समस्तीपुर: बिहार का स्वास्थ्य विभाग अक्सर ही अपने कारनामों की वजह से सवालों के घेरे में रहता है. एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. सरकारी अस्पतालों में अक्सर ही दवा उपलब्ध नहीं रहती है, जिस वजह से गरीबों को पैसे लगाकर दवा खरीदनी पड़ती है. लेकिन समस्तीपुर जिले के हसनपुर प्रखंड के सुरहा बसंतपुर पंचायत स्थित सीताकुंड चौर में सरकारी अस्पतालों में सप्लाई किए जाने वाली लाखों रुपए की दवा यूं ही फेंक दी गई.
दवाओं की एक्सपायरी डेट अगले साल: खेत में लावारिस हालत में मिली दवाओं में आयरन और फोलिक एसिड के अलावा अन्य दवाएं भी शामिल हैं, जो गर्भवती महिलाओं को दी जाती है. बताया गया कि कुछ दवाएं एक्सपायर्ड हैं जबकि कुछ दवाओं की एक्सपायरी डेट अगले साल है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है, सवाल तो ये भी उठ रहा है कि कहीं इन दवाओं को आशा कर्मियों को गांव में वितरण करने के लिए तो नहीं दिया गया था.
सुबह खेत जा रहे किसानों की पड़ी नजर: स्थानीय लोगों की मानें तो गुरुवार की सुबह खेत मे काम करने जा रहे लोगों की इसपर नजर पड़ी, उन्होंने बताया कि दवा के रैपर पर बिहार सरकार का टैग छपा है. लोगों ने देखा कि सड़क किनारे गड्ढे में भारी मात्रा में दवा फेंका हुआ है, दवा एक पिकअप से कम नहीं होगी. जिसमें कई एक्सपायर्ड और कई दवा की एक्सपायरी 2024 है. बहरहाल स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी हसनपुर पीएचसी को दी, लेकिन अबतक कोई नहीं आया है.
प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी ने क्या कहा: फेंकी गई दवा मामले पर प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार की मानें तो इस मामले में जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि दवा के बैच नम्बर से यह दवा कहां आवंटित की गई थी उसकी भी जांच होगी. जांच के बाद ही दोषी पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
"मामले की जानकारी मिली है, दवा के बैच नंबर से यह पता लगाया जा रहा है कि इन दवाओं को कहां आवंटित किया गया था. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी."- डॉ अरविंद कुमार, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी
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