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नवरात्र के आगमन को लेकर भक्तों में उत्साह, बाजारों में बढ़ी रौनक - samastipur latest news

29 सितंबर रविवार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है. उत्तर भारत में 9 दिनों तक देवी मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. भक्त इस दौरान 9 दिनों तक व्रत रखते हैं.

नवरात्रि को लेकर सज गई पूजा सामग्री की दुकानें
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Published : Sep 28, 2019, 10:17 PM IST

समस्तीपुर: नौ दिनों तक चलने वाली शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है. शहर की दुकानें भी सज गई हैं. बाजार में लोगों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. भक्तजन आवश्यकतानुसार पूजा-पाठ के सामान की खरीदारी कर रहे हैं.

नवरात्रि की रौनक पूरे देश में देखने को मिलती है. उत्तर भारत में 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, भक्त इस दौरान 9 दिनों तक व्रत रखते हैं.

Navratri news
पूजा सामग्री

लोगों को रहता है शारदीय नवरात्र का इंतजार
सामान की खरीदारी कर रहे लोगों ने बताया कि शारदीय नवरात्र का उन्हें इंतजार रहता है. इसके एक दिन पहले पूजा के सभी सामानों की खरीदारी हो जाती है. उन्होंने बताया कि इस दौरान लोग अलग-अलग तरह से उपवास रखते हैं. कुछ लोग फलहार पर कुछ अन्न जल त्यागकर तो कुछ लोग सीने पर कलश रखकर माता की आराधना में लीन रहते हैं.

Navratri news
खरीददारी करते लोग

6 दिन विशेष योग
पंडित गगन झा के अनुसार इस बार माता का आगमन हाथी पर हुआ जो शुभ है. इस साल नवरात्रि के 6 दिन विशेष योग रहेंगे 2 दिन अमृत सिद्धि 2 दिन सर्वार्थ सिद्धि और दो दिन रवि होने की वजह से नवरात्रि में की गई पूजा जल्द ही सफल होगी.

भगवान राम ने की नवरात्रि की शुरुआत
नवरात्रि साल में चार बार आती है, जिसमें दो गुप्त और दो प्रगट नवरात्रि होती है. माघ, आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि और चैत्र, आश्विन में प्रकट नवरात्रि होती है. मान्यता है कि नवरात्रि की शुरुआत सबसे पहले भगवान राम ने की थी. श्री राम ने 9 दिनों तक देवी मां की विधिवत पूजा की थी. उसके बाद 10वें दिन रावण का वध किया था. इसीलिए नवरात्रि के अगले दिन दशहरा मनाया जाता है. जो बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है.

नवरात्रि को लेकर सज गई पूजा सामग्री की दुकानें

नवरात्र में इन नौ देवियों की पूजा होती है

  • पहले दिन- शैलपुत्री
  • दूसरे दिन- ब्रह्मचारिणी
  • तीसरे दिन- चंद्रघंटा
  • चौथे दिन- कुष्मांडा
  • पांचवें दिन- स्कंद माता
  • छठे दिन- कात्यानी
  • सातवें दिन- कालरात्रि
  • आठवें दिन- महागौरी
  • नवें दिन- सिद्धिदात्री

जिसके बाद कन्या पूजन, हवन और दशमी के दिन कलश विसर्जन के बाद विधिवत पूजा समाप्त हो जाती है.

समस्तीपुर: नौ दिनों तक चलने वाली शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है. शहर की दुकानें भी सज गई हैं. बाजार में लोगों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. भक्तजन आवश्यकतानुसार पूजा-पाठ के सामान की खरीदारी कर रहे हैं.

नवरात्रि की रौनक पूरे देश में देखने को मिलती है. उत्तर भारत में 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, भक्त इस दौरान 9 दिनों तक व्रत रखते हैं.

Navratri news
पूजा सामग्री

लोगों को रहता है शारदीय नवरात्र का इंतजार
सामान की खरीदारी कर रहे लोगों ने बताया कि शारदीय नवरात्र का उन्हें इंतजार रहता है. इसके एक दिन पहले पूजा के सभी सामानों की खरीदारी हो जाती है. उन्होंने बताया कि इस दौरान लोग अलग-अलग तरह से उपवास रखते हैं. कुछ लोग फलहार पर कुछ अन्न जल त्यागकर तो कुछ लोग सीने पर कलश रखकर माता की आराधना में लीन रहते हैं.

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खरीददारी करते लोग

6 दिन विशेष योग
पंडित गगन झा के अनुसार इस बार माता का आगमन हाथी पर हुआ जो शुभ है. इस साल नवरात्रि के 6 दिन विशेष योग रहेंगे 2 दिन अमृत सिद्धि 2 दिन सर्वार्थ सिद्धि और दो दिन रवि होने की वजह से नवरात्रि में की गई पूजा जल्द ही सफल होगी.

भगवान राम ने की नवरात्रि की शुरुआत
नवरात्रि साल में चार बार आती है, जिसमें दो गुप्त और दो प्रगट नवरात्रि होती है. माघ, आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि और चैत्र, आश्विन में प्रकट नवरात्रि होती है. मान्यता है कि नवरात्रि की शुरुआत सबसे पहले भगवान राम ने की थी. श्री राम ने 9 दिनों तक देवी मां की विधिवत पूजा की थी. उसके बाद 10वें दिन रावण का वध किया था. इसीलिए नवरात्रि के अगले दिन दशहरा मनाया जाता है. जो बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है.

नवरात्रि को लेकर सज गई पूजा सामग्री की दुकानें

नवरात्र में इन नौ देवियों की पूजा होती है

  • पहले दिन- शैलपुत्री
  • दूसरे दिन- ब्रह्मचारिणी
  • तीसरे दिन- चंद्रघंटा
  • चौथे दिन- कुष्मांडा
  • पांचवें दिन- स्कंद माता
  • छठे दिन- कात्यानी
  • सातवें दिन- कालरात्रि
  • आठवें दिन- महागौरी
  • नवें दिन- सिद्धिदात्री

जिसके बाद कन्या पूजन, हवन और दशमी के दिन कलश विसर्जन के बाद विधिवत पूजा समाप्त हो जाती है.

Intro:एक्सक्लूसिव

समस्तीपुर नौ दिवस की शादी नवरात्र की शुरुआत हो गई है। इसको लेकर शहर दुकानें भी सज गई है सभी भक्तों अपना वक्त आवश्यकतानुसार पूजा पाठ का समान वी खरीदारी कर रहे है । इसको लेकर बाजार का एक अलग ही नजारा दिख रहा है।

सामान खरीद दारी कर रहे लोगों का बताना है कि शारदीय नवरात्र का हम लोगों को इंतजार रहता है और इसके एक दिन पहले पूजा की सभी सामानों की खरीदारी हो जाती है ।और दुर्गा पूजा में कलश स्थापना करके दिनभर फलहार में रहते है कोई अन्न जल त्यागकर तो कोई सीने पर कलश रख माता की आराधना में लीन रहते है और नौवे दिन हवन के बाद 10 में दिन विजयादशमी को सभी लोग नमक खाते हैं।



Body:शारदीय नवरात्रि रविवार 29 सितंबर से शुरु होकर सोमवार 7 अक्टूबर को महानवमी होगी और मंगलवार 8 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा ।
इस साल नवरात्रि के 6 दिन विशेष योग रहेंगे 2 दिन अमृत सिद्धि 2 दिन सर्वार्थ सिद्धि और दो रवि होने की वजह से नवरात्रि में की गई पूजा जल्दी सफल हो सकती है।

साल में चार बार आती है नवरात्रि दो गुप्त होती है और दो प्रगट नवरात्रि होती है। माघ सौर आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि आती है। चैत और आशिन में प्रकट नवरात्रि होती है ।




Conclusion:शारदीय नवरात्रि की शुरुआत के बारे में ऐसी मान्यताये है की नवरात्रि की शुरुआत सबसे पहले भगवान राम ने की थी। श्री राम ने जब लंकापति रावण को बध करने जा रहे थे उन्होंने 9 दिन तक देवी मां की विधिवत पूजा की ।उसके बाद 10 में दिन रावण का वध किया था ।इस नवरात्रि की अगले दिन दशहरा मनाया जाता है ।जो बुराई पे अच्छाई का प्रतीक है ।
शारदीय नवरात्रि की तिथि 29 सितंबर नवरात्रि का पहला दिन प्रतिपदा कलश स्थापन और शैलपुत्री पूजन ।
दूसरे दिन ब्रम्हचारिणी की पूजन ।
तीसरे दिन चंद्रघंटा की पूजन
चौथे दिन कुष्मांडा की पूजन
पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजन
छठे दिन खष्टी पूजन
सातवां दिन कात्यायनी की पूजन
नवरात्रि का आठवां दिन अष्टमी कालरात्रि कन्या पूजन होता है। और 7 अक्टूबर नवरात्रि का नौवां दिन महा गौरी पूजन कन्या हवन ।
दशमी के दिन कलश विषर्जन के बाद विधिवत पूजा समाप्त हो जाता है।।
नवरात्रि की रौनक पूरे देश में देखने को मिलती है ।उत्तर भारत में 9 दिनों तक देवी मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। भक्त इस दौरान 9 दिनों तक व्रत रखते हैं ।

वही पंडित गगन झा के अनुसार इस बार माता का आगमन हाथी पर हुआ जो शुभ अभी हस्त नक्षत्र जी लेकिन माता की विदाई मुर्गा पर हुआ है जो अशुभ हैं ।इसको लेकर उलट पलट होने की बात भी बताया जा रहा है ।
बाईट शंकर राय
बाईट संगीता राय
बाईट गगन झा ज्योतिष
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