समस्तीपुर: चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस अब लगभग पूरे विश्व में फैल चुका है. इस वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित किया है. यह वायरस भारत में भी तेजी से फैल रहा है. इसके संभावित खतरे को देखते हुए प्रदेश में हाईअलर्ट जारी किए गए हैं.
एक ओर सरकार जहां इस वायरस पर लगाम लगाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. वहीं सोशल मीडिया पर इस वायरस को लेकर कई चर्चाएं भी हो रही है. सोशल मीडिया पर इस महामारी को लेकर कई तरह की अफवाहें भी फैलाई जा रही है. कोरोना को लोकर फैल रही अफवाहों के बीच ईटीवी की टीम ने जिले के होम्योपैथिक और आयुर्वेद क्षेत्र के अधिकारी से बातचीत की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश.
'इम्युनिटी सिस्टम को बेहतर करता है होम्योपैथ'
ईटीवी संवाददाता ने जब इस मामले पर जिला होम्योपैथिक अधिकारी डॉ महबूब आलम से बात कि तो उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से वर्तमान में पूरी विश्व जूझ रहा है. इस वायरस के लिए फिलहाल कोई मुकम्मल इलाज और दवाई नहीं है. इस वायरस के प्रभाव से बचने के लिए सबसे अहम है कि हमारा शरीर का इम्युनिटी सिस्टम कितना बेहतर है. होम्योपैथ हमारे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है. इसके लिए उन्होंने होम्योपैथिक चिकित्सकों के सुझाव के अनुसार इंफ्लूजाइनम 200 का चार दिन और आर्सेनिक 30 का तीन दिनों तक लगातार सेवन करना काफी कारगर है. यह दवाई हमारे शरीर में इम्युनिटी सिस्टम को बेहतर करता है.
'आयुर्वेद किसी वायरस को नही मानता'
वहीं, इस मामले पर जिला आयुर्वेदिक पदाधिकारी का कहना है कि आयुर्वेद किसी वायरस को नही मानता. यह रोग एक कफ जनित रोग है. उन्होंने कहा कि इस रोग में त्रिकटु, सितोपलादि, चंद्राअमृत काफी कारगर है. वहीं, स्वांस जनित रोगों को रोकने में मंगरैला काफी कारगर है . इसे एक कपड़े में बांध कर सूंघना काफी लाभदायक होता है.
क्या है कोरोना?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, यह वाइरस सी-फूड से जुड़ा है और इसकी शुरुआत चीन के वुहान नामक शहर से हुई थी. कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है. यह बीमारी खांसी और छींक के जरीए लोगों में फैल सकती है. फिलहाल कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है. एंटीबायोटिक दवाएं वायरस से नहीं लड़तीं, इसलिए इनका उपयोग व्यर्थ है. इस वायरस को लेकर आयुर्वेद और होम्योपैथ के अपने-अपने दावे है. सरकार ने वायरस को लेकर कई एडवाईजरी जारी किए है.