रूप से हाईटेक किया जा रहा है ।इसीलिए विधि व्यवस्था संभालने के साथ खुद को कंप्यूटर मोबाइल तकनीक समेत हर तरीके से ट्रेंड रखने की जरूरत है। इस मौके पर महिला जवानों के आकर्षक परेड को देखने के लिए उनके अभिभावक के साथ काफी संख्या में पुलिस अधिकारी मौजूद थे ।प्रशिक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाली महिला जवानों को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने जिले में ड्यूटी पर जाने वाली महिला जवान खासी उत्साहित नजर आ रही थी ।


Conclusion:परेड की समाप्ति के बाद सभी महिला पुलिसकर्मियों के बीच खुशी का ठिकाना नहीं रहा ।अपने सहकर्मियों के साथ मोबाइल से सेल्फी लेते नजर आए। वही महिला पुलिसकर्मी का बताना है कि लोग बेटी और बिटिया में फर्क समझते हैं ।जो आज हम लोगों के पुलिस बल में आने से दूर हो गया ।लोग बेटा और बेटी में फर्क नहीं समझे और बराबर का दर्जा देते हुए बेटी को भी सम्मान दें। आज मैं उस मुकाम पर पहुंच गई हूं जो देश और समाज की सेवा करूंगी ।वही सहरसा की रहने वाली प्रियंका कुमारी आज बहुत खुश नजर आ रही थी। उसका बताना था कि 15 महीने की ट्रेनिंग के बाद आज मैं पूर्ण रूप से पुलिस जवान के रूप में नियुक्त हुई हूं। मुझे खुशी का ठिकाना नहीं है और मैं समाज और देश की सेवा में हमेशा तत्पर रहूंगी।
बाईट: पंकज दरार निर्वतमान आईजी सह एडीजी रेल
बाईट: प्रियंका कुमारी महिला पुलिस कर्मी सहरसा
पीटीसी
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