समस्तीपुर: कोरोना के बढ़ते मामले और लॉकडाउन की आशंका से प्रवासी श्रमिक घरों की ओर लौटने लगे हैं. इस दौरान ट्रेन हो या फिर बस में लोगों की भीड़ देखी जा रही है. वहीं, भीड़ को देखते हुए प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है. इसके अलावा प्रवासी मजदूर के आंकड़े को लेकर जिला श्रम विभाग के पास डाटा भी नहीं है.
कोरोना से सहमे लोग घरों में हो रहे कैद
कोरोना से सहमे लोग जहां खुद को घरों में कैद कर रहे है. वहीं, लॉकडाउन की आशंका को देखते हुए पिछले साल इस दंश झेलने वाले लोगों का पलायन शुरू हो गया है. कई महानगरों में कोरोना के बढ़ते खतरनाक ग्राफ के बाद वहां से बड़ी संख्या में जिले के लोग वापस अपने घर लौट रहे हैं.
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ट्रेन और बसों में देखी जा रही है भीड़
कोरोना का दूसरा वेव कई गुना अधिक खतरनाक है. कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित कई राज्यों से लौटती भीड़ को लेकर लापरवाही चरम पर है. कोरोना जांच को लेकर स्वास्थ्य महकमा फौरी तौर पर खानापूर्ति कर रहा है.
श्रम विभाग के पास नहीं है प्रवासी मजदूरों का डाटा
इन प्रवासी मजदूरों के रोजगार आदि को लेकर श्रम विभाग के पास भी कोई मुक्कमल डाटा नहीं है. वैसे इस मामले पर संबधित विभाग अभी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है.
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कोरोना जांच में हो रही लापरवाही
गौरतलब है कि समस्तीपुर में कोविड-19 की रिपोर्ट यहां की स्थिति बताने के लिए काफी है. कोरोना के इस दूसरे वेव में शहरों से अधिक ग्रामीण इलाकों संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. बिना जांच के आ रहे प्रवासी कोरोना विस्फोट की बड़ी वजह बन सकते हैं.