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समस्तीपुर: शहीद के अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहे हैं लोग, भारत-चीन झड़प में दी थी शहादत

एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में समस्तीपुर के अमन कुमार सिंह भी शहीद हुये हैं. आज शाम सभी जवानों का पार्थिव शरीर पटना पहुंचेगा.

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Published : Jun 18, 2020, 12:37 PM IST

समस्तीपुर: भारत और चीन के बीच हुए हिंसक झड़प में बिहार के कुल पांच जवान शहीद हो गए हैं. इनमें से एक जवान का पार्थिव शरीर बुधवार को पटना पहुंचा. जबकि चार अन्य जवानों का पार्थिव शरीर आज शाम पटना एयरपोर्ट पहुंचेगा. यहां से सभी का शव उनके-उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

बता दें सोमवार की रात में चाईना बॉर्डर के गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारत के भारत के 20 जवान शहीद हो गए. ये सभी बिहार रेजिमेंट के जवान हैं. इस हमले में 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर और 19 अन्य जवानों के शहीद होने की खबर आई है. वहींं, 11 जवानों के घायल होने की भी सेना मुख्यालय ने पुष्टि की है. इसमें दर्जनों चीनी अधिकारी और सिपाहियों के भी मृत्यु और घायल होने की खबर है.

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अमन के पिता

समस्तीपुर का अमन शहीद
अमन के पिता ने बताया कि "मंगलवार को मैं घर के बाहर बैठा हुआ था, तभी मेरे मोबाइल पर कॉल आया...सामने वाले ने पूछा क्या आप अमन के पिताजी बोले रहे हैं...मैंने कहा हां, मैं अमन का पापा बोल रहा हूं...दूसरी तरफ वाले ने कहा- आपका बेटा अमन शहीद हो गया है'. भारत-चीन सीमा पर स्थित गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुये सिपाही अमन कुमार सिंह के पिताजी ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है. उसने देश की सीमा की रक्षा करते हुये शहादत दी है.

शहीद अमन के पिता ने बताया कि 4 दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी. उसने मेरा हालचाल पूछा. जब मैंने उसके बारे में पूछा तो उसने कहा कि यहां सबकुछ ठीक है, कोई दिक्कत नहीं है. मैंने अमन से कहा, लेकिन न्यूज में तो बता रहे हैं कि लद्दाख में काफी समस्या चल रही है, तो अमन ने कहा कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है. ये कहकर उसने फोन रख दिया. उसके बाद मंगलवार को 16 बिहार रेजीमेंट से फोन आया और बताया गया कि अमन शहीद हो गया है.

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अमन और उसकी पत्नी

अमन के पिता को है उनकी शहादत पर गर्व
अमन के पिताजी ने बताया कि उनका बेटा इसी फरवरी में घर आया था. फिर वो जुलाई में घर आने वाला था. वो उनसे कहकर गया था कि जुलाई में आयेगा तो उन्हें साथ ले जायेगा और मिलिट्री हॉस्पिटल में उनका इलाज करायेगा. लेकिन अब अमन कभी नहीं आयेगा. देश की सीमाओं की रक्षा करते हुये वो हमेशा के लिये दूर चला गया है. शहीद अमन के पिता ने भावुक होकर कहा कि मुझे अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. उसने देश की रक्षा करते हुये अपनी जान दी है. वो हमेशा हम सभी के दिलों और यादों में रहेगा.

लोगों में आक्रोश
बता दें कि वीर सपूत अमन कुमार सिंह समस्तीपुर के मोहद्दीनगर प्रखंड के सुल्तानपुर के रहने वाले थे. वो 16 बिहार रेजिमेंट में तैनात थे. अमन की पिछले साल ही शादी हुई थी. जिले के इस लाल की शहादत की खबर सुनते ही गांव के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. एक तरफ जहां लोगों को अमन की शहादत पर गर्व है तो वहीं चीन के खिलाफ लोगों में आक्रोश भी है. घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. सभी भारत सरकार से मांग कर रहे हैं कि चीन के इस धोखे का जवाब भारत सरकार दे और अमन की शहादत का बदला ले.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प
चीन के साथ भारत की ये हिंसक झड़प लद्दाख की गलवान वैली में हुई है. ये वही गलवान वैली है जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी. भारतीय सेना ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई है. सेना का कहना है कि इस संघर्ष में 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे और शून्य से कम तापमान वाले ऊंचाई पर स्थित गलवान इलाके में उनकी मौत हो गई. सेना ने मंगलवार रात अपने आधिकारिक बयान में कहा कि गलवान इलाके में अब भारतीय और चीनी दोनों ही देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष बंद हो गया है.

समस्तीपुर: भारत और चीन के बीच हुए हिंसक झड़प में बिहार के कुल पांच जवान शहीद हो गए हैं. इनमें से एक जवान का पार्थिव शरीर बुधवार को पटना पहुंचा. जबकि चार अन्य जवानों का पार्थिव शरीर आज शाम पटना एयरपोर्ट पहुंचेगा. यहां से सभी का शव उनके-उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

बता दें सोमवार की रात में चाईना बॉर्डर के गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारत के भारत के 20 जवान शहीद हो गए. ये सभी बिहार रेजिमेंट के जवान हैं. इस हमले में 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर और 19 अन्य जवानों के शहीद होने की खबर आई है. वहींं, 11 जवानों के घायल होने की भी सेना मुख्यालय ने पुष्टि की है. इसमें दर्जनों चीनी अधिकारी और सिपाहियों के भी मृत्यु और घायल होने की खबर है.

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अमन के पिता

समस्तीपुर का अमन शहीद
अमन के पिता ने बताया कि "मंगलवार को मैं घर के बाहर बैठा हुआ था, तभी मेरे मोबाइल पर कॉल आया...सामने वाले ने पूछा क्या आप अमन के पिताजी बोले रहे हैं...मैंने कहा हां, मैं अमन का पापा बोल रहा हूं...दूसरी तरफ वाले ने कहा- आपका बेटा अमन शहीद हो गया है'. भारत-चीन सीमा पर स्थित गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुये सिपाही अमन कुमार सिंह के पिताजी ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है. उसने देश की सीमा की रक्षा करते हुये शहादत दी है.

शहीद अमन के पिता ने बताया कि 4 दिन पहले मेरी उससे बात हुई थी. उसने मेरा हालचाल पूछा. जब मैंने उसके बारे में पूछा तो उसने कहा कि यहां सबकुछ ठीक है, कोई दिक्कत नहीं है. मैंने अमन से कहा, लेकिन न्यूज में तो बता रहे हैं कि लद्दाख में काफी समस्या चल रही है, तो अमन ने कहा कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है. ये कहकर उसने फोन रख दिया. उसके बाद मंगलवार को 16 बिहार रेजीमेंट से फोन आया और बताया गया कि अमन शहीद हो गया है.

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अमन और उसकी पत्नी

अमन के पिता को है उनकी शहादत पर गर्व
अमन के पिताजी ने बताया कि उनका बेटा इसी फरवरी में घर आया था. फिर वो जुलाई में घर आने वाला था. वो उनसे कहकर गया था कि जुलाई में आयेगा तो उन्हें साथ ले जायेगा और मिलिट्री हॉस्पिटल में उनका इलाज करायेगा. लेकिन अब अमन कभी नहीं आयेगा. देश की सीमाओं की रक्षा करते हुये वो हमेशा के लिये दूर चला गया है. शहीद अमन के पिता ने भावुक होकर कहा कि मुझे अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. उसने देश की रक्षा करते हुये अपनी जान दी है. वो हमेशा हम सभी के दिलों और यादों में रहेगा.

लोगों में आक्रोश
बता दें कि वीर सपूत अमन कुमार सिंह समस्तीपुर के मोहद्दीनगर प्रखंड के सुल्तानपुर के रहने वाले थे. वो 16 बिहार रेजिमेंट में तैनात थे. अमन की पिछले साल ही शादी हुई थी. जिले के इस लाल की शहादत की खबर सुनते ही गांव के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. एक तरफ जहां लोगों को अमन की शहादत पर गर्व है तो वहीं चीन के खिलाफ लोगों में आक्रोश भी है. घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. सभी भारत सरकार से मांग कर रहे हैं कि चीन के इस धोखे का जवाब भारत सरकार दे और अमन की शहादत का बदला ले.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प
चीन के साथ भारत की ये हिंसक झड़प लद्दाख की गलवान वैली में हुई है. ये वही गलवान वैली है जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी. भारतीय सेना ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई है. सेना का कहना है कि इस संघर्ष में 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे और शून्य से कम तापमान वाले ऊंचाई पर स्थित गलवान इलाके में उनकी मौत हो गई. सेना ने मंगलवार रात अपने आधिकारिक बयान में कहा कि गलवान इलाके में अब भारतीय और चीनी दोनों ही देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष बंद हो गया है.

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